Wednesday, March 19, 2025
HomeBBN-EXCLUSIVEAFTER CORONA : महाशक्तियों में होगा महासंग्राम, भारत के लिए बनेगा ‘विश्व...

AFTER CORONA : महाशक्तियों में होगा महासंग्राम, भारत के लिए बनेगा ‘विश्व गुरु’ वरदान ?

Share:
कोरोना

दो कटु व परंपरागत शत्रुओं पर भी हावी होगा भारत

विश्लेषण : कन्हैया कोष्टी
अहमदाबाद (11 मई, 2020)। वर्ष 2020 को वर्ष 2019 एवं वर्ष 2021 के बीच गेप इयर माना जाने लगा है। पूरे विश्व ने मान लिया है कि 2020 का खेल कोरोना ने बिगाड़ दिया है। 2020 के आरंभ में पूरे विश्व पर प्राणघातक संकट के रूप में आक्रमण करने वाले कोरोना वायरस से जो स्थितियाँ बिगड़ी हैं या बिगड़ रही हैं, उन्हें सुधारते-सुधारते 2020 का अंत भी हो जाएगा।
यही कारण है दूरदृष्टा अब विश्व को दो श्रेणियों में बाँट कर देख रहे हैं। एक विश्व था कोरोना से पहले का यानी दिसंबर-2019 तक का विश्व। दूसरा विश्व होगा कोरोना के बाद का यानी जनवरी-2021 से शुरू होने वाले नए दौर का। 2019 के विश्व में अमेरिका की तूती बोलती थी। रूस स्वयं को अमेरिका की होड़ में लगातार बनाए रखता था। चीन दक्षिण एशिया में भारत को चुनौती तथा एशिया में रूस के साथ मिल कर अमेरिका की बराबरी या उससे आगे निकल जाने की कोशिशों में था। ब्रिटेन, जर्मनी एवं फ्रांस विश्व पर यूरोप एवं अमेरिका का दबदबा बनाए रखने की जुगत में थे।

अब महाशक्तियों के बीच टकराव का दौर

कोरोना
दिसंबर-2019 तक जो वैश्विक समीकरण थे, उनके जनवरी-2021 से पूरी तरह बदल जाने की संभावना है। कोरोना ने विश्व की महासत्ताओं तथा कई बड़ी शक्तियों को एक-दूसरे का शत्रु बना दिया है, जिसमें सबसे बड़ा संघर्ष अमेरिका तथा चीन के बीच उत्पन्न होने वाला है, क्योंकि जिस कोरोना ने अमेरिका में जान-माल की सबसे अधिक हानि पहुँचाई है, उसका उत्पत्ति स्थान चीन को माना जाता है। यही कारण है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कोरोना को चीनी वायरस बताते हुए संकट समाप्त होते ही चीन की चमड़ी उधेड़ने की तैयारी कर ली है, तो दूसरी ओर चीन के चिरायु राष्ट्रपति शी जिनपिंग भी कोरोना को लेकर वैश्विक दबाव के पश्चात् भी सीना तान कर अमेरिका सहित सभी विरोधियों को आँखें दिखा रहे हैं।

इधर रूस, उधर यूरोपीय देश

कोरोना के बाद प्रथम सशस्त्र संघर्ष अमेरिका व चीन के बीच ही होने की सर्वाधिक आशंका है। ऐसे में चीन को जहाँ अपने परंपरागत मित्र पड़ोसी रूस का पूरा समर्थन मिल रहा है, वहीं अमेरिका के साथ खड़े हैं उसके परंपरागत यूरोपीय मित्र राष्ट्र ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, जापान आदि। कोरोना के बाद विश्व की इन बड़ी-बड़ी शक्तियों के बीच आपसी टकराव बढ़ने की निश्चित आशंका है। इसके पीछे संबंधित राष्ट्रों व राष्ट्राध्यक्षों के निहित स्वार्थ भी हैं। डोनाल्ड ट्रम्प अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव 2021 से पहले जनता के समक्ष स्वयं को दमदार सिद्ध करने के लिए चीन के विरुद्ध कदम उठाने पर विवश होंगे, तो रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन चीन के साथ मित्र धर्म निभाने का कर्तव्य पूरा करते हुए अपने चिर प्रतिद्वंद्वी अमेरिका को पछाड़ने का अवसर हाथ से जाने नहीं देंगे। इसी प्रकार यूरोपीय देशों को विश्व में वर्चस्व बनाए रखना है, तो उन्हें अमेरिका के साथ खड़ा होना ही होगा।

