ड्रग्स की बुराई पर लगाम लगाने के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध, गुजरात स्पेशल नार्को रिवॉर्ड स्कीम लागू करने वाला पहला राज्य
रिवॉर्ड पॉलिसी के तहत मादक पदार्थों की सूचना देने वाले को जब्त खेप की कीमत की 20 फीसदी तक की राशि नकद पुरस्कार के रूप में दी जाती है
गांधीनगर, 9 जनवरी : मादक पदार्थों (ड्रग्स) की बुराई आज महानगरों की सीमाओं को लांघकर गांवों तक पहुंच गई है, ऐसे में गुजरात सरकार इस सामाजिक बुराई के खतरे को रोकने के लिए प्रतिबद्ध है।
मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व में राज्य सरकार ने 2021 में मादक पदार्थों की सूचना देने वाले को पुरस्कार देने के लिए पहली नार्को रिवॉर्ड पॉलिसी लागू की थी। इस नीति के परिणामस्वरूप ड्रग्स की जब्ती में उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई है। अक्टूबर, 2021 में रिवॉर्ड पॉलिसी लॉन्च होने के बाद से दिसंबर, 2024 तक 16,155 करोड़ रुपए कीमत की 87,607 किलो ड्रग्स जब्त की गई हैं। गुजरात नारकोटिक्स रिवॉर्ड पॉलिसी के माध्यम से युवाओं को नशीले पदार्थों के चंगुल से छुड़ाने और ड्रग्स पैडलरों पर शिकंजा कसने की दिशा में आगे बढ़ा है।
नार्को रिवॉर्ड पॉलिसी लॉन्च करते समय गृह राज्य मंत्री श्री हर्ष संघवी ने कहा था, “ड्रग की बुराई हमारे समाज को कमजोर कर देगी, इसलिए यह आवश्यक है कि युवा इससे दूर रहें। ड्रग्स के सेवन से कुछ समय के लिए उत्तेजना या उत्साह का भाव महसूस किया जा सकता है, लेकिन लंबे समय तक इसका उपयोग हमारे शरीर को बहुत ही खतरनाक नुकसान पहुंचाता है। यदि युवाओं को किसी ऐसे स्थान के बारे में पता चले, जहां ड्रग्स बेची जाती हैं, तो उन्हें पुलिस और राज्य के गृह विभाग को इसकी सूचना देनी चाहिए।”
ड्रग्स के खिलाफ जंग : गुजरात स्पेशल रिवॉर्ड स्कीम शुरू करने वाला पहला राज्य
गुजरात पुलिस ने ड्रग्स के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई है, और इसलिए ही वह ड्रग्स पकड़ने के मामले में देश भर में अग्रणी है। गुजरात मादक पदार्थों के दुरुपयोग को रोकने के उद्देश्य से मुखबिरों के लिए रिवॉर्ड पॉलिसी शुरू करने वाला देश का पहला राज्य है। ड्रग्स के कारोबार को नेस्तनाबूद करने के प्रयासों में पुलिस कर्मचारियों और अधिकारियों के साथ-साथ मुखबिर भी अहम भूमिका निभाते हैं। गुजरात सरकार ने मुखबिरों के जोखिम को ध्यान में रखते हुए और राज्य में नशीले पदार्थों के कारोबार पर नकेल कसने के लिए पुलिस अधिकारियों, कर्मचारियों और मुखबिरों को प्रोत्साहन देने के लिए नारकोटिक्स रिवॉर्ड पॉलिसी शुरू की है। इस पॉलिसी का कार्यान्वयन सरकार के गृह विभाग के अंतर्गत किया जाता है।
किन मामलों में दिया जाता है रिवॉर्ड
नार्को रिवॉर्ड पॉलिसी के अंतर्गत ऐसे मुखबिर जिनके द्वारा दी गई गुप्त सूचना के आधार पर नारकोटिक्स ड्रग्स और साइकोट्रॉपिक पदार्थों तथा एनडीपीएस एक्ट, 1985 के तहत अवैध रूप से अर्जित संपत्ति की जब्ती होती है।
