गुजरात के मुख्यमंत्री और देश के प्रधानमंत्री के रूप में मोदी के 22 वर्ष यानी 8035 दिन
मोदी ने 1,92,840 घण्टों के कार्यकाल में केवल 32,140 घण्टे की ही नींद ली
मोदी ने ‘शरीर का कण-कण और समय का क्षण-क्षण’ राष्ट्र सेवा में समर्पित किया
आलेख : कन्हैया कोष्टी
अहमदाबाद, 7 अक्टूबर, 2023 : भारतीय राजनीति के सबसे चर्चित चेहरे नरेन्द्र मोदी को शासनिक (सरकारी) क्षेत्र में कार्य करते हुए 7 अक्टूबर, 2023 शनिवार को 22 वर्ष यानी 8035 दिन यानी 1 लाख 92 हज़ार 840 घण्टे हो गए।
ठीक 22 वर्ष पूर्व 7 अक्टूबर, 2001 को गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में पद एवं गोपनीयता की शपथ ग्रहण करने वाले नरेन्द्र मोदी आज देश के प्रधानमंत्री हैं। मोदी की चर्चित तथा कथित दिनचर्या के अनुसार गणना करें, तो उन्होंने पिछले 22 वर्षों में 1,92,840 घण्टों के कार्यकाल के दौरान केवल 32,540 घण्टे की नींद ली है। इसका अर्थ है कि मोदी पिछले 1 लाख 60 हज़ार 700 घण्टों से गुजरात एवं राष्ट्र की सेवा में जुटे हुए हैं और इन 22 वर्षों में उन्होंने सरकारी रिकॉर्ड में एक भी छुट्टी नहीं ली है।
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2019 में दिए गए साक्षात्कार में स्वयं कहा था कि वे 24 घण्टों में केवल साढ़े तीन से चार घण्टों की नींद लेते हैं। इसका अर्थ यह हुआ कि मोदी शेष 18 घण्टे जागते हैं। उनकी दिनचर्या के अनुसार मोदी सुबह लगभग 2 घण्टे का समय योग-ध्यान को देते हैं। तो इस हिसाब से मोदी लगभग 16 घण्टे काम करते हैं। बतौर प्रधानमंत्री, वे देर रात तक काम करते हैं और सुबह जल्दी उठते हैं। मोदी को बिस्तर पर लेटने के बाद 30 सेकेंड के भीतर ही नींद आ जाती है।
17 सितंबर, 1950 को जन्मे नरेन्द्र मोदी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, जनसंघ और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेता के रूप में तो 70 के दशक से ही सक्रिय कार्यरत थे, परंतु 7 अक्टूबर 2001 को मोदी की अचानक शासनिक राजनीति में एंट्री हुई, जब भाजपा हाईकमान ने गुजरात में तत्कालीन मुख्यमंत्री केशूभाई पटेल को हटा कर मोदी को गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में चुना। उस दिन का दिन है और आज का दिन है; मोदी बिना थके-बिना रुके पहले मुख्यमंत्री और अब प्रधानमंत्री के रूप में लगातार सक्रियता के साथ काम कर रहे हैं और यह लोगों को दिखाई भी देता है।

शरीर का कण-कण, समय का क्षण-क्षण सेवा को समर्पित
गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने के तुरंत बाद नरेन्द्र मोदी ने कोई जश्न या उत्सव नहीं मनाया, बल्कि पहले ही दिन से गुजरात को तत्कालीन विपरीत परिस्थितियों से बाहर निकालने में जुट गए। मुख्यमंत्री के रूप में मोदी ने कई बार कहा कि वे शरीर का कण-कण और समय का क्षण-क्षण लोगों की सेवा में समर्पित कर देंगे और उन्होंने गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में 13 साल के कार्यकाल में ऐसा करके भी दिखाया। इतना ही नहीं, उनका यह संकल्प पूरा देश भी पिछले साढ़े नौ वर्षों से देख रहा है कि मोदी प्रधानमंत्री के रूप में भी लगातार सक्रियता के साथ कार्यरत रहते हैं।
मोदी की सक्रियता से समर्थक-विरोधी; सभी चकित
योग तथा साधना के बल पर नरेन्द्र मोदी स्वयं को ऊर्जावान बनाए रखते हैं। उनकी सक्रियता से मोदी के समर्थक और विरोधी; सभी चकित रहते हैं। मोदी की कार्यशैली, स्फूर्ति तथा सक्रियता के कारण सरकार और संगठन दोनों पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। मोदी समर्थकों को तो उनके 18 घण्टे काम करने को लेकर कोई संदेह नहीं है, बल्कि मोदी विरोधी भी अप्रत्यक्ष रूप से यह मानते हैं कि सरकारी कामकाज हो या चुनावी राजनीति; मोदी जितनी सक्रियता बनाए रखना संभव नहीं है।