
विशेष टिप्पणी : कन्हैया कोष्टी
अहमदाबाद (6 मई, 2020)। 36 घण्टों में देश के 8 लालों को लहुलुहान करने वाले आतंकवादियों को आज भारतीय सेना (INDIAN ARMY) ने प्रबल प्रत्युत्तर दिया है। सेना ने कश्मीर के कुपवाड़ा (KUPWARA) में हंदवाड़ा मुठभेड़ (HANDWARA ENCOUNTER) में दो वरिष्ठ अधिकारियों सहित 5 जवानों तथा केन्द्रीय रिज़र्व पुलिस बल (केरिपुब-CRPF) के 3 जवानों के बलिदान का 24 घण्टों के भीतर ही भयंकर प्रतिशोध लिया।
सेना ने 24 घण्टों के भीतर ही 6 आतंकवादियों को धूल-धूसरित कर दिया, जिसमें हिज़्बुल मुजाहिद्दीन का टॉप कमांडर रियाज़ नाइकू शामिल है।
सेना ने पुलवामा के बेग़पोरा में मंगलवार देर रात 2.00 बजे (6 मई, 2020) ही रियाज़ नाइकू के घर को घेर लिया। पहले से मिली सूचना के आधार पर सेना रियाज़ नाइकू के उसके घर आने की राह देख रही थी। सूचना मिली थी कि नाइकू अपनी बीमार माँ को देखने आने वाला है। सेना ने सबसे पहले नाइकू के घर के आसपास के मकानों को ख़ाली करा लिया।
सेना चेतावनी देने के बाद बुधवार सुबह तक प्रतीक्षा करती रही कि नाइकू के घर से कोई गोलीबारी होगी, परंतु ऐसा नहीं हुआ। तभी सेना को बताया गया कि 12 लाख का ईनामी एवं A++ कैटेगरी का आतंकवादी रियाज़ नाइकू ज़मीन के नीचे बनी सुरंग से सीधे घर में आता था।
बस, फिर क्या था ? सेना ने जेसीबी मंगवाई। आसपास के क्षेत्रों व रेलवे ट्रैक के समीप खुदाई शुरू कराई और सुरंग रूपी बिल में रियाज़ नाइकू का पता लगा लिया। बुधवार सुबह 9.30 बजे मुठभेड़ शुरू हुई और रियाज़ नाइकू सुरंग में ही कब्र में दफन हो गया। यह वही रियाज़ नाइकू था, जो एक समय शिक्षक था। 2018 में उसने आतंकवादी संगठन हिज़्बुल मुजाहिदीन जॉइन किया और उसने हज़ारों कश्मीरी युवाओं को गुमराह करने का अभियान छेड़ दिया।
रियाज़ ने ही सेना से मुठभेड़ में मारे जाने वाले आतंकियों को सैल्यूट करने की शुरुआत की थी। यद्यपि केन्द्र सरकार ने आतंकियों के जनाज़े में उमड़ने वाली भीड़ को देखते हुए मृत आतंकियों के शव परिजनों को सौंपने की परंपरा बंद कर दी।
बात अगर निकली है, तो दूर तलक जाएगी ?

हिन्दी-उर्दू में कहावत है, ‘बात अगर निकली है, तो दूर तलक जाएगी’। ऐसे में जबकि संपूर्ण भारत कोरोना वायरस (CORONA VIRUS) से फैली राष्ट्रव्यापी महामारी कोविड 19 (COVID 19) से जूझ रहा है, तब पाकिस्तान संकट की इस घड़ी में भी अमानवीय रवैया अपनाते हुए जम्मू-कश्मीर में पिछले कई दिनों से नियंत्रण रेखा (LOC) एवं कश्मीर में अपने समर्थक आतंकियों से लगातार अशांति व हिंसा फैला रहा था।
पाकिस्तान को लग रहा था कि भारत कोरोना से निपटने में व्यस्त है और वह इस मौक़े का फायदा उठाना चाहता था, परंतु भारत ने कश्मीर में पाकिस्तान की सभी ख़ुराफ़ातों का क़रारा जवाब दिया और आज रियाज़ नाइकू जैसे खूँखार व मॉस्ट वॉण्टेड आतंकवादी को ढेर कर पाकिस्तान को कड़ा संदेश दे दिया, परंतु प्रश्न यह उठता है कि क्या ‘बात अगर निकली है, तो दूर तलक जाएगी ?’
