Wednesday, March 19, 2025
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गुजरात के आकाश में 24-25 जनवरी की रात होगी पांच ग्रहों की परेड, दिखेगा अद्भुत नजारा

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गुजरात विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद द्वारा इस दुर्लभ खगोलीय घटना को देखने के लिए सार्वजनिक अवलोकन कार्यक्रमों का आयोजन

गुजरात साइंस सिटी, सभी क्षेत्रीय विज्ञान केंद्रों और कम्यूनिटी साइंस सेंटरों में आयोजित होंगे सार्वजनिक अवलोकन कार्यक्रम, खगोल विज्ञान से संबंधित कार्यशालाएं एवं विशेष प्रदर्शनियां

गांधीनगर, 24 जनवरी : आम लोगों, विशेषकर राज्य के युवाओं एवं विद्यार्थियों में विज्ञान के प्रति रुचि पैदा करने के उद्देश्य से गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री और मौजूदा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राज्य में एक अलग विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की शुरुआत की थी। आज मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व में राज्य का विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग युवाओं एवं विद्यार्थियों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित करने तथा महत्वपूर्ण वैज्ञानिक घटनाओं के संबंध में राज्य के आम लोगों को भी अवगत कराने के लिए लगातार काम कर रहा है।

ऐसी ही एक महत्वपूर्ण एवं दुर्लभ खगोलीय घटना 24 और 25 जनवरी, 2025 की रात गुजरात के आकाश में नजर आएगी, जब सूर्य के आसपास चक्कर लगाने वाले आठ ग्रहों में से पांच ग्रहों का संरेखण होगा यानी ये पांच ग्रह एक सीध में नजर आएंगे। इसे यूं भी कह सकते हैं कि 24 और 25 जनवरी की रात को आकाश में ग्रहों की परेड (प्लैनेटरी परेड) होगी।

इस अद्भुत घटना का गवाह बनने के लिए तथा इस खगोलीय घटना को राज्य के लोगों तक पहुंचाने के लिए गुजरात के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के अंतर्गत कार्यरत गुजरात विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद (जीयूजेसीओएसटी) की ओर से गुजरात साइंस सिटी, क्षेत्रीय विज्ञान केंद्रों (आरएससी) और राज्य भर के कम्यूनिटी साइंस सेंटरों (सीएससी) के सहयोग से सार्वजनिक अवलोकन कार्यक्रमों (पब्लिक ऑब्जर्वेशन प्रोग्राम्स) की शृंखला का आयोजन किया गया है।

ग्रहों की परेड और उसका वैज्ञानिक महत्व

ग्रहों की परेड तब होती है, जब कई ग्रह आकाश के एक ही क्षेत्र में संरेखित होते हैं, जिसे पृथ्वी से देखा जा सकता है। 24 और 25 जनवरी को होने वाली ग्रहों की परेड में बुध, शुक्र, मंगल, गुरु और शनि समेत पांच ग्रह एक सुंदर आकाशीय चाप के आकार में संरेखित होंगे, जिससे आकाश में एक शानदार नजारा दिखाई देगा। यह संरेखण सूर्य के चारों ओर अपनी कक्षाओं में ग्रहों की सापेक्ष स्थिति के द्वारा निर्मित एक दृश्य घटना है।

आकाश में होने वाले ग्रहों के ऐसे संरेखण शैक्षिक और वैज्ञानिक दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण हैं। ऐसी घटनाएं ग्रहों की गति, क्रांतिवृत्त तल (एक्लिप्टिक प्लेन) और हमारे सौर मंडल की विशालता का अवलोकन करने और उसके बारे में सीखने का एक अनोखा अवसर प्रदान करती हैं। साथ ही, ऐसी घटनाएं खगोल विज्ञान में आम लोगों की दिलचस्पी को बढ़ाती है तथा विद्यार्थियों एवं अंतरिक्ष को लेकर उत्साही लोगों में वैज्ञानिक जिज्ञासा को प्रोत्साहन देती है।

ग्रहों की परेड हमारे ब्रह्मांड में मौजूद आश्चर्यों का प्रतिबिंब है। ऐसे अवलोकन कार्यक्रमों के आयोजन के पीछे गुजरात विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद का उद्देश्य युवाओं और आम लोगों में जिज्ञासा पैदा करना है, ताकि आकाशीय यांत्रिकी और ब्रह्मांड के बारे में उनकी समझ बढ़े।

गुजरात भर में आयोजित होंगे कार्यक्रम

गुजरात विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद ने यह सुनिश्चित करने की व्यापक व्यवस्था की है कि जीवन के हर क्षेत्र के लोग इस खगोलीय घटना का आनंद उठा सकें। इसके अंतर्गत गुजरात साइंस सिटी, अहमदाबाद में लाइव टेलीस्कोपिक ऑब्जर्वेशन और विशेषज्ञों के साथ संवाद (एक्सपर्ट टॉक) का कार्यक्रम आयोजित किया गया है। क्षेत्रीय विज्ञान केंद्र (भावनगर, भुज, पाटण और राजकोट) में निर्देशित रात्रि आकाश अवलोकन सत्र, इंटरैक्टिव खगोल विज्ञान कार्यशालाओं और विशेष प्रदर्शनियों का आयोजन किया गया है, जबकि कम्यूनिटी साइंस सेंटरों में ग्रहों की गति और आकाशीय संरेखण के पीछे के विज्ञान को समझाने के लिए व्यावहारिक गतिविधियों एवं प्रदर्शनियों का आयोजन किया गया है।

इन कार्यक्रमों को विद्यार्थियों, शिक्षकों और आम लोगों में ग्रहों की परेड के पीछे के वैज्ञानिक सिद्धांतों की समझ विकसित करने के साथ-साथ हमारे ब्रह्मांड में मौजूद आश्चर्यों के बारे में जिज्ञासा का भाव पैदा करने के लिए डिजाइन किया गया है।

खगोलीय घटना के अवलोकन के लिए सुझाव

•  समय : यदि मौसम अनुकूल हो, तो ग्रहों की परेड देखने का सबसे बढ़िया समय दोनों रातों में 7.00 से 10.00 बजे के बीच है।

• स्थान : बेहतरीन दृश्य के लिए शहर से दूर साफ आसमान और घने अंधेरे वाला स्थान चुनें।

• दूरबीन/टेलीस्कोप : वैसे तो ग्रहों को नग्न आंखों से देखा जा सकता है, लेकिन गुरु के उपग्रहों एवं शनि के वलयों को देखने के लिए दूरबीन या टेलीस्कोप की मदद लेने पर यह अनुभव और भी बेहतर हो सकता है।

• दिशा : बुध और शुक्र ग्रह के लिए सूर्यास्त के बाद पश्चिमी क्षितिज की ओर देखें, जबकि मंगल, गुरु और शनि आकाश में ऊपर की ओर नजर आएंगे।

•  स्काइ ऐप्स : ग्रहों और उनकी स्थिति के बारे में जानने के लिए मोबाइल एस्ट्रोनॉमी ऐप्स का उपयोग करें। यह एक भव्य और अद्भुत खगोलीय घटना का गवाह बनने और ब्रह्मांड के साथ जुड़ने का दुर्लभ अवसर है। इस मौके पर गुजरात विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद सभी लोगों को अवलोकन कार्यक्रमों में हिस्सा लेने और सौर मंडल में मौजूद अजूबों की खोज करने के लिए आमंत्रित करता है।

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