Wednesday, March 19, 2025
HomeBBN-EXCLUSIVEPOSITIVE V/S NAGATVE : कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ रही, लेकिन हर...

POSITIVE V/S NAGATVE : कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ रही, लेकिन हर दिन ठीक भी हो रहे हैं ढाई लाख लोग

Share:

अचानक आई विपदा से निपटना पूरे देश का सामूहिक उत्तरदायित्व

सरकारों को कोसने से पहले सोचें कि ऐसी आपदा की किसी को कल्पना नहीं थी

सभी प्रकार का मीडिया कमियों के साथ अच्छाइयों को भी उजागर करे

कोरोना वॉरियर्स तथा स्वस्थ लोगों का हौसला बनाए रखना आवश्यक

कन्हैया कोष्टी

अहमदाबाद, 22 अप्रैल, 2021 (बीबीएन)। कोरोना वायरस से फैली वैश्विक महामारी कोविड 19 की दूसरी लहर के बाद देश के मीडिया एवं टेलीविज़न न्यूज़ चैनलों से पश्चिम बंगाल विधानसभा 2021 अचानक लुप्त हो गया। सभी प्रकार के मीडिया में केवल कोरोना की नई लहर, अस्पतालों में बेड, वेंटिलेटर तथा ऑक्सीजन की कमी, उसके लिए जूझते लोगों, दम तोड़ते मरीज़ों और रोते-बिलखते परिजनों के अतिरिक्त कुछ नहीं दिखाया जा रहा। टीवी स्क्रीन पर न्यूज़ चैनल लगाते ही एक स्वस्थ आम आदमी के सामने यही दृश्य दिखाई देते हैं। ऐसे में प्रश्न उठता है कि 140 करोड़ की जनसंख्या वाले हमारे देश में क्या चारों तरफ़ रुदन ही रुदन है ? क्या सभी कोरोना संक्रमितों की मौत हो रही है ? क्या लाखों कोरोना मरीज़ ठीक होकर घर नहीं जा रहे ? तो फिर न्यूज़ तथा सोशल मीडिया सहित सभी पब्लिक प्लेटफॉर्म पर केवल रुदन ही क्यों दिखाया जा रहा है ? केवल सरकारों तथा प्रशासनों की आलोचनाएँ ही क्यों की जा रही हैं ? कोरोना की बीमारी से ठीक होकर सकुशल घर जा रहे लोगों के दृश्य, उनके चेहरे के संतोष और ख़ुशी को क्यों नहीं दिखाया जा रहा ? लाखों कोरोना संक्रमितों के बीच अपनी जान जोखिम में डाल कर मरीज़ों का इलाज कर रहे डॉक्टर, नर्स, सफ़ाई कर्मचारी सहित सभी कोरोना विरोधी योद्धा अचानक टीवी स्क्रीन से ग़ायब क्यों हैं ?

यह सही है कि देश में कोरोना संक्रमण की स्थिति विस्फोटक है और उससे भी अधिक दु:ख तथा पीड़ा की बात यह है कि अचानक बढ़े मरीज़ों के कारण उत्पन्न हुई स्थिति से निपटने में केन्द्र सहित सभी राज्य सरकारें और प्रशासन अपेक्षाओं के अनुरूप सफल नहीं हो पा रहा है, परंतु क्या देश की इस स्थिति के लिए केवल कोई शासन-प्रशासन ही ज़िम्मेदार है ? क्या आम जनता का कोई कर्तव्य नहीं था कि वह कोरोना को लेकर जारी गाइडलाइन का चुस्ती से पालन करते। वास्तव में तो इस स्थिति के लिए पूरे देश को सामूहिक ज़िम्मेदारी लेनी चाहिए। केवल किसी शासन-प्रशासन या नेता को कोसने से स्थितियाँ नहीं पलटेंगी, बल्कि सामूहिक ज़िम्मेदारी के साथ सामूहिक भागीदारी से ही भारत इस विकट स्थिति से उबर पाएगा।

कोरोना की नई लहर के बाद उत्पन्न स्थिति को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आलोचकों तो मानो खुला मैदान मिल गया। कांग्रेस सहित सभी नॉन-बीजेपी राजनीतिक दल, उनके नेता और आम जनता के बीच बैठे मोदी विरोधियों ने संकट की इस घड़ी में केवल और केवल व्यक्ति विरोध के नाम पर और अपने राजनीतिक लाभ के लिए सीधे-सीधे नरेन्द्र मोदी पर आलोचनाओं की बरसात कर रखी है, तो राज्यों में विभिन्न दलों की सरकारें भी वहाँ के विपक्षी दलों की आलोचनाओं का शिकार हो रही हैं। फिर चाहे राजस्थान में कांग्रेस सरकार की भाजपा आलोचना करे या मध्य प्रदेश में भाजपा सरकार की कांग्रेस आलोचना करे। इससे क्या हल निकलने वाला है ?

