गांधीनगर, 27 मार्च: हाल के समय में गुजरात सरकार स्वास्थ्य को लेकर, विशेष रूप से मोटापे के विरुद्ध लोगों में जागरूकता बढ़ाने के लिए गंभीर हो गई है। इसी दिशा में एक और कदम बढ़ाते हुए, राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री भूपेंद्रभाई पटेल की अध्यक्षता में एक संचालन समिति (स्टीयरिंग कमेटी) का गठन किया है।
गौरतलब है कि ‘पहला सुख निरोगी काया’ हर व्यक्ति के लिए मूलभूत और आवश्यक बात बन सके, मोटापे के प्रति नागरिकों में जागरूकता आए और यह विचार हर व्यक्ति तक पहुंचे, इस उद्देश्य से मुख्यमंत्री भूपेंद्रभाई पटेल के मार्गदर्शन में पूरे गुजरात में “स्वस्थ गुजरात, मेदस्विता मुक्त गुजरात अभियान” शुरू किया गया है। इस अभियान के प्रभावी आयोजन और सफल कार्यान्वयन के लिए अब मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में संचालन समिति का गठन किया गया है।
इस अभियान के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए बनाई गई स्टीयरिंग कमेटी में पाँच मंत्री शामिल किए गए हैं: स्वास्थ्य मंत्री ऋषिकेश पटेल, शिक्षा मंत्री कुबेर डिंडोर, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री भानुबेहन बाबरिया, गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी और सहकार राज्य मंत्री जगदीश विश्वकर्मा।
इसके अलावा, मुख्य सचिव पंकज जोशी की अध्यक्षता में एक कार्यकारी समिति (एक्जीक्यूटिव कमेटी) का गठन किया गया है। इस समिति में गुजरात सरकार के विभिन्न 11 विभागों के वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों को शामिल किया गया है।
ये अधिकारी पूरे वर्ष अपने-अपने विभागों के समन्वय से मेदस्विता मुक्त गुजरात अभियान के तहत विभिन्न कार्यक्रमों का संचालन करेंगे। इन 11 विभागों में शहरी विकास और शहरी गृह निर्माण, गृह, खेल-कूद, युवा और सांस्कृतिक गतिविधियाँ, पर्यटन, सूचना और प्रसार, सामान्य प्रशासन विभाग (GAD), शिक्षा, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण, उद्योग और खनन, महिला एवं बाल विकास तथा कृषि, किसान कल्याण और सहकार विभाग शामिल हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई ‘मेदस्विता मुक्ति’ की राष्ट्रीय पहल वर्तमान समय की जरूरत है। इस अभियान का महत्व समझते हुए मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने विधानसभा में विश्व मेदस्विता दिवस पर “स्वस्थ गुजरात – मेदस्विता मुक्त गुजरात” की प्रतिबद्धता जताई थी। आने वाले वर्षों में राज्य सरकार मोटापे के विरुद्ध इस अभियान को और तेज गति से आगे बढ़ाएगी।
मोटापे को कम करने की इस मुहिम में राज्य के प्रत्येक नागरिक, परिवार और संस्थानों को योगदान देना चाहिए ताकि जनभागीदारी से गुजरात को स्वास्थ्य और कल्याण का एक मॉडल राज्य बनाया जा सके।
वर्तमान समय में जीवनशैली में बदलाव, जैसे कि अत्यधिक स्क्रीन टाइम, भोजन और नींद के समय में बदलाव, शारीरिक गतिविधियों की कमी आदि के कारण दुनियाभर में मेदस्विता और अधिक वजन वाले लोगों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इसके परिणामस्वरूप डायबिटीज, हृदय रोग, पाचन तंत्र से जुड़ी बीमारियाँ जैसी गैर-संचारी बीमारियों (NCDs) के मामलों में बढ़ोतरी हो रही है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा प्रकाशित आंकड़ों के अनुसार, दुनिया में हर आठ में से एक व्यक्ति मोटापे से ग्रस्त है। 18 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों में से 43% लोग औसत वजन से अधिक हैं और 16% लोग मोटापे से पीड़ित हैं।
आयुष्मान भारत हेल्थ वेलनेस सेंटर योजना के तहत, प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल के माध्यम से गैर-संचारी रोगों (NCDs) को रोकने के प्रयासों को मजबूत किया गया है। इसमें सामूहिक स्तर पर स्वास्थ्य और कल्याण गतिविधियों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। स्वस्थ जीवनशैली को बढ़ावा देने और सार्वजनिक जागरूकता बढ़ाने के लिए प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और सोशल मीडिया का उपयोग किया जाएगा।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) कई वर्षों से मोटापे को एक वैश्विक संकट मानता आया है। वर्ल्ड हेल्थ असेंबली ने ग्लोबल न्यूट्रिशन टारगेट्स को मंजूरी दी है, जिससे बचपन में मोटापे को रोका जा सके और 2025 तक डायबिटीज व मोटापे के बढ़ते मामलों को नियंत्रित किया जा सके।
इसके अलावा, 2022 में 75वीं वर्ल्ड हेल्थ असेंबली के दौरान, सदस्य देशों ने मोटापे की रोकथाम और प्रबंधन के लिए नई सिफारिशों को मंजूरी दी और WHO के मेदस्विता नियंत्रण योजना को स्वीकृति दी। इस योजना के बाद, वैश्विक और राष्ट्रीय स्तर पर नीतियों को व्यवस्थित करने और विभिन्न देशों में इसके कार्यान्वयन को समर्थन देने की पहल की गई है।