Saturday, May 31, 2025
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‘bhavybhaarat’ बना मोदी की वाणी : “संकटों से घिरे गुजरात को निराशा से बाहर निकाला”

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अहमदाबाद, 27 सितंबर, 2023 : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल इन्वेस्टर समिट (VGGIS) के 20 वर्ष पूर्ण होने की पूर्व संध्या पर बुधवार को अहमदाबाद स्थित साइंस सिटी में आयोजित Summit of Success कार्यक्रम में वही कहा, जिसका उल्लेख 24 घण्टे पहले ही ‘bhavybhaarat.com’ ने अपने एक आलेख में किया था।

मोदी ने अपने संबोधन में वर्ष 2003 में आयोजित पहली वीजीजीआईएस के संस्मरणों को ताज़ा करते हुए जिन बातों का उल्लेख किया, वे ‘bhavybhaarat.com’ में मंगलवार को प्रकाशित आलेख ‘वाइब्रेंट@20 : ‘56 की छाती वाला’ ही जला सकता था नफ़रत की आंधी में निवेश का दीप’ में व्यक्त किए गए विचारों से काफ़ी हद तक मेल खाती हैं।

मोदी ने कहा, “20 साल पहले हमने एक छोटा सा बीज बोया था। आज वह बीज इतना विशाल और वृहद वृक्ष बन गया है। 20 साल बाद आज वाइब्रेंट गुजरात केवल ब्रैंडिंग भर नहीं है, बल्कि ये मेरे लिए मज़बूत बॉण्ड का प्रतीक है, ये 7 करोड़ नागरिकों से जुड़ा हुआ है।”

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा, “आज की पीढ़ी के युवा साथियों को पता भी नहीं होगा कि गुजरात की स्थिति भी क्या होगी। जो भूकंप आया, हजारों लोगों की मौत हो गई। काल और भूकम्प के अलावा एक बैंक डूब गया। पूरे गुजरात के आर्थिक में हाहाकार मच गया। उस समय मैं पहली बार विधायक बना था मेरे लिए सब नया था लेकिन चुनौती बड़ी थी। इस बीच गोधरा की घटना हुई लेकिन मेरा गुजरात पर अपने लोगों पर अटूट भरोसा था। हालांकि जो लोग एजेंडा लेकर चलते हैं वो लोग घटना का विश्लेषण करने पर जुट गए थे। हमारे संकट में भी मैंने प्रण लिया गुजरात को इसे बाहर निकाल कर रहूंगा। आज मैं एक बात और याद दिलाना चाहता हूं। आज दुनिया जीवंत गुजरात की सफलता देख रही है।”

मोदी ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा, “जो लोग पहले केन्द्र सरकार चलाते थे; वे गुजरात के विकास को राजनीति से जोड़ते थे। तत्कालीन केंद्र सरकार के मंत्री वाइब्रेंट गुजरात में आने से इनकार करते थे, विदेशी निवेशकों को धमकाते थे और उन्हें रोकने की कोशिश करते थे। इतनी धमकियों के बाद भी विदेशी निवेशक गुजरात आए।”

उल्लेखनीय है कि bhavybhaarat.com ने 26 सितंबर को प्रकाशित अपने आलेख में कुछ इन्हीं घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा था कि वर्ष 2002 में गोधरा कांड तथा प्रतिक्रिया में भड़की साम्प्रदायिक हिंसा के बाद कोई ’56 की छाती वाला’ ही 2003 में वाइब्रेंट गुजरात जैसी ग्लोबव इवेंट का आयोजन कर सकता था।

विस्तार से पढ़ें : वाइब्रेंट@20 : ‘56 की छाती वाला’ ही जला सकता था नफ़रत की आंधी में निवेश का दीप

Kanhaiya Koshti
Kanhaiya Koshtihttps://bhavybhaarat.com/
मेरा नाम कन्हैया कोष्टी है। मैं पिछले 30 वर्षों से पत्रकारिता से जुड़ा हुआ हूँ। मुझे धर्म, अध्यात्म, संस्कृति, राजनीति, देश-विदेश से जुड़े महत्वपूर्ण विषयों पर लिखने की रुचि रही है। इस वेबसाइट के माध्यम से मैं अपने विचारों के तथ्यों व विश्लेषण के आधार परआप सभी के साथ साझा करूंगा।
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