भुज में नवनिर्मित वेधशाला में अत्याधुनिक दूरबीन द्वारा लोगों को मिलता है अद्बुत अंतरीक्ष घटनाओं को निहारने का अवसर
पिछले दो वर्षों में 2 लाख से अधिक लोगों ने भुज के क्षेत्रीय विज्ञान केन्द्र की मुलाकात ली, 6 थीमैटेकि गैलरी बनीं आकर्षण का केन्द्र
गांधीनगर, 28 जनवरी : कच्छ के ऐतिहासिक तथा प्राकृतिक सौंदर्य से युक्त शहर भुज में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन एवं मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व में अब भारत की सबसे बड़ी अंतरिक्ष वेधशाला का निर्माण भी किया गया है। भुज के क्षेत्रीय विज्ञान केन्द्र (रीजनल साइंस सेंटर) में गत 25 दिसंबर, 2024 को गुड गवर्नेंस डे (सुशासन दिवस) के उपलक्ष्य में इस वेधशाला का उद्घाटन हुआ था। उद्घाटन के बाद केवल 30 दिनों में 1500 से अधिक लोगों ने इस वेधशाला की मुलाकात ली है। यह वेधशाला भारत के अंतरिक्ष विज्ञान क्षेत्र में शिक्षा को गति देने व अंतरिक्ष अनुसंधान में लोगों की रुचि बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
उल्लेखनीय है कि गुजरात सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग अंतर्गत गुजरात विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद् (गुजकॉस्ट) द्वारा भुज में रीजनल साइंस सेंटर (आरसीएस) की शुरुआत की गई थी। भुजियो डुंगर के शिखर पर 10 एकड़ में फैला यह सेंटर आकर्षक स्थल होने के कारण शिक्षा के साथ मनोरंजन भी प्रदान करता है।
पिछले दो वर्षों में 2 लाख से अधिक लोग पहुँचे भुज के रीजनल साइंस सेंटर
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा गत 28 अगस्त, 2022 को भुज में क्षेत्रीय विज्ञान केन्द्र का उद्घाटन हुआ था। तब से अब तक 2 लाख से अधिक लोगों ने इस रीजनल साइंस सेंटर की मुलाकात ली है। आरसीएस में मरीन नेविगेशन सिम्युलेटर, सबमरीन सिम्युलेटर तथा 3डी मूवीज जैसे आकर्षण हैं। इनमें अब अंतरिक्ष वेधशाला भी जुड़ गई है। इसके अतिरिक्त; यहाँ छह थिमैटिक गैलरी (विषय-वस्तु दीर्घाएँ) भी बनाई गई हैं; जिनमें मरीन नेविगेशन, एनर्जी साइंस, फील्ड्स मेडल, बोंसाई, नैनो टेक्नोलॉजी तथा अंतरिक्ष विज्ञान विषय शामिल हैं।
भुज की वेधशाला बनी ब्रह्मांड का प्रवेश द्वार
भुज में नवनिर्मित वेधशाला अत्याधुनिक 24 इंच टेलीस्कॉप से सज्ज है, जो विजिटर्स को निहारिकाओं (नेब्यूलास), ग्रहों तथा दूरस्थ तारा विश्व जैसी अद्भुत अंतरिक्ष घटनाओं को निहारने का अवसर प्रदान करता है। ‘मनोरंजन के साथ शिक्षा’ के अनूठे दृष्टिकोण के साथ भुज स्थित रीजनल साइंस सेंटर विज्ञान क्षेत्र में नवीनता को प्रोत्साहन देने, लोगों को खगोलीय घटनाओं के विषय में अवगत कराने तथा ब्रह्मांड के रहस्यों के बारे में जिज्ञासा पैदा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
विजिटर्स शाम 6 से 9 बजे तक अंतरिक्ष वेधशाला की मुलाकात ले सकते हैं। विद्यार्थियों के लिए 20 रुपए तथा अन्य विजिटर्स के लिए 30 रुपए प्रवेश शुल्क निर्धारित किया गया है। यह वेधशाला खगोलशास्त्र आधारित शैक्षणिक कार्यक्रमों, इंटरेक्टिव सत्रों व स्कूली पाठ्यक्रमों के साथ संरेखित मॉड्यूल्स प्रदान करती है। विशेषकर; यह वेधशाला जहाँ स्थित है, वहाँ प्रकाश प्रदूषण कम है; जिसके चलते यह वेधशाला खगोलशास्त्र प्रेमियों तथा शोधकर्ताओं को स्टारगेजिंग यानी ताराओं का निरीक्षण करने के लिए आकर्षित करती है। इस वेधशाला का अत्याधुनिक संशोधित डॉल-किर्कहम टेलीस्कॉप इसे एस्ट्रो-टूरिज्म तथा एस्ट्रोफोटोग्राफी के लिए आदर्श बनाता है। शिक्षा, पर्यटन एवं अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी का यह संगम विज्ञान को रुचिप्रद व सरल बनाने के लिए गुजकॉस्ट की अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाता है।