2019 में सात जिलों में सभी इमरजेंसी सेवाओं के लिए एक ही हेल्पलाइन नंबर की घोषणा की गई थी
सभी जिलों को 500 जनरक्षक पीसीआर वैन आवंटित की जाएगी, कमांड कंट्रोल सेंटर के माध्यम से सभी जिलों की रीयल टाइम निगरानी होगी
गांधीनगर, 25 मार्च : गुजरात के सभी नागरिकों को एक ही नंबर पर सभी इमरजेंसी सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए वर्ष 2019 में 112 ईआरएसएस (इमरजेंसी रिस्पॉन्स सपोर्ट सिस्टम) हेल्पलाइन नंबर की घोषणा की गई थी। 112 नंबर के माध्यम से स्वास्थ्य एवं परिवार, पुलिस, अग्निशमन, महिला एवं बाल विकास तथा रेवेन्यू-आपदा प्रबंधन विभाग के स्वतंत्र टोल-फ्री नंबर को एकीकृत किया गया था। प्राथमिक चरण में यह सेवा अभी राज्य में गिर सोमनाथ, देवभूमि द्वारका, मोरबी, छोटा उदेपुर, बोटाद, अरवल्ली और महिसागर में शुरू की गई है, जिसे मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व में निकट भविष्य में पूरे राज्य में कार्यान्वित करने का काम चल रहा है।
कंट्रोल एंड कमांड सेंटर से रीयल टाइम मॉनिटरिंग
इस सेवा का लाभ पूरे राज्य में उपलब्ध कराने के लिए वर्तमान में एकीकृत कंट्रोल एंड कमांड सेंटर तथा आईटी इंफ्रास्ट्रक्चर स्थापित करने का काम चल रहा है। इस सेंटर से सभी जिलों में इमरजेंसी रिस्पॉन्स के कार्य की रीयल टाइम निगरानी हो सकेगी। इतना ही नहीं, जिला स्तर पर भी इन सेवाओं की निगरानी स्वतंत्र रूप से की जा सकेगी। सरकार डिजिटल टेक्नोलॉजी की पहुंच बढ़ाकर इस सेवा को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।
500 जनरक्षक पीसीआर वैन का आवंटन, कर्मचारियों को प्रशिक्षण
जिलों में अंतिम छोर के लोगों को त्वरित इमरजेंसी रिस्पॉन्स मिल सके, इसके लिए 500 नई जनरक्षक पीसीआर वैन आवंटित की जाएगी। इमरजेंसी रिस्पॉन्स से जुड़े पुलिस विभाग सहित अन्य कर्मचारियों को रीयल टाइम में डिजिटल अपडेशन सहित इमरजेंसी रिस्पॉन्स से संबंधित आवश्यक प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
अब तक सात जिलों में 1.49 करोड़ कॉल का जवाब दिया गया
19 फरवरी, 2019 को कार्यरत होने के बाद ईआरएसएस-112 के अंतर्गत गुजरात में 1.49 करोड़ से अधिक इमरजेंसी कॉल को सफलतापूर्वक हैंडल किया गया है, जिनमें से 69,477 मामलों में तत्काल सहायता के लिए इमरजेंसी टीमें भेजी गईं। वर्तमान में सात जिलों में पुलिस का औसत रिस्पॉन्स टाइम 26 मिनट और 59 सेकंड है।