Sunday, March 23, 2025
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मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने गुजरात ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर पॉलिसी (2025-30) लॉन्च की

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• पॉलिसी अंतर्गत राज्य में कम से कम 250 नए जीसीसी की स्थापना का लक्ष्य

• 10 हजार करोड़ रुपए से अधिक के निवेश एवं 50 हजार से अधिक रोजगार के अवसरों की संभावना

• कैपेक्स व ऑपेक्स सहायता सहित अनेक प्रोत्साहनों से युक्त जीसीसी पॉलिसी में कौशल निर्माण को महत्व दिया गया

गांधीनगर, 11 फरवरी : मुख्यमंत्री भूपेद्र पटेल ने मंगलवार को गांधीनगर स्थित गिफ्ट सिटी से गुजरात ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर पॉलिसी (2025-30) लॉन्च की।

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा यह गुजरात ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर (जीसीसी) पॉलिसी राज्य में हाई वैल्यू जॉब, स्किल डेवलपमेंट तथा इनोवेशन व डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन को प्रोत्साहन देने के साथ इन्फ्रास्ट्रक्चर फैसिलिटीज व कनेक्टिविटी में वृद्धि कर आर्थिक वृद्धि और वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता बनाए रखते हुए गुजरात को पसंदीदा जीसीसी हब के रूप में स्थापित करने के लिए तैयार की गई है।

मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने गिफ्ट सिटी के चेयरमैन डॉ. हसमुख अढिया, प्रबंध निदेशक तपन रे, नीति आयोग के निदेशक देबजानी घोष तथा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की प्रधान सचिव मोना खंधार व आमंत्रित उद्यमियों की उपस्थिति में यह पॉलिसी लॉन्च की।

पटेल ने जीसीसी पॉलिसी लॉन्च करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पॉलिसी ड्रिवन स्टेट के रूप में गुजरात में सेक्टर स्पेशिफिक पॉलिसीज फ्रेमवर्क से नए एवं इमर्जिंग सेक्टर के उद्योगों के लिए सानुकूल वातारण उत्पन्न किया है।

इस संदर्भ में मुख्यमंत्री ने जोड़ा कि प्रधानमंत्री के पदचिह्नों पर चलते हुए वर्तमान सरकार ने भी पिछले 3 वर्षों में सेमीकंडक्टर पॉलिसी, ग्रीन हाइड्रोजन पॉलिसी, आईटी व आईटीईएस पॉलिसी, टेक्सटाइल पॉलिसी, रिन्यूएबल एनर्जी पॉलिसी तथा बायोटेक्नोलॉजी पॉलिसी जैसी इमर्जिंग सेक्टर्स की अनेक पॉलिसीज घोषित की हैं।

मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने राज्य के पॉलिसी ड्रिवन ग्रोथ की कड़ी में आगे बढ़ते हुए अब 2025 से 30 यानी पाँच वर्ष के लिए नई गुजरात ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर पॉलिसी की घोषणा की।

इस पॉलिसी में नए कैपेबिलिटी सेंटर्स के लिए रोजगार सहायता, ब्याज सहायता, इलेक्ट्रिसिटी रिएम्बर्समेंट सहित विभिन्न प्रोत्साहन भी दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि इस पॉलिसी के परिणामस्वरूप राज्य में अब ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स शुरू करने का मार्ग प्रशस्त हुआ है।

उन्होंने ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स द्वारा डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन, इनोवेशन एवं बिजनेस रिजीलियेंस को मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाए जाने का उल्लेख करते हुए कहा कि शुरुआत में कोस्ट सेविंग यूनिट के रूप में बनाए गए ग्लोबल कैपिबिलिटी सेंटर्स अब स्ट्रैटेजिक इनोवेशन हब बन गए हैं और टेक्नोलॉजी, फाइनेंस, एनालिटिक्स इंजीनियरिंग तथा आर एण्ड बी जैसे विभिन्न क्षेत्रों में सेवाएँ प्रदान कर रहे हैं।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत कुशल मानव संसाधन एवं प्रगतिशील नीति के ढाँचे के साथ जीसीसी इकोसिस्टम में ग्लोबल लीडर के रूप में स्थापित हुआ है।

मुख्यमंत्री ने बताया कि गुजरात भी प्रधानमंत्री के दिशादर्शन में विश्वस्तरीय ढाँचागत सुविधाओं, इंडस्ट्री फ्रेंड्ली पॉलिसीज तथा कुशल मानव संसाधन की उपलब्धता के साथ मजबूत व्यावसायिक वातावरण प्रदान कर रहा है।

उन्होंने कहा कि इतना ही नहीं; अहमदाबाद, गांधीनगर, वडोदरा एवं सूरत जैसे शहरों में गिफ्ट सिटी तथा इनोवेशन क्लस्टर जैसे मुख्य इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स गुजरात को इम्पोर्टेंट प्लेयर के रूप में स्थापित करने में सहायता कर रहे हैं।

