
पाकिस्तान ‘भूल’ नहीं सकता, तो भारत का ‘सुमिरन’ भी अनंत है…
एक ‘युद्ध’ लड़ रहे भारत विवश हो गया है दूसरे ‘युद्ध’ के लिए ?
कोरोना संक्रमण काल में भी ‘सीधा’ नहीं रह रहा नापक पाकिस्तान
हंदवाड़ा में हद हो गई : भारत अब ‘जड़’ को ही मिटाने के मूड में ?
विश्लेषण : कन्हैया कोष्टी
अहमदाबाद (5 मई, 2020)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाला समूचा शासन, सभी मंत्रिमंडलीय सहयोगी तथा सभी प्रशासन व अधिकारी इस समय राष्ट्र पर कोरोना वायरस (CORONA VIRSU) के कारण आन पड़ी वैश्विक महामारी कोविड 19 (COVID 19) के विरुद्ध युद्ध लड़ रहे हैं। देश के कोने-कोने में कोरोना की जड़ों तथा जंज़ीरों को उखाड़ फेंकने का महाभियान चल रहा है।
इन सबके बीच भारत के मस्तक को रक्तरंजित किए जाने के समाचारों को अधिक महत्व नहीं मिल पाया, जहाँ पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों से मुठभेड़ में भारतीय सेना (INDIA ARMY) के एक कर्नल, एक मेजर सहित पाँच जवानों ने अपने प्राणों की आहूति दे दी, तो एक अन्य आतंकवादी आक्रमण में केन्द्रीय रिज़र्व पुलिस बल (केरिपुब-CRPF) के तीन लाल बलिदान हो गए।
यद्यपि आज शासन से लेकर प्रजा तक भले ही इस समय सुरसा के मुँह की तरह लोगों के जीवन को निगल रहे कोविड 19 की ही चर्चा है, परंतु प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार इस राष्ट्रीय आपदा के बीच भी राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर न केवल पूरी तरह सतर्क है, वरन् पिछले 36 घण्टों में घटे घटनाक्रमों से यह संकेत भी मिल रहा है कि कश्मीर (KASHMIR) में शीघ्र ही कुछ ‘बड़ा’ होने वाला है।
मोदी सहित शाह, राजनाथ, जशंकर व डोवाल हैं सावधान !

एक ओर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कोरोना विरोधी युद्ध की पूरी कमान संभाल रखी है, तो दूसरी ओर राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर मोदी सहित गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री एस. जयशंकर एवं राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजित डोवाल पूरी तरह सावधान एवं सतर्क हैं और सभी की निगाहें कश्मीर पर निरंतर लगी हुई हैं, जहाँ पाकिस्तान कोरोना संकट के पश्चात् भी एक ओर युद्ध विराम (CEASEFIRE) का बारम्बार उल्लंघन कर रहा है आतंकवादियों की निरंतर घुसपैठ करा रहा है, तो दूसरी ओर सीमा पर से आतंकवादियों को भेजने का घृणास्पद कृत्य कर रहा है।
पाकिस्तान की भ्रांति को इस प्रकार तोड़ रहा भारत
वास्तव में पाकिस्तान यह ग़लतफहमी पाले बैठा है कि भारत कोरोना विरोधी युद्ध में व्यस्त है। इसलिए वह मौक़े का फायदा उठा कर भारत के मस्तक को रक्तरंजित करने के षड्यंत्र रच रहा है और उन्हें अंजाम भी दे रहा है।
प्राय: पाकिस्तान कश्मीर को लेकर इस भ्रम व दावे का प्रचार करता है कि वह कश्मीर को कभी भूल नहीं सकता, तो इमरान ख़ान को पाकिस्तान सैनिकों को मुँहतोड़ जवाब एवं आतंकवादियों को मौत की नींद सुला कर भारत ने यह भली-भाँति अनुभूति करा दी है कि भारत तो निरंतर कश्मीर का सुमिरन करता है। उसके लिए कश्मीर भूलने या याद करने का विषय ही नहीं है।
उधर सुरक्षा बलों, इधर शंकर ने ली पाकिस्तान की ‘ख़बर’
कोरोना संकट के बीच कश्मीर में दो बड़ी आतंकवादी घटनाएँ घट गईं, जिनमें कुपवाड़ा जिले के हंदवाड़ा (HANDWARA) के आतंकियों के साथ सेना की भीषण मुठभेड़ (HANDWARA ENCOUNTER) हुई। सुरक्षा बलों ने हंदवाड़ा मुठभेड़ अपने 5 जवानों की बलि चढ़ा कर संगठन लश्कर-ए-तैयबा (Lashkar-e-taiba) के टॉप कमांडर हैदर सहित दो कुख्यात आतंकवादियों को ढेर कर दिया।
इतना ही नहीं हंदवाड़ा के ही वंगाम इलाक़े में आतंकियों ने सीआरपीएफ को निशाना बनाया, जिसमें तीन जवान शहीद हो गए। सीआरपीएफ की जवाबी कार्रवाई में आक्रमणकारी आतंकवादी फरार हो गए। इतना ही नहीं, भारतीय सेना नियंत्रण रेखा (LoC) पर भी बार-बार सीज़फायर तोड़ रही पाकिस्तानी सेना को क़रारा जवाब दे रही है। उधर सुरक्षा बल पाकिस्तानी सेना व आतंकियों की ख़बर ले रहे हैं, तो इधर दिल्ली में विदेश मंत्री एस. जयशंकर को कश्मीर पर खुली चेतावनी दे डाली।
‘ख़ाली करो PoK, पूरा कश्मीर हमारा’