इस प्रकार ‘विश्व गुरु’ बन सकता है भारत

कोरोना
आफ्टर कोरोना वर्ल्ड में भारत की क्या भूमिका होगी ? इस प्रश्न का उत्तर बहुत ही सरल है। भारत तटस्थ एवं साक्षी भाव की भूमिका में होगा। विश्व में भारत का नाम सदैव शांति, अहिंसा, भाईचारा, सदाचार व परोपकार जैसे गुणों के कारण आदर के साथ लिया जाता है। कोरोना संक्रमण काल में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत की इसी सद्गुणी छवि को उजागर करते हुए न केवल अमेरिका, इज़राइल, ब्राज़ील जैसे छोटे-बड़े कई मित्र राष्ट्रों की ही नहीं, वरन् मलेशिया सहित कई उन राष्ट्रों की भी हाइड्रोक्सी क्लोरोक्विन (HCq) जैसी दवाइयाँ भेज कर सहायता की, जो भारत से खुली या गुप्त शत्रुतता य द्वेषभाव रखते हैं। अमेरिका-चीन के बीच होने वाली संभावित टक्कर में भारत न तो अमेरिका और न ही चीन का साथ या विरोध करेगा, क्योंकि एक पक्ष में भारत का सुदृढ़ मित्र अमेरिका होगा, तो दूसरे पक्ष में भारत का सदाबहार व सर्वाधिक सर्वश्रेष्ठ मित्र रूस होगा। ऐसी स्थिति में भारत केवल मानवीय सहायता की भूमिका निभा सकता है। इसी आधार पर भारत आफ्टर कोरोना वर्ल्ड में एक नई शक्ति बन कर उभर सकता है।
22 मई को होगा भारत का विशिष्ट सम्मान
कोरोना के बाद वैश्विक समीकरण व शक्ति के केन्द्र अत्यंत तीव्रता से बदल रहे हैं। एक ओर मोदी के नेतृत्व में भारत ने अपने यहाँ कोरोना पर लॉकडाउन के माध्यम से कोरोना पर विकसित देशों की तुलना में श्रेष्ठ रूप से नियंत्रण पाया, वहीं नि:स्वार्थ व राग-द्वेष रहित भाव से विश्व की सहायता की। भारत के इस सराहनीय प्रयासों से स्वास्थ्य क्षेत्र के सबसे बड़े विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) भी अत्यंत प्रसन्न है। यही कारण है कि डब्ल्यूएचओ के आगामी 22 मई को होने महासम्मेलन में भारत को डब्ल्यूएचओ के कार्यकारी बोर्ड का अध्यक्ष पद देने का निर्णय किया गया है।

शांतिदूत भारत को चिरशत्रुओं से भी मिलेगी राहत

कोरोना
कोरोना के बाद यदि वैश्विक महाशक्तियाँ आपस में टकराती हैं, तो भारत को अपने दो चिरशत्रुओं से भी बड़ी राहत मिल सकती है। इसमें परंपरागत शत्रु पाकिस्तान को तो भारत जब चाहे, तब कुचल सकता है, परंतु भारत की उदारता का लाभ उठाते हुए पाकिस्तान निरंतर भारत का अहित करने को आतुर रहता है। यदि चीन अमेरिका से संघर्ष में व्यस्त हो गया, तो उसकी मदद के भरोसे ज़िंदा पाकिस्तान और ख़स्ताहाल हो जाएगा। यही वह समय होगा, जब भारत पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) की वापसी के लिए मिशन पीओके को परिणाम तक ले जाए। दूसरी तरफ भारत से अधिक शक्तिशाली होने का दाम भरने वाला चीन प्राय: सीमा पर ग़ुस्ताखियाँ करता है। यदि चीन अमेरिका के साथ संघर्ष में कमज़ोर पड़ता है, तो यह भी भारत के हित में ही होगा।
Bhavy Bhaarat News
Bhavy Bhaarat News
भव्य भारत न्यूज़’ प्राचीतनम् भारत के महान वैभव एवं गौरव को आधुनिकतम् युग में जन-जन तक पहुँचाने का महायज्ञ, महाप्रयोग, महाप्रयास तथा महाभियान है। ‘भव्य भारत न्यूज़’ की ‘राष्ट्र – धर्म सर्वोपरि’ की मूल भावना में ‘विश्व कल्याण’ की विराट भावना भी समाहित है। इस मंच से हम ‘भारत’ को ‘भारत’ के ‘अर्थ’ से अवगत कराने का सकारात्मक, सारगर्भित एवं स्वानुभूत प्रयास करेंगे। ‘राष्ट्र सर्वोपरि’ तथा राष्ट्र को ही परम् धर्म के रूप में स्वीकार करते हुए कोटि-कोटि भारतवासियों व भारतवंशियों तक आधुनिक विज्ञान के माध्यम से प्राचीनतम्, परंतु आधुनिक-वैज्ञानिक व अनुभूतिपूर्ण ज्ञान परंपरा का जन-जन में प्रचार-प्रसार करना ही हमारा उद्देश्य है।
RELATED ARTICLES

Recent Post

Categories

Stay Connected

Popular Searches

- Vadnagar development"गुजरात डिजिटल पहल""ग्रामीण इंटरनेट कनेक्टिविटी""ग्रामीण क्षेत्रों में इंटरनेट""फाइबर टू द होम""स्मार्ट होम्स""हर घर कनेक्टिविटी"“SHC યોજના હેઠળ તેમને માત્ર જરૂરી ખાતરોનો મર્યાદિત માત્રામાં ઉપયોગ કરવાની ભલામણ કરવામાં આવી હતી000 કરોડ રોકાણ000 જેટલા નમુનાઓનું પૃથ્થકરણ પૂર્ણ થઇ ગયેલ છે. ઉપરાંત રવિ-2025 સીઝનમાં 2000 જેટલા માટીના નમૂનાઓનું પરીક્ષણ કરવા માટે સજ્જ છે. સોઇલ હેલ્થ કાર્ડ યોજના ખેડૂતોને તેમની જમીનને અસરકારક રીતે સમજવા અને તેમાં સુધારો કરવામાં000 નમૂનાઓનું પરીક્ષણ કરવાનો છે. ગુજરાત સરકાર પણ આ લક્ષ્યાંકને સમયસર હાંસલ કરવા માટે પ્રતિબદ્ધ છે000-1112 lakh tax free181 Abhayam2025 बजट215 નમૂનાઓ રાજ્ય સરકાર દ્વારા એકત્રિત કરી લેવામાં આવ્યા છે જે પૈકી 3286 નમૂનાઓનું વિશ્લેષણ કરવામાં આવ્યું હતું. વર્ષ 2024-25માં SHC યોજના હેઠળ ગુજરાત માટે ભારત સરકારનો ખરીફ ઋતુ માટેનો લક્ષ્યાંક 335