Wednesday, March 19, 2025
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पीएम मोदी का ग्रामीण सशक्तिकरण दृष्टिकोण: गुजरात के सभी PACS बनेंगे e-PACS

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भारत सरकार के PACS कंप्यूटरीकरण योजना के तहत PACS, का होगा डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन, प्रति PACS को ₹4 लाख वित्तीय सहायता

भारत सरकार के PACS कंप्यूटरीकरण योजना के तहत PACS, का होगा डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन, प्रति PACS को ₹4 लाख वित्तीय सहायता

सभी चयनित PACS अगले छह महीनों में e-PACS में होंगे रूपांतरित

गांधीनगर, 7 फरवरी, 2025: प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में भारत के पहले केंद्रीय सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह के नेतृत्व में केंद्रीय सहकारिता मंत्रालय ‘सहकार से समृद्धि’ के दृष्टिकोण को आत्मसात करते हुए अपनी विभिन्न सहकारी पहलों के माध्यम से ग्रामीण विकास में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। केंद्र सरकार का सहकारिता मंत्रालय देश के हर गांव में सहकारी गतिविधियों को मजबूत और विस्तार देने के लिए काम कर रहा है, ताकि एक सहकारी-आधारित आर्थिक मॉडल तैयार हो, जिसमें प्रत्येक सदस्य जिम्मेदारी से सक्रिय रूप से योगदान दे सके।

PACS के डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन की दिशा में गुजरात के महत्वपूर्ण कदम

ग्रामीण सहकारिता समितियों के डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन दृष्टिकोण के तहत, केंद्रीय सहकारिता मंत्रालय ने PACS कंप्यूटरीकरण योजना की शुरुआत की है, जिसका उद्देश्य सभी कार्यात्मक प्राथमिक कृषि ऋण सहकारी समितियों (PACS) को एकीकृत एंटरप्राइज रिसोर्स प्लानिंग (ERP) प्लेटफॉर्म पर लाना है। इस पहल के माध्यम से उन्हें राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (NABARD) से राज्य सहकारी बैंकों (StCBs) और जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों (DCCBs) के जरिए जोड़ा जाएगा।

गुजरात में PACS कंप्यूटरीकरण की तेज़ रफ्तार, अगले 6 महीनों में सभी PACS बनेंगे e-PACS

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के दृष्टिकोण के अनुरूप, यह योजना मुख्यमंत्री श्री भूपेन्द्र पटेल के नेतृत्व में गुजरात में 2023-24 से लागू की गई है। वर्तमान में राज्य भर में 5,754 PACS के लिए कम्प्यूटरीकरण प्रक्रिया का पहला चरण प्रगति पर है, जिसके जल्द ही पूरा होने की उम्मीद है। गुजरात सरकार की योजना है कि सभी चयनित PACS को अगले 6 महीनों में e-PACS में रूपांतरित कर दिया जाए।

PACS के डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन के लिए प्रत्येक PACS को ₹4 लाख की वित्तीय सहायता

इस प्रक्रिया के तहत सभी PACS डेटा को डिजिटलाइज़्ड किया जाएगा, और एक व्यापक सपोर्ट सिस्टम स्थापित किया जाएगा। इसके लिए प्रत्येक PACS को लगभग ₹4 लाख की वित्तीय सहायता भी दी जा रही है। इस ट्रांसफॉर्मेशन को सुविधाजनक बनाने के लिए गुजरात सरकार ने PACS को कई आवश्यक हार्डवेयर्स प्रदान किए हैं, जिसमें डेस्कटॉप, मल्टी-फंक्शन प्रिंटर (MFPs), फिजिकल VPN डिवाइस, बायोमेट्रिक स्कैनर, वेब कैमरा, UPS सिस्टम और आवश्यक सॉफ़्टवेयर शामिल हैं। साथ ही, अब तक, हार्डवेयर सभी PACS को वितरित किया जा चुका है, और 2,900 से अधिक PACS Go Live चरण में पहुंच चुके हैं।

e-PACS से ग्रामीण नागरिकों को क्या लाभ मिलेंगे?

PACS कम्प्यूटरीकरण से किसी भी प्रक्रिया के परिचालन की गति, पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ेगी। साथ ही, इसके सदस्यों के लिए ऋण और गैर-ऋण दोनों सेवाओं में भी सुधार होगा। इसके अलावा, वित्तीय अनियमितताओं को रोकने, PACS कर्मचारियों की कार्यकुशलता को बढ़ाने, वित्तीय समावेशन में विस्तार करने, सदस्यों के लिए अधिक व्यावसायिक अवसर सृजित करने और सभी सदस्यों तक सूचनाओं की आसान पहुंच उपलब्ध होगी।

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