
‘चढ़ाई’ से पहले चित्र खींच रहा ‘अखंड कश्मीर’ का भारत
MFA, IMD के बाद MIB भी कूदा ‘मिशन पीओके’ में
सरकारी टीवी व रेडियो न्यूज़ में होगा ‘पीओके वेदर बुलेटिन’
कूटनीति-रणभूमि से पूर्व मोदी की रणनीति, कांग्रेस भी ख़ुश ?
रिपोर्ट : कन्हैया कोष्टी
अहमदाबाद (8 मई, 2020)। भव्य भारत न्यूज़ (BBN) के विश्लेषण के अनुसार ही सारे घटनाक्रम घटते जा रहे हैं। भारत 71 वर्षों से पाकिस्तान द्वारा हड़प कर लिए गए कश्मीर की ओर धीरे-धीरे, परंतु धैर्य व दृढ़तापूर्वक पग बढ़ा रहा है। यह तो निश्चित है कि पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) को पुन: प्राप्त करने के लिए भारत को कूटनीति से लेकर रणभूमि तक में उतरना पड़ सकता है, परंतु फिलहाल भारत ने कूटनीति व रणभूमि से पहले जो रणनीति अपनाई है, वह पाकिस्तान के लिए परेशानी का कारण अवश्य बन गई है।
बीबीएन ने गत 5 मई को प्रकाशित एक आलेख में स्पष्ट संभावनाएँ व्यक्त की थीं कि कोरोना (CORONA) संकट के बीच भी यदि पाकिस्तान भारत से लगी नियंत्रण रेखा (LoC) तथा कश्मीर में शरारतें कर रहा है, तो भारत तो न केवल पाकिस्तान की एक-एक ग़ुस्ताखियों का जवाब दे रहा है, वरन् उसके लक्ष्य पर तो 1947 में गँवाए हुए कश्मीर पर है, जिसे हम पीओके के नाम से जानते हैं। यह बात और है कि पाकिस्तान कश्मीर के अवैध हिस्से को आज़ाद कश्मीर तथा गिलगित-बाल्टिस्तान कहता है।
एमएफए, आईएमडी के बाद एमआईबी-प्रसार भारती मैदान में
राष्ट्र जब विपरीत व कठिन परिस्थितियों का सामना कर रहा है, तब आम जनता को यही लग रहा था कि प्रधानमंत्री मोदी व उनकी सरकार इस समय कोरोना संकट से निपटने के अतिरिक्त कुछ और कर ही नहीं रही है, परंतु जब विदेश मंत्रालय (MFA) ने पीओके को ख़ाली करने को कहा, तो अचानक लोगों को अहसास हुआ कि मोदी का मिशन पीओके कोरोना जैसे भीषण संकट काल में भी जारी है। इसी कड़ी में भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने गत 5 मई से अपनी WHEATER REPORT में पीओके को भारत का ही हिस्सा मानते हुए ‘अखंड कश्मीर’ को शामिल कर लिया, तो अब सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय (MIB) भी मिशन पीओके में कूद पड़ा है। एमआईबी ने अपने प्रसारण उपक्रम प्रसार भारती (PRASAR BHARATI) के दो न्यूज़ चैनलों पर प्रसारित होने वाले वेदर बुलेटिन में पीओके को शामिल करने का निर्णय किया है।
टीवी-रेडियो पर पीओके वेदर रिपोर्ट शुरू, निजी चैनल भी शीघ्र जुड़ेंगे
