Sunday, March 23, 2025
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जलप्लावित क्षेत्र में गुजरात की विशेष उपलब्धि

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देश की तमाम वेटलैंड के कुल क्षेत्रफल में 21 प्रतिशत हिस्सा गुजरात का, जो अन्य राज्यों से अधिक

• इसरो के अवलोकनानुसार गुजरात में 17,613 वेटलैंड

• भारत की कुल 115 राष्ट्रीय वेटलैंड में से 8 राष्ट्रीय वेटलैंड गुजरात में

• देश की कुल 85 रामसर साइट में से चार गुजरात में

गांधीनगर, 01 फरवरी : गुजरात विभिन्न वेटलैंड के रूप में अमूल्य प्राकृतिक विरासतों से संपन्न है। मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र पटेल के मार्गदर्शन तथा वन एवं पर्यावरण मंत्री श्री मुळुभाई बेरा व राज्य मंत्री श्री मुकेशभाई पटेल के नेतृत्व में प्राकृतिक संसाधनों के संवर्द्धन के फलस्वरूप देश की सभी वेटलैंड का के कुल क्षेत्रफल का 21 प्रतिशत हिस्सा गुजरात का है, जो भारत के सभी राज्यों से अधिकतम है।
गुजरात की वेटलैंड 3.5 मिलियन हेक्टेयर क्षेत्र में फैली हुई है, जो गुजरात के भौगोलिक क्षेत्र का 17.8 प्रतिशत है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के स्पेस एप्लिकेशन सेंटर (एसएसी) द्वारा 2021 में किए गए भारतीय वेटलैंड के अंतरिक्ष आधारित अवलोकन के अनुसार गुजरात में 17,613 वेटलैंड है, जो कुल 34,99,429 हेक्टेयर क्षेत्र को समाविष्ट करती है। इनमें मुख्य रूप से सुदूरवर्ती-प्राकृतिक वेटलैंड, सुदूरवर्ती-मानव निर्मित वेटलैंड, समुद्र तटवर्ती मानव निर्मित वेटलैंड तथा समुद्र तटवर्ती प्राकृतिक वेटलैंड शामिल है। गुजरात में अधिकतम 67 प्रतिशत क्षेत्र खाड़ियों का है। इसके बाद 46.8 प्रतिशत नम, 91.6 प्रतिशत सॉल्ट मार्श तथा 75.5 प्रतिशत नमक क्यारी क्षेत्र है।
गुजरात सहित समग्र विश्व में 2 फरवरी को वर्ल्ड वेटलैंड डे मनाया जा रहा है। इस वर्ष विश्व जलप्लावित दिवस की थीम ‘प्रोटेक्टिंग वेटलैंड फॉर अवर कॉमन फ्यूचर’ यानी ‘हमारे संयुक्त भविष्य के लिए जलप्लावित क्षेत्रों का संरक्षण’ निर्धारित की गई है।

महत्वपूर्ण राष्ट्रीय वेटलैंड

भारत सरकार के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (एमओईएफसीसी) द्वारा राष्ट्रीय जलप्लावित भूमि संरक्षण कार्यक्रम (एनडब्लूसीपी) अंतर्गत भारत में राष्ट्रीय दृष्टि से महत्वपूर्ण 115 वेटलैंड घोषित की गई है। इनमें 8 वेटलैंड नळ सरोवर, थोळ तालाब, कच्छ का छोटा राण, कच्छ का बड़ा रण, नानी ककराड, वढवाणा, खिजडिया तथा परिएज गुजरात में हैं। इसके अतिरिक्त; गुजरात में 19 वेटलैंड हैं, जो महत्वपूर्ण पक्षी व जैवविविधता क्षेत्र के रूप में जानी जाती हैं।