वक़्त आ गया मसूद-हाफिज़ को मौत की नींद सुलाने का
वर्ष 2014 में केन्द्र में प्रधानमंत्री के रूप में नरेन्द्र मोदी के आने के बाद आतंकवादियों, विशेषकर कश्मीर में आतंकवादियों के विरुद्ध अत्यंत कठोर कार्रवाई की जा रही है। मोदी सरकार ने 2016 में हिज़्बुल मुजाहिद्दीन के पोस्टर ब्वॉय बुरहान वानी की मौत के बाद कश्मीर घाटी से आतंकियों के सफाये के लिए ‘ऑपरेशन ऑल आउट’ चला रखा है, जिसमें अब तक कई बड़े-बड़े आतंकवादियों सहित 1000 से अधिक आतंकी मारे जा चुके हैं।
इतना ही नहीं, ऑपरेशन ऑल आउट के बाद कश्मीर में लिस्टेड आतंकियों की संख्या में भारी क़मी भी आई है और अगस्त-2019 में धारा 370 व 35ए हटने बाद जब जम्मू-कश्मीर पर श्रीनगर से लेकर दिल्ली तक मोदी सरकार का पूरा नियंत्रण हो गया, तो आतंकियों पर शिकंजा को और कड़ा हो गया।
अब जबकि सेना ने रियाज़ नाइकू जैसे घातक आतंकी का ख़ात्मा कर डाला है, तब प्रश्न यह उठता है कि क्या मोदी सरकार सेना के सहयोग से पाकिस्तान में बैठे आतंकियों के आकाओं मसूद अज़हर एवं हाफिज़ सईद को मौत की नींद सुलाने की तैयारी करेगी ? क्या मुंबई विस्फोट 1993 के अपराधी दाऊद इब्राहीम का अंत अब निकट आएगा ?
अंतरराष्ट्रीय आतंकियों को मारने में देर क्यों ?

यही सही समय है कि भारत अमेरिका की तरह पाकिस्तान में घुस कर अपने दुश्मनों को ढूँढ-ढूँढ कर ठिकाने लगाए और ऐसा करना भारत के लिए कूटनीतिक रूप से भी ग़लत नहीं होगा, क्योंकि हाफिज़ सईद, मसूद अज़हर तथा दाउद इब्राहीम सभी संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् (UNSC) द्वारा घोषित अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी हैं।
यदि भारतीय सेना पाकिस्तान में प्रधानमंत्री इमरान खान के बिल में छिपे बैठे मसूद अज़हर तथा हाफिज़ सईद को मार गिराती है, तो यह एक तीर से दो निशान समान सफलता होगी।
पहला तो यह कि अंतरराष्ट्रीय आतंकवादियों को प्रश्रय देने को लेकर पाकिस्तान फिर एक बार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बेनक़ाब हो जाएगा और दूसरा यह कि भारत में आतंकी गतिविधियों को पाकिस्तान में बैठ कर अंजाम देने वालों से सदा के लिए मुक्ति मिल जाएगी।
CORONA को भगाओ, पर कश्मीर को आतंकी वायरस से बचाओ
आम जन समुदाय में भी अब यह मांग तेज़ होती जा रही है कि भारत को कोरोना से मुक्ति दिलाना आवश्यक है, परंतु साथ ही साथ कश्मीर में कोरोना से भी घातक आतंकी वायरस के ख़ात्मे का सही समय आ गया है। रियाज़ नाइकू ख़ुद कोरोना से अधिक घातक आतंकी वायरस था, जो कश्मीरी युवाओं को गुमराह कर आतंक का संक्रमण फैला रहा था।
कश्मीर में रियाज़ जैसी सोच रखने वाले और भी कई आतंकी छिपे बैठे हैं, तो पाकिस्तान में उनके आका भी कश्मीर में लगातार आतंकी वायरस का संक्रमण फैला रहे हैं। ऐसे में भारत के ललाट को लहुलुहान कर रहे आतंक रूपी कोरोना को कुचलने का यही सही समय है, क्योंकि यदि भारत करोना से निपटने में व्यस्त है, तो पाकिस्तान भी ख़ाली नहीं बैठा है।
ऐसे में पाकिस्तान मौक़े का फायदा उठाए, भारत को कश्मीर पर अंतिम युद्ध छेड़ देना चाहिए, जिसमें एक ओर कश्मीर घाटी से लेकर पाकिस्तान तक छिपे बैठे मसूद-हाफिज़ सहित सभी आतंकियों का विनाश किया जाए, तो दूसरी ओर पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) पर धावा बोल कर कश्मीर को अखंड बनाया जाए।