• दिल्ली में मध्यम वर्गीय लोगों की संख्या 45 प्रतिशत
• स्विंग वोटर्स में शामिल है यही मध्यम वर्ग
• पलटी नहीं मारी, तो भाजपा को होगा बड़ा फायदा
अहमदाबाद, 01 फरवरी : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के लिए होने वाले मतदान से ठीक चार दिन पहले ऐसा बाण छोड़ा है, जो दिल्ली में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आआपा-एएपी) तथा उसके संयोजक व पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के किले को ध्वस्त कर सकता है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने शुक्रवार को संसद में पेश किए बजट में मध्यम वर्ग के लिए 12 लाख रुपए तक की आयकर छूट की घोषणा की। इस घोषणा ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। इस बजट की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इससे न केवल देशभर में, बल्कि विशेष रूप से दिल्ली में रहने वाले 45 प्रतिशत मध्यम वर्गीय लोगों को सीधा लाभ मिलेगा।

दिल्ली में मध्यम वर्ग की आबादी लगभग 45 प्रतिशत है। यह वर्ग न केवल आर्थिक रूप से सक्षम है, बल्कि राजनीतिक दृष्टि से भी एक महत्वपूर्ण ‘स्विंग वोटर’ की भूमिका निभाता है। यह वही वर्ग है, जो लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा-बीजेपी) को भर-भरकर वोट देता है, लेकिन विधानसभा चुनाव में स्विंग होकर केजरीवाल के पक्ष में उतने ही उत्साह से मतदान करता है।
मोदी का बजट बाण निश्चित रूप से भाजपा के लिए दिल्ली में एक बड़ी राजनीतिक सफलता साबित हो सकता है। यदि 12 लाख तक की आय पर टैक्स छूट से दिल्ली का मध्यम वर्ग प्रसन्न होता है, दिल्ली विधानसभा चुनावों के लिए 5 फरवरी को होने वाले मतदान में वह भाजपा को ही वोट कर सकता है, जिससे भाजपा को जबरदस्त फायदा हो सकता है। खासतौर पर दिल्ली जैसे शहरी क्षेत्र में, जहाँ टैक्स देने वाला मध्यम वर्ग सरकार की कर नीतियों से सीधा प्रभावित होता है, यह बजट लोगों को भाजपा की ओर मोड़ सकता है।

दिल्ली में अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी तथा उनकी सरकार मुख्य रूप से मुफ्त बिजली, पानी, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसी लोकलुभावन योजनाओं पर निर्भर रही है। हालांकि, मध्यम वर्ग को कर राहत देने वाला यह फैसला केजरीवाल सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती बन सकता है।
अब सवाल यह उठता है कि क्या एएपी सरकार इस घोषणा के प्रभाव को कम करने के लिए कोई नया कदम उठाएगी? अगर नहीं, तो यह बजट भाजपा के लिए एक मजबूत राजनीतिक हथियार साबित हो सकता है, जो केजरीवाल के किले को कमजोर कर सकता है।
दिल्ली का मध्यम वर्ग भाजपा के इस कर राहत प्रस्ताव को कितना सकारात्मक रूप से लेता है। यह आने वाले समय में साफ हो जाएगा। अगर भाजपा इस मुद्दे को सही रणनीति के साथ आगे बढ़ाती है और मध्यम वर्ग को अपने पक्ष में करने में सफल होती है, तो केजरीवाल सरकार को चुनावी नुकसान उठाना पड़ सकता है।
Read Also : दिल्ली : क्या केजरीवाल के लिए ‘यम’ बनने जा रही यमुना ?