रामसर साइट्स

भारत की कुल 85 रामसर साइट्स में से 4 गुजरात में हैं। इनमें नळ सरोवर पक्षी अभयारण्य, थोळ तालाब वन्यजीव अभयारण्य, खिजडिया वन्यजीव अभयारण्य तथा वढवाणा वेटलैंड शामिल हैं। राष्ट्रीय समुद्री उद्यान व अभयारण्य, खिजडिया अभयारण्य, नळ सरोवर अभयारण्य, छारी ढंढ, कंजर्वेशन रिजर्व, कच्छ का छोटा राण, घुडखर अभयारण्य, कच्छ का बड़ा रण, कच्छ रण अभयारण्य तथा पोरबंदर पक्षी अभयारण्य जैसे बहुविद् वेटलैंड आधारित क्षेत्र हैं।
इसके अतिरिक्त; गुजरात में और भी कई महत्वपूर्ण वेटलैंड हैं, जो जैवविविधता के दृष्टिकोण से समृद्ध हैं। इनमें पोरबंदर जिले में गोसाबारा-मोकर सागर, बरडा सागर, अमीपुर डैम, झवेरी-कुछडी वेटलैंड, मेढाक्रिक, सुरेन्द्रनगर जिले में नवा तळाव/सावडा, भास्करपुरा वेटलैंड, वडला वेटलैंड, भावनगर जिले में कुंभारवाडा, मीठानी तपेलीओ तथा आंबला बंधारा, खेडा जिले में नारदा तथा परिएज वेटलैंड, पाटण जिले में सिंधडा, छणोसरा व गरामडी वेटलैंड, कच्छ में जखौ बंधारा और देवभूमि द्वारका जिले में चरकला वेटलैंड शामिल है।

वेटलैंड संरक्षण में गीर फाउंडेशन का योगदान

भारत के प्रत्येक राज्य में स्टेट वेटलैंड ऑथोरिटी की स्थापना हुई है, जिसके अंतर्गत गुजरात में भी गुजरात स्टेट वेटलैंड ऑथोरिटी (जीएसडब्लूए) की स्थापना की गई है। गीर फाउंडेशन उसकी नोडल एजेंसी के रूप में सेवा दे रहा है। इस ऑथोरिटी के कार्यों के अंतर्गत सेव वेटलैंड अभियान चलाया जा रहा है, जिसके अंतर्गत फाउंडेशन की रिमोट सेंसिंग एंड जियोग्राफिक इनफॉर्मेशन सिस्टम (आरएसजीआईएस) इकाई द्वारा 15,201 वेटलैंड का वैलिडेशन किया गया है। इसके अतिरिक्त; गीर फाउंडेशन द्वारा 458 वेटलैंड हेल्थ रिपोर्ट कार्ड बनाए गए, 2000 से भी अधिक वेटलैंड मित्रों का पंजीकरण किया गया तथा मिशन लाइफ पहल अंतर्गत लगभग वेटलैंड से जुड़े लगभग 220 कार्यक्रम किए गए। सेव वेटलैंड अभियान अंतर्गत गीर फाउंडेशन ने लगभग 8 एमओयू भी किए गए हैं। उसने गुजरात की 4 रामसर साइट का कार्बन संग्रह आकलन का अभ्यास भी किया है। फाउंडेशन ने राजस्थान, गोवा, तोलंगाना, असम, मेघालय तथा केन्द्र शासित प्रदेशों दीव, दमण, दादरा व नगर हवेली में विभिन्न प्रशिक्षण तथा कार्यशालाओं का आयोजन कर वेटलैंड के संदर्भ में नागरिकों को अवगत कराया है।

इस प्रकार; गीर फाउंडेशन गुजरात में वेटलैंड इकोसिस्टम की स्थिति का मूल्यांकन करने के लिए वैज्ञानिक अनुसंधान, निगरानी कार्यक्रम, वेटलैंड अनुसंधान तथा डॉक्यमेंटेशन में सक्रिय रूप से जुड़ा हुआ है। जीएसडब्लूए के लिए नोडल एजेंसी तथा देशभर के अनेक राज्यों में नॉलेज पार्टनर के रूप में गीर फाउंडेशन वेटलैंड के डॉक्यूमेंटेशन तथा वेटलैंड संरक्षण-प्रबंधन में उत्कृष्ट प्रयासों के साथ संक्षिप्त रिपोर्ट तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका भी निभाता है।

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