नई दिल्ली, 29 जुलाई 2025, जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए दर्दनाक आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था। हमले के तुरंत बाद सुरक्षा एजेंसियों ने तेजी से कार्रवाई की, और अब देश को राहत की खबर मिली है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मंगलवार को संसद में ऐलान किया कि इस हमले में शामिल तीनों आतंकियों को ‘ऑपरेशन महादेव’ के तहत मार गिराया गया है। इस बयान ने न सिर्फ शहीदों के परिजनों को न्याय का भरोसा दिलाया, बल्कि देश को यह संदेश भी दिया कि भारत आतंकवाद के खिलाफ अब आर-पार की लड़ाई के मूड में है।
मुख्य बिंदु:
- ‘ऑपरेशन महादेव’ में पहलगाम हमले के तीनों आतंकियों को ढेर किया गया।
- गृहमंत्री अमित शाह ने लोकसभा में दी जानकारी, कहा – “यह न्याय की त्वरित कार्यवाही है।”
- आतंकियों ने धर्म पूछकर निर्दोषों की हत्या की थी – शाह।
- ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और आतंकी मॉड्यूल्स पर भी संसद में चर्चा।
ऑपरेशन महादेव’ से 48 घंटे में बदला लिया गया – अमित शाह
गृहमंत्री अमित शाह ने संसद में जानकारी देते हुए कहा कि पहलगाम आतंकी हमले में शामिल सभी तीन आतंकियों को ढेर कर दिया गया है। यह कार्रवाई सोमवार को सुरक्षा बलों द्वारा चलाए गए ‘ऑपरेशन महादेव’ के अंतर्गत की गई।
“हमारी नीति स्पष्ट है – आतंकवाद को जड़ से खत्म करना। ऑपरेशन महादेव इसी नीति की मिसाल है।”

पहलगाम हमला: जब धर्म पूछकर की गई निर्मम हत्याएं
शाह ने इस घटना को “निर्ममता की पराकाष्ठा” बताया और कहा कि आतंकियों ने नाम और धर्म पूछकर निर्दोष नागरिकों की हत्या की।
“परिवारों के सामने लोगों को मारना, यह सिर्फ आतंक नहीं बल्कि पाशविकता है। इसका माकूल जवाब देना हमारा कर्तव्य है।”
ऑपरेशन महादेव: कैसे चला 48 घंटे का हाई-लेवल मिशन?
- सेना, CRPF और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने मिलकर सटीक ऑपरेशन प्लान किया।
- हमले के तुरंत बाद एजेंसियों ने आतंकियों की पहचान कर ली।
- अनंतनाग के जंगलों में हुई मुठभेड़ में तीनों आतंकी मारे गए।
- ऑपरेशन में कोई भी आम नागरिक हताहत नहीं हुआ।
ऑपरेशन सिंदूर’ पर सरकार का सख्त रुख
अमित शाह ने बताया कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ केवल एक सुरक्षा मिशन नहीं बल्कि एक रणनीतिक विजन है जिसमें आतंकी नेटवर्क्स, फंडिंग और लोकल सहयोगियों पर गहरी नज़र रखी जा रही है।
“हम आतंकवाद के हर स्तंभ को उखाड़ फेंकने का संकल्प ले चुके हैं।”
निष्कर्ष:
गृहमंत्री अमित शाह का संसद में दिया गया भाषण न सिर्फ सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है, बल्कि यह भी साफ करता है कि अब भारत “रिएक्टिव नहीं, प्रोएक्टिव” मोड में है। ‘ऑपरेशन महादेव’ भारत की सुरक्षा रणनीति में नई धार और नया आत्मविश्वास जोड़ता है।