दूसरा, नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रॉपिक सब्सटेंस एक्ट (एनडीपीएस एक्ट), 1985 के अंतर्गत अधिकृत अधिकारी, जो अवैध पदार्थों को जब्त करते हैं, सफल जांच और अभियोजन चलाते हैं तथा जांच के बाद के कार्यों के जरिए अपराध को सिद्ध करते हैं।
तीसरे मामले में, अन्य विभाग के ऐसे अधिकारी, जिन्होंने एनडीपीएस एक्ट, 1985 के प्रावधानों के उल्लंघन का पता लगाने में सहायता की है।
किस आधार पर तय होती है पुरस्कार की राशि
रिवॉर्ड की राशि तय करते समय मुखबिर द्वारा जब्ती के संदर्भ में दी गई सूचना की विश्वसनीयता और सटीकता, उठाए गए जोखिम और उसका स्तर आदि बातों को ध्यान में लिया जाता है। वहीं, सरकारी कर्मचारियों या अधिकारियों द्वारा सफल जब्ती के मामलों में उनके द्वारा किए गए विशेष प्रयासों, कार्रवाई के लिए उठाया गया जोखिम, सतर्कता और क्या प्रतिबंधित पदार्थ से जुड़े लोगों को गिरफ्तार किया गया है या नहीं, आदि बातों को ध्यान में लिया जाता है। ऐसे अधिकारियों या कर्मचारियों को कोई पुरस्कार नहीं दिया जाता, जो अपने सामान्य कर्तव्यों के हिस्से के रूप में साक्ष्य प्रस्तुत करते हैं।
जब्त पदार्थ की कीमत की 20 फीसदी तक की राशि का नकद पुरस्कार
एनडीपीएस एक्ट, 1985 के प्रावधानों के तहत जब्त किए गए पदार्थों की अवैध कीमत की 20 फीसदी तक की राशि पुरस्कार के पात्र होती है। ड्रग्स पकड़वाने के काम में शामिल सरकारी कर्मचारियों के लिए उनके पूरे करियर के दौरान इस पुरस्कार की अधिकतम सीमा 20 लाख रुपए है, जबकि जब्ती के किसी असाधारण मामले में किसी कर्मचारी या अधिकारी को दी जाने वाली अधिकतम राशि 2 लाख रुपए तक है। कार्यालय के कार्य में मदद करने वाले किसी निजी व्यक्ति को प्रत्येक मामले में 2500 रुपए का पुरस्कार दिया जाता है। किसी मुखबिर या सरकारी कर्मचारी की मृत्यु की स्थिति में उनका पुरस्कार उनके कानूनी उत्तराधिकारी या नॉमिनी को दिया जा सकता है। इस रिवॉर्ड का भुगतान पूर्ण रूप से पुरस्कार के रूप में किया जाता है और सक्षम प्राधिकारी इसे मंजूर करता है।
गुजरात पुलिस ने गत 3 वर्ष में जब्त की 16,155 करोड़ रुपए की ड्रग्स
नार्को रिवॉर्ड पॉलिसी को लेकर जागरूकता के चलते एनडीपीएस एक्ट, 1985 के तहत दर्ज मामलों और ड्रग्स की जब्ती में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। 2021 में रिवॉर्ड पॉलिसी के लॉन्च होने के बाद से दिसंबर 2024 तक 16,155 करोड़ रुपए कीमत की 87,607 किलो ड्रग्स जब्त की गई है और 2500 से अधिक आरोपियों का पता चला है। डीजीपी कमेटी ने इस पॉलिसी के तहत अब तक 64 लोगों के लिए रिवॉर्ड के रूप में 51,202 रुपए मंजूर किए हैं। वहीं, अपर मुख्य सचिव (एसीएस), गृह विभाग के स्तर की कमेटी ने 169 लोगों के लिए 6,36,86,664 रुपए बतौर पुरस्कार मंजूर किए हैं। इसके अलावा, 737 लोगों को कुल 5,13,40,680 रुपए रिवॉर्ड देने का प्रस्ताव नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) कमेटी को भेजा गया है।