यह कमियाँ सुधारने और एकजुटता रखने का समय है

वास्तव में देश पर आई इतनी बड़ी अभूतपूर्व विपदा के समय लोगों को एकजुट होना चाहिए। जिन लोगों की कोरोना से मौत हो रही है, उनके प्रति संवेदनाएँ ज़रूर हों, परंतु जो जीवित तथा स्वस्थ हैं, उन्हें शासन-प्रशासन की आलोचनाओं में पड़ने की बजाय सरकारों की या सीधे पीड़ितों की मदद करने का प्रयास करना चाहिए और ऐसा कई सेवाभावी एवं धार्मिक संगठन कर भी रहे हैं।

अच्छे पहलू भी उजागर होने चाहिए

यह बात भी शत प्रतिशत सही है कि करोड़ों प्रकार के प्रयासों के बावजूद कोरोना संक्रमण की दर में कमी नहीं आ रही है और स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव में हज़ारों लोगों की मौत हो रही है, परंतु इन सबके बीच इस बात पर भी ग़ौर करना चाहिए कि हमारे कोरोना वॉरियर्स तथा शासन-प्रशासन के प्रयासों के कारण ही लाखों लोग स्वस्थ और ठीक होकर घरों की ओर भी जा रहे हैं। पिछले 24 घण्टों के आँकड़ों को ही देखें, तो पिछले 24 घण्टों में 2 लाख 61 हज़ार 162 कोरोना मरीज़ स्वस्थ होकर घर लौट चुके हैं। भले ही इन 24 घण्टों में देश में 3 लाख 60 हज़ार से अधिक लोग कोरोना संक्रमित हुए और 3,293 लोगों को जान भी गँवानी पड़ी, परंतु ठीक होने वालों की संख्या भी कम तो नहीं है। इस विकट और अवसादग्रस्त कर देने वाली स्थिति में क्या सभी प्रकार के मीडिया का यह दायित्व भी नहीं बनता कि वह कुछ अच्छे पहलुओं को भी स्वस्थ जनता के सामने रखे ?

RELATED ARTICLES

Recent Post

Categories

Stay Connected

Popular Searches

- Vadnagar development"गुजरात डिजिटल पहल""ग्रामीण इंटरनेट कनेक्टिविटी""ग्रामीण क्षेत्रों में इंटरनेट""फाइबर टू द होम""स्मार्ट होम्स""हर घर कनेक्टिविटी"“SHC યોજના હેઠળ તેમને માત્ર જરૂરી ખાતરોનો મર્યાદિત માત્રામાં ઉપયોગ કરવાની ભલામણ કરવામાં આવી હતી000 કરોડ રોકાણ000 જેટલા નમુનાઓનું પૃથ્થકરણ પૂર્ણ થઇ ગયેલ છે. ઉપરાંત રવિ-2025 સીઝનમાં 2000 જેટલા માટીના નમૂનાઓનું પરીક્ષણ કરવા માટે સજ્જ છે. સોઇલ હેલ્થ કાર્ડ યોજના ખેડૂતોને તેમની જમીનને અસરકારક રીતે સમજવા અને તેમાં સુધારો કરવામાં000 નમૂનાઓનું પરીક્ષણ કરવાનો છે. ગુજરાત સરકાર પણ આ લક્ષ્યાંકને સમયસર હાંસલ કરવા માટે પ્રતિબદ્ધ છે000-1112 lakh tax free181 Abhayam2025 बजट215 નમૂનાઓ રાજ્ય સરકાર દ્વારા એકત્રિત કરી લેવામાં આવ્યા છે જે પૈકી 3286 નમૂનાઓનું વિશ્લેષણ કરવામાં આવ્યું હતું. વર્ષ 2024-25માં SHC યોજના હેઠળ ગુજરાત માટે ભારત સરકારનો ખરીફ ઋતુ માટેનો લક્ષ્યાંક 335