भूपेंद्र पटेल ने कहा कि इस गुजरात ग्लोबल कैपिबिलिटी सेंटर पॉलिसी का विजन इनोवेशन को प्रोत्साहन देने के साथ विश्वस्तरीय परिस्थिति का निर्माण कर गुजरात को जीसीसी के लिए अग्रणी स्थान बनाना है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली केन्द्र सरकार के इस वर्ष के बजट में देश में ग्लोबल कैपिबिलिटी सेंटर्स को प्रोत्साहन देकर छोटे शहरों के टैलेंट पूल को अवसर मुहैया कराने के लिए विशेष आयोजन करने की घोषणा की गई है।

उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि गुजरात की यह जीसीसी पॉलिसी भी प्रधानमंत्री के विजन एवं युवाओं के लिए मिशन; दोनों को परिपूर्ण करेगी और विकसित गुजरात से विकसित भारत@2047 के निर्माण की दिशा में प्रोत्साहक बनेगी।

मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल द्वारा घोषित की गई गुजरात ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर पॉलिसी की मुख्य विशेषताएँ इस प्रकार हैः
  • जीसीसी पॉलिसी अंतर्गत गुजरात में कम से कम 250 नए जीसीसी यूनिट्स स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है, जिससे राज्य में 50,000 से अधिक नई नौकरियाँ पैदा होंगी।
  • जीसीसी पॉलिसी के फलस्वरूप राज्य में 10,000 करोड़ रुपए से अधिक का निवेश भी होगा।
  • पॉलिसी 250 करोड़ रुपए से कम जीएफसीआई वाली इकाइयों के लिए 50 करोड़ रुपए तक की तथा 250 करोड़ रुपए से अधिक जीएफसीआई वाली इकाइयों के लिए 200 करोड़ रुपए तक की कैपेक्स सहायता प्रदान करेगी।
  • पॉलिसी 250 करोड़ रुपए से कम जीएफसीआई वाली इकाइयों के लिए 20 करोड़ रुपए तक की तथा 250 करोड़ रुपए से अधिक जीएफसीआई वाली इकाइयों के लिए 40 करोड़ रुपए तक की ऑपेक्स सहायता प्रदान करेगी।
  • जीसीसी पॉलिसी अंतर्गत रोजगार सृजन के लिए विशेष प्रोत्साहन भी दिए जाएंगे। इनमें नए स्थानीय कर्मचारियों की भर्ती कर उन्हें कम से कम एक वर्ष तक सेवा में बनाए रखने के लिए एक बार की (वन टाइम) सहायता दी जाएगी, जो एक माह के सीटीसी का लगभग 50 प्रतिशत होगी। इसमें पुरुष कर्मचारियों के लिए 50,000 रुपए एवं महिला कर्मचारियों के लिए 60,000 रुपए तक की सहायता का समावेश किया गया है।
  • स्पेशल इंसेंटिव पॉलिसी अंतर्गत टर्म लोन पर 7 प्रतिशत ब्याज सब्सिडी के रूप में सहायता दी जाएगी, जो अधिकतम 1 करोड़ रुपए तक की सीमा में होगी।
  • आत्मनिर्भर गुजरात रोजगार सहायता योजना, कर्मचारी के प्रोविडेंट फंड अंतर्गत एम्प्लॉयर के वैधानिक योगदान से सम्बद्ध मुआवजा दिया जाएगा, जिसमें महिला कर्मचारियों के लिए 100 प्रतिशत तथा पुरुष कर्मचारियों के लिए 75 प्रतिशत तक की सहायता का समावेश किया गया है।
  • गुजरात सरकार को चुकाई गई इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी की संपूर्ण राशि भी लौटाई जाएगी।
  • जीसीसी पॉलिसी का उद्देश्य स्थानीय प्रतिभा तथा वर्किंग प्रोफेशनल्स का कौशल बढ़ाना भी है, जिसमें वर्किंग प्रोफेशनल्स के लिए पाठ्यक्रम फीस के 50 प्रतिशत तक और अंडरग्रेजुएट/ग्रेजुएट विद्यार्थियों के लिए पाठ्यक्रम फीस के 75 प्रतिशत तक के पॉलिसी इंसेटिव्स का समावेश होता है।
  • एलिजिबल यूनिट्स को क्वॉलिटी सर्टिफिकेकशन के लिए सहायता मिलेगी, जिसमें 10 लाख रुपए तक की सीमा में क्वॉलिटी सर्टिफिकेशन फीस के 80 प्रतिशत तक के खर्च का समावेश किया गया है।

इस पॉलिसी लॉन्चिंग अवसर पर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की प्रधान सचिव मोना खंधार ने पॉलिसी से सम्बद्ध विस्तृत प्रेजेंटेशन दिया।

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