- नमोशक्ति तथा सोमनाथ-द्वारका एक्सप्रेसवे महत्वपूर्ण औद्योगिक एवं पर्यटन स्थलों को जोड़ेंगे
- दोनों एक्सप्रेसवे 13 जिलों से गुजरेंगे, राज्य की 45 प्रतिशत जनसंख्या को लाभ
- लॉजिस्टिक्स खर्च तथा यात्रा समय में उल्लेखनीय कमी होगी, औद्योगिक क्षेत्रों को कार्यक्षम पोर्ट कनेक्टिविटी मिलेगी
- राज्य के नागरिकों की सुख-सुविधा में वृद्धि कर अत्याधुनिक एवं विश्व स्तरीय रोड इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रदान करने के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध
गांधीनगर, 21 जून : राज्य के सर्वांगीण विकास के लिए महत्वपूर्ण रोड इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत तथा विश्व स्तरीय बनाने की नींव तत्कालीन मुख्यमंत्री एवं देश के वर्तमान प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने डाली थी। उन्होंने विजनरी आयोजन से राज्य के सड़क मार्गों को आधुनिक टेक्नोलॉजी से सज्ज कर राज्य के विभिन्न क्षेत्रों तक कनेक्टिविटी का दायरा बढ़ाया था। इस विकास यात्रा को आगे ले जाते हुए मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व में राज्य में समय की मांग के अनुरूप विश्व स्तरीय रोड इन्फ्रास्ट्रक्चर निर्माण का आयोजन किया गया है। इन सड़क मार्गों के निर्माण से गुजरात का रोड इन्फ्रास्ट्रक्चर फ्यूचर रेडी बन जाएगा और राज्य सहित देश की अर्थव्यवस्था में उल्लेखनीय योगदान देगा।

नमोशक्ति तथा सोमनाथ-द्वारका एक्सप्रेसवे : उत्तर गुजरात व सौराष्ट्र के आर्थिक विकास का व्यापक आयोजन
इस वर्ष राज्य के बजट में दो ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस का निर्माण करने की घोषणा की गई है। ये दो एक्सप्रेसवे हैं : (अ) नमोशक्ति एक्सप्रेसवे तथा (ब) सोमनाथ-द्वारका एक्सप्रेसवे। अनुमानित 36,120 करोड़ रुपए के खर्च से नमोशक्ति एक्सप्रेसवे का डीसा से पीपावाव तक निर्माण किया जाएगा, जिसकी लंबाई 430 किलोमीटर होगी। दूसरी ओर; सोमनाथ-द्वारका एक्सप्रेसवे 680 किलोमीटर लंबा होगा, जो अनुमानित 57,120 करोड़ रुपए के खर्च से निर्मित होगा और जिससे अहमदाबाद, राजकोट व द्वारका के आसपास के क्षेत्रों के लिए कनेक्टिविटी सुगम बनेगी।
सौराष्ट्र के उद्योगों के लिए रणनीतिक पोर्ट कनेक्टिविटी
ये दोनों एक्सप्रेसवे राज्य के महत्वपूर्ण बंदरगाहों तक सीधी-सीधी तथा तेज कनेक्टिविटी प्रदान करेंगे और गुजरात को भारत के अन्य प्रदेशों के साथ मजबूती से जोड़ेंगे। यह कनेक्टिविटी शुरू होने से ट्रैफिक का भार घटेगा और प्रदूषण कम करने में भी सहायता मिलेगी।
अहमदाबाद-राजकोट एक्सप्रेसवे : मुख्य औद्योगिक एवं उत्पादन कॉरिडोर के रूप में स्थापित होगा
