गांधीनगर, 24 फरवरी 2025: कृषि और किसानों के सशक्तिकरण के लिए 2019 में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने क्रांतिकारी निर्णय करते हुए प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना की शुरुआत की थी जिसके अंतर्गत देश के सभी छोटे किसानों के बैंक खातों में सालाना 6,000 रुपए की आर्थिक मदद दी जा रही है। प्रधानमंत्री के इस पहल को गुजरात ने अपने राज्य में प्रभावी तरीके से लागू करते हुए किसानों के आर्थिक सशक्तिकरण को सुनिश्चित किया है। उल्लेखनीय है कि फरवरी 2019 में इस योजना की शुरुआत के बाद से गुजरात ने अब तक यानी 6 साल में राज्य के 66.65 लाख किसानों ₹18,813.71 करोड़ की आर्थिक मदद मिली है।
पात्र किसानों तक लाभ सुनिश्चित करने के लिए बहु-स्तरीय सत्यापन प्रणाली
गुजरात सरकार ने यह सुनिश्चित करने के लिए कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ केवल पात्र किसानों तक पहुंचे, एक बहु-स्तरीय सत्यापन प्रणाली लागू की है। इस प्रणाली के माध्यम से योजना के कार्यान्वयन में पारदर्शिता और जवाबदेही को बनाए रखा गया है। 12वीं किस्त से, भूमि सीडिंग को लाभ प्राप्त करने के लिए अनिवार्य कर दिया गया है, ताकि केवल वास्तविक किसान ही इस योजना का लाभ उठा सकें। इसके तहत, किसानों को अपनी भूमि को पोर्टल से जोड़ने की प्रक्रिया पूरी करनी होती है।

भ्रष्टाचार को रोकने के लिए आधार लिंकिंग, ई-केवाईसी और भौतिक सत्यापन को बनाया अनिवार्य
इस योजना के कार्यान्वयन के अंतर्गत पाई गई त्रुटियों को दूर करते हुए इस योजना के लाभ के लिए 13वीं किस्त से आधार लिंकिंग और प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (DBT) प्रणाली को अनिवार्य किया गया, जिससे किसानों को उनके आधार से जुड़े बैंक खातों में सीधे लाभ राशि भेजी जाती है। 15वीं किस्त से ई-केवाईसी की प्रक्रिया शुरू की गई, जिससे योजना के लाभार्थियों की पहचान और सत्यापन में सुरक्षा और अधिक बढ़ी है। किसान अब अपने पहचान संबंधी दस्तावेजों को ऑनलाइन सत्यापित कर सकते हैं। इसके साथ ही, गांव स्तर पर नोडल अधिकारी 5% और 10% भौतिक सत्यापन भी करते हैं, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि केवल योग्य किसान ही इस योजना का लाभ ले रहे हैं। यह सत्यापन प्रक्रिया फर्जी लाभार्थियों को बाहर करने में मदद करती है।
अयोग्य लाभार्थियों से वसूली और जन संवाद के माध्यम से भी और बढ़ी पारदर्शिता
गुजरात सरकार अयोग्य लाभार्थियों से प्राप्त किए गए लाभों की वसूली भी कर रही है। यदि किसी किसान को गलत तरीके से लाभ मिल गया हो, तो उसे वापस लिया जा रहा है। इसके साथ ही, किसान अपने भूमि स्वामित्व दस्तावेज और आधार विवरण का उपयोग करके पीएम-किसान पोर्टल पर स्वयं पंजीकरण भी कर सकते हैं। मुख्यमंत्री डैशबोर्ड के तहत जन संवाद कार्यक्रम के माध्यम से लाभार्थियों से सीधे प्रतिक्रिया प्राप्त की जाती है, जिससे इस योजना की रियल-टाइम निगरानी भी हो जाती है।
किसानों के बैंक खातों में लाभ का सीधा हस्तांतरण
प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना के तहत दी जाने वाली आर्थिक मदद को डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफ के माध्यम से किसानों के बैंक खातों दी जाती है। लाभार्थी किसान अपनी भुगतान स्थिति पीएम-किसान पोर्टल पर सत्यापित कर सकते हैं, जहां उन्हें क्रेडिट की गई बैंक का नाम, खाता संख्या, लेन-देन की तारीख और UTR संख्या जैसे विवरण दिखाई देंगे। इसके अलावा, मुख्यमंत्री डैशबोर्ड के तहत जन संवाद कार्यक्रम सक्रिय रूप से प्रतिक्रिया एकत्र करता है, ताकि योजना के प्रभावी कार्यान्वयन को सुनिश्चित किया जा सके। इस तरह से किसानों को वित्तीय सुरक्षा प्रदान करके, राज्य कृषि क्षेत्र को मजबूत कर रहा है और निरंतर विकास को प्रेरित कर रहा है।