सूचना एवं प्रसारण सचिव अमित खरे के अनुसार प्रसार भारती के टेलीविज़न संस्करण दूरदर्शन (DOORDARSHAN) के न्यूज़ चैनल डीडी न्यूज़ (DD NEWS) पर शुक्रवार रात 8.55 बजे प्रसारित होने वाले राष्ट्रीय वेदर बुलेटिन में अखंड कश्मीर के मौसम का हाल दर्शाया जाएगा, जिसमें जम्मू, श्रीनगर के अतिरिक्त पीओके स्थित गिलगित, स्कार्दू, मीरपुर व मुज़फ्फराबाद शामिल होंगे। खरे ने कहा कि शुक्रवार से डीडी न्यूज़ पर प्रतिदिन सुबह 8.55 एवं रात 8.55 बजे प्रसारित होने वाले राष्ट्रीय वेदर बुलेटिन में नियमित रूप से पीओके के इन हिस्सों का पूर्वानुमान शामिल होगा, तो ऑल इंडिया रेडियो (AIR) के राष्ट्रीय व क्षेत्रीय भाषा के समाचारों में भी पीओके के मौसम की भविष्यवाणी की जाएगी। खरे ने कहा कि डीडी न्यूज़ के पश्चात् शीघ्र ही निजी न्यूज़ चैनल भी अपनी वेदर रिपोर्ट में पीओके को शामिल करेंगे।
पीओके की ओर लगातार बढ़ रहे मोदी सरकार के कदम

गत 5/6 अगस्त, 2019 को जम्मू-कश्मीर से धारा 370 व 35ए हटाने से लेकर राज्य का विभाजन कर जम्मू-कश्मीर व लद्दाख को केन्द्र शासित प्रदेश बनाने के ऐतिहासिक व साहसी निर्णय के साथ ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तथा उनकी सरकार का अगला लक्ष्य पीओके ही था। 370ए व 35ए को तड़ीपार करने के बाद से लेकर कोविड 19 (COVID 19) से पहले तक मोदी, गृह मंत्री अमित शाह एवं राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजित डोवाल केन्द्र शासित जम्मू-कश्मीर को मुख्य धारा में लाने की कवायद कर रहे थे। इस ‘मिशन कश्मीर’ के बाद मोदी ने शाह, डोवाल के साथ रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह व विदेश मंत्री एस. जयशंकर को जोड़ते हुए ‘मिशन पीओके’ भी आरंभ कर दिया था, परंतु बीच में कोरोना आ गया। वैश्विक महामारी कोरोना, लॉकडाउन, गंभीर आर्थिक संकट के बीच भी मोदी सरकार के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा एवं संप्रभुता का मुद्दा सर्वदा सर्वोपरि रहा। इसीलिए संकट काल में भी मोदी सरकार मौन नहीं रही और विदेश मंत्रालय (MFA) ने पीओके में चुनाव की सुगबुगाहट पर न केवल कड़ी आपत्ति जताई, अपितु पाकिस्तान से पूरा पीओके ख़ाली करने को कहा।
मोदी की रणनीति को अभिषेक मनु सिंघवी ने बताया ‘गांधीगीरी’

मोदी सरकार के मिशन पीओके की सफलता तो रणभूमि पर ही सुनिश्चित होगी, परंतु उससे पूर्व भारत व मोदी सरकार ने जो रणनीति अपनाई है, उसने निश्चित रूप से पाकिस्तान व उसके प्रधानमंत्री इमरान ख़ान की नींद उड़ा दी होगी। एलओसी पर कठोर जवाब, कश्मीर में बड़े-बड़े आतंकियों का अंत और अब पीओके की ओर बढ़ते मोदी के कदमों की धमक इमरान सरकार के लिए निश्चित ही ख़तरे की घंटी है। विदेश मंत्रालय, मौसम विभाग तथा अब सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय और प्रसार भारत ने पीओके पर भारत के सार्वभौमिक अधिकार का जो डंका बजाया है, उससे स्पष्ट है कि मोदी सरकार धीरे-धीरे मिशन पीओके को परिणाम की ओर ले जाने की तैयारी में है। क्या कांग्रेस भी पीओके पर घटे इन घटनाक्रमों से ख़ुश है ? इसका उत्तर तो नहीं पता, परंतु कांग्रेस के दिग्गज नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने सरकारी टीवी-रेडियो पर पीओके वेदर बुलेटिन के प्रसारण को भारत की गांधीगीरी बताया है।