महत्वपूर्ण बात यह है कि यह एक्सप्रेसवे धोलेरा-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के इन्फ्लुएंस एरिया से गुजरता है। फलस्वरूप अहमदाबाद-राजकोट एक्सप्रेसवे एक मुख्य औद्योगिक एवं उत्पादन कॉरिडोर के रूप में उभर कर आएगा। लॉजिस्टिक्स तथा सप्लाई चेन में कार्यक्षमता बढ़ने से साणंद के समृद्ध औद्योगिक क्षेत्र को लाभ होगा। इस कनेक्टिविटी से राजकोट की टूल्स व मशीन उपकरणों का उत्पादन करने वाली इकाइयों को भी लाभ होगा। सुरेन्द्रनगर में एमएसएमईस को इन मुख्य शहरों के साथ सुगम कनेक्टिविटी मिलेगी। इसके अलावा; उत्तर गुजरात में पालनपुर व डीसा जैसे क्षेत्रों में कृषि संबंधी व्यावसायिक तथा आर्थिक गतिविधियों को भी वेग मिलेगा।
दोनों एक्सप्रेसवे 13 जिलों से गुजरेंगे, राज्य की 45 प्रतिशत जनसंख्या को लाभ
ये दोनों एक्सप्रेसवे एक अभूतपूर्व रोड नेटवर्क का निर्माण करेंगे, जिसका लाभ राज्य के 13 जिलों को होगा। दोनों एक्सप्रेसवे अमरेली, बोटाद, सुरेन्द्रनगर, पाटण, बनासकाँठा, अहमदाबाद, राजकोट, मोरबी, जामनगर, देवभूमि द्वारका, पोरबंदर, जूनागढ एवं गीर सोमनाथ जिलों से गुजरेंगे और राज्य की लगभग 45 प्रतिशत जनसंख्या को इनका लाभ मिलेगा। इन 13 जिला मुख्यालयों से इन एक्सप्रेसवे पर पहुँचने के लिए एक घण्टे से भी कम समय लगेगा।

एक्सप्रेसवे नेटवर्क में 45 इंटरचेंज तथा वेसाइड एमेनिटीज
इन दोनों एक्सप्रेसवे नेटवर्कों में लगभग 42 इंटरचेंज रहेंगे, जिससे क्षेत्रीय/प्रादेशिक कनेक्टिविटी को वेग मिलेगा। इसके अलावा; रोड पर विशेष सुविधाओं के लिए 50 किलोमीटर के अंतराल पर वेसाइड एमेनिटीज प्रदान की जाएंगी। इन एमेनिटीज में छोटे और भारी वाहनों के लिए पार्किंग, रेस्टरूम, गुणवत्तायुक्त खान-पान सुविधाएँ, मेडिकल सुविधाएँ, पेट्रोल पंप तथा अन्य आवश्यक सुविधाएँ प्रदान की जाएंगी। इस रोड निर्माण के दौरान जहाँ आवश्यकता होगी, वहाँ वन्यजीवों के गुजरने के लिए ओवरपास या अंडरपास का भी निर्माण किया जाएगा।
महत्वपूर्ण औद्योगिक-पर्यटन स्थलों को मिलेगी सुगम कनेक्टिविटी
ये दोनों एक्सप्रेसवे राज्य के महत्वपूर्ण औद्योगिक व पर्यटन स्थलों तक सीमलेस कनेक्टिविटी प्रदान करेंगे। इनमें अंबाजी, धरोई, पोलो के जंगल, मोढेरा, बेचराजी, जामनगर, द्वारका, पोरबंदर तथा सोमनाथ जैसे स्थलों को सीधी-सीधी कनेक्टिविटी मिलेगी। इसके अलावा; मांडल विशेष निवेश क्षेत्र (एसआईआर), बावळा, साणंद, राजकोट-शापर, पोरबंदर-कोडीनार तथा धोलेरा जैसे औद्योगिक क्षेत्रों तक की कनेक्टिविटी अधिक सुगम बनेगी।
इन दो प्रोजेक्टों के पूर्ण होने पर राज्य में एक भव्य रोड नेटवर्क का निर्माण होगा और नागरिकों को 8,000 किलोमीटर से अधिक के 4-6 लेन हाईवे उपलब्ध होंगे।
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