पाकिस्तान का ‘भारत की कोरोना व्यस्तता’ का भ्रम सोमवार को फिर एक बार टूट गया, जब भारत ने पाकिस्तान को स्पष्ट व कड़ा संदेश दिया, ‘ख़ाली करो पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके), क्योंकि पूरा कश्मीर हमारा है।’ वास्तव में पाकिस्तानी उच्चतम् न्यायालय (SUPREME COURT) ने पीओके में गिलगित एवं बाल्टिस्तान में आम चुनाव कराने का निर्णय घोषित किया है। भारत ने इस पर कड़ी व धारदार आपत्ति व्यक्त की है।
विदेश मंत्रालय ने सोमवार को पाकिस्तानी दूतावास के एक वरिष्ठ राजनियक को बुला कर न केवल कड़ी फटकार लगाई, अपितु स्पष्ट शब्दों में कहा,
‘जम्मू कश्मीर भारत का एक अटूट एवं अविभाज्य भाग है। जम्मू-कश्मीर का जो भी क्षेत्र पाकिस्तान के पास है, वह उसके अवैध अधिग्रहण में है, इसलिए वह उसे तुरंत खाली करे। पूरा जम्मू कश्मीर, लद्दाख और गिलगित-बाल्टिस्तान समेत वह पूरा क्षेत्र भारत का है। इसलिए पाकिस्तान अपने अवैध अतिक्रमण वाले जम्मू-कश्मीर के सभी हिस्सों (पीओके) को तत्काल ख़ाली करे।’
जवानों के बलिदान आक्रमक मोदी सरकार बड़े एक्शन के मूड में ?

इन सभी घटनाक्रमों में सर्वाधिक महत्वपूर्ण यह है कि भारत को हंदवाड़ा एनकाउंटर में बड़ी क्षति हुई है। सेना के एक कर्नल, एक मेजर सहित 4 जवान तथा जम्मू कश्मीर पुलिस का एक जवान और तत्पश्चात् सीआरपीएफ पर आतंकी आक्रमण में 3 जवान… इस प्रकार 24 घण्टों में 8 जवानों के बलिदान से भारत क्रुद्ध है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह दोनों ने जवानों के बलिदान पर न केवल श्रद्धांजलि दी, अपितु यह भी कहा कि उनका बलिदान वृथा (व्यर्थ) नहीं जाएगा।
ऐसे में प्रश्न यह उठ रहा है कि क्या मोदी सरकार अब पाकिस्तान के विरुद्ध आर-पार की लड़ाई के मूड में है ? यदि भारत कोरोना संकट के बीच भी पाकिस्तान को पीओके ख़ाली करने का कड़ा संदेश दे रहा है, तो क्या इससे यह संकेत नहीं मिलता कि मोदी, शाह, जयशंकर एवं अजित डोवाल भारत के मस्तक कश्मीर में बार-बार रक्त बहाने वाले पाकिस्तानी वायरस की चेन तोड़ने के मूड में है ?
यदि पीओके खाली कराने की बात भारत कर रहा है, तो क्या यह सीधा-सीधा पाकिस्तान को युद्ध की चुनौती नहीं है, क्योंकि पाकिस्तान भारत को पीओके भेंट में तो नहीं देने वाल ? ऐसे में संभावना है कि मोदी सरकार कोरोना संकट व लॉकडाउन (LOCKDOWN) के बीच ही कश्मीर में कुछ ‘बड़ा’ करने की तैयारी कर रही है, ताकि झगड़े की जड़ ही समाप्त हो जाए।
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