Monday, April 21, 2025
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MoDiplomacy : मोदी सरकार ने 11 वर्षों में 11 हजार भारतीय नागरिकों की रिहाई करवाई

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इस्लामिक देशों की ‘टेढ़ी खीर’ को भी ‘मीठी खीर’ बनाया

आम नागरिकों ही नहीं, दिग्गजों को भी मुक्त कराया

‘डिप्लोमेसी इन एक्शन’ का मजबूत उदाहरण है ’मोडिप्लोमेसी’

अहमदाबाद, 29 मार्च : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ठोस विदेशी कूटनीति फिर एक बार रंग लाई है, जिसके चलते हाल ही में संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने 500 भारतीय कैदियों को रमजान ईद के मौके पर माफी देते हुए रिहा करने का फैसला किया है। यूएई का यह फैसला दर्शाता है कि मोदी के नेतृत्व में खाड़ी देशों के साथ भारत के संबंध कितने ऊँचे और सुदृढ़ हैं ! मोदी की इस मजबूत कूटनीति को अक्सर लोग ‘मोडिप्लोमेसी’ भी कहते हैं।

नरेन्द्र मोदी ने 2014 में देश का प्रधानमंत्री पद संभालने के बाद शुरू से ही धाकड़ कूटनीति अपनाई और पिछले 11 वर्षों में उनकी कूटनीति की धाक इस्लामिक देशों सहित दुनिया भर के देशों में दिखाई देती रही है। यही कारण है कि पिछले 11 वर्षों में मोदी सरकार की छत्रछाया के चलते विदेशों में फँसे लगभग 11 हजार भारतीय नागरिकों की सुरक्षित रिहाई हुई है, तो 119 भारतीय नागरिकों की सजा माफ या काम हुई है। प्रायः इस्लामिक देशों में कैद विदेशी नागरिकों को मुक्त कराना टेढ़ी खीर होता है, परंतु मोदी की धाकड़ कूटनीति ने इस टेढ़ी खीर को भी मीठी खीर में परिवर्तित कर दिया है।

 नेतृत्व में भारत सरकार ने वैश्विक स्तर पर कूटनीति का एक नया आयाम स्थापित किया है। सरकार की प्रभावशाली रणनीति और मजबूत अंतरराष्ट्रीय संबंधों के चलते विभिन्न देशों में जेलों में बंद हजारों भारतीय नागरिकों की रिहाई संभव हुई है। हाल ही में, संयुक्त अरब अमीरात (UAE) ने 500 भारतीय कैदियों को माफी दी, जो भारत और खाड़ी देशों के गहरे संबंधों को दर्शाता है।

कूटनीतिक प्रयासों की ऐतिहासिक सफलता

बीते एक दशक में भारत सरकार ने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अपनी स्थिति को मजबूत किया है। पीएम मोदी के व्यक्तिगत संबंध और उच्च-स्तरीय वार्ताओं ने हजारों भारतीयों की सुरक्षित वापसी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। यह प्रयास केवल खाड़ी देशों तक सीमित नहीं रहे, बल्कि कतर, ईरान, बहरीन, श्रीलंका और पाकिस्तान समेत कई देशों में सकारात्मक नतीजे देखने को मिले हैं।

UAE में भारतीय कैदियों को माफी

संयुक्त अरब अमीरात ने हाल के वर्षों में भारतीय कैदियों को माफी देकर भारत-यूएई संबंधों को और प्रगाढ़ किया है।

  • 2025: रमजान से पहले 500 भारतीयों को माफी मिली।
  • 2024: ईद अल-फित्र और यूएई नेशनल डे के अवसर पर 944 भारतीय रिहा हुए।
  • 2023: 700 से अधिक भारतीयों की रिहाई।
  • 2022: 639 भारतीय कैदियों को माफी मिली।

अब तक कुल 2,783 भारतीय कैदी यूएई से रिहा हो चुके हैं, जो भारत की मजबूत कूटनीति का प्रमाण है।

सऊदी अरब में भारतीय नागरिकों की रिहाई

2019 में, जब क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान भारत आए थे, तब उन्होंने मानवीय आधार पर 850 भारतीयों की रिहाई का आदेश दिया। यह भारत-सऊदी अरब के बीच प्रगाढ़ होते संबंधों का संकेत था।

कतर में भारतीय नौसेना अधिकारियों की रिहाई

2023 में, कतर सरकार ने आठ भारतीय नौसेना अधिकारियों को मृत्युदंड की सजा सुनाई थी। लेकिन भारत सरकार के ठोस प्रयासों और कूटनीतिक वार्ताओं के चलते उनकी सजा माफ कर दी गई और अधिकांश को रिहा कर दिया गया। यह घटनाक्रम भारत की प्रभावी अंतरराष्ट्रीय रणनीति को दर्शाता है।

ईरान से भारतीय नागरिकों की सुरक्षित वापसी

  • 2024: ईरान सरकार ने 77 भारतीयों को रिहा किया।
  • 2023: 12 मछुआरों समेत कुल 43 भारतीयों को मुक्त किया गया।

बहरीन और कुवैत में भारतीय कैदियों की रिहाई

  • 2019: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की बहरीन यात्रा के दौरान वहां की सरकार ने 250 भारतीय कैदियों को रिहा किया।
  • 2017: कुवैत के अमीर ने 22 भारतीयों को माफी दी और 97 अन्य की सजा कम कर दी।

श्रीलंका और पाकिस्तान में भारतीय मछुआरों की वापसी

श्रीलंका और पाकिस्तान द्वारा समय-समय पर भारतीय मछुआरों को हिरासत में लिया जाता रहा है। लेकिन भारत सरकार की मजबूत कूटनीति के चलते उनकी सुरक्षित वापसी सुनिश्चित हुई।

  • 2014 से अब तक: श्रीलंका ने कुल 3,697 भारतीय मछुआरों को रिहा किया।
  • पाकिस्तान: पिछले एक दशक में 2,639 भारतीय मछुआरों और 71 नागरिक कैदियों की रिहाई संभव हुई।

भारत की कूटनीतिक ताकत का प्रमाण

मोदी सरकार की सक्रिय कूटनीति ने यह साबित कर दिया है कि भारत अपने नागरिकों की सुरक्षा और सम्मान के लिए हरसंभव प्रयास करता है। विभिन्न देशों से भारतीयों की रिहाई सिर्फ मानवीय आधार पर ही नहीं, बल्कि भारत की बढ़ती कूटनीतिक शक्ति और अंतरराष्ट्रीय संबंधों में मजबूती को भी दर्शाती है। यह “एक्शन में डिप्लोमेसी” का एक उत्कृष्ट उदाहरण है, जो वैश्विक स्तर पर भारत की साख को और मजबूत कर रहा है।

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