Wednesday, March 19, 2025
HomeBBN-EXCLUSIVEगलीपति से राष्ट्रपति तक 70 लाख नेतृत्व, फिर भी क्यों विक्षिप्त है...

गलीपति से राष्ट्रपति तक 70 लाख नेतृत्व, फिर भी क्यों विक्षिप्त है तंत्र ?

Share:

भारत का विराट शासनिक-प्रशानिक ढाँचा क्यों है लाचार ?

मंथन : कन्हैया कोष्टी

अहमदाबाद, 1 मई, 2021 (बीबीएन)। राज्यों के संघ से बने भारत की शासनिक और प्रशासनिक व्यवस्था इतनी सुदृढ़ है, जो किसी भी चुनौती का एकजुट होकर सामना कर सकती है।

एक अनुमान के अनुसार भारत में इस समय गलीपति (गाँव के सरपंच) से लेकर राष्ट्रपति तक लगभग 70 लाख पदाधिकारी हैं। यदि एक-एक नेतृत्व कोरोना से मुक्ति के लिए अपने दायित्व को निभाए, तो भारत की कोरोना पर विजय निश्चित हो सकती है।

एक अनुमान के अनुसार भारत की शासनिक-प्रशानिक व्यवस्था की निचले से ऊपरी स्तर के क्रम में बात करें, तो देश में 6 लाख 28 हज़ार 221 से अधिक गाँव हैं। स्वाभाविक है इन गाँवों में इतने ही सरपंच होंगे। इसी प्रकार देश में 5,410 तहसीलों में इतने ही तहसीलदार तथा उतने ही तहसील विकास अधिकारी हैं, तो महानगरों और नगरों की संख्या 4 हज़ार से अधिक है। इनमें मेयर और नगर पालिका अध्यक्षों के अलावा महानगर पालिका आयुक्त तथा मुख्य अधिकारी सहित 8 हज़ार पदाधिकारी हैं। दोनों को मिला दें, तो पदाधिकारियों-अधिकारियों की संख्या 10 हज़ार 920 हो जाती है। देश में 726 जिले हैं, जिनमें 726 जिला पंचायत अध्यक्ष, 726 कलेक्टर तथा 726 जिला विकास अधिकारी सहित 2178 अधिकारी सेवारत् हैं। इसी प्रकार राज्यों की बात करें, तो देश में 33 राज्य हैं, जिनमें 28 पूर्ण राज्यों में 28 राज्यपाल तथा 28 मुख्यमंत्री हैं और 5 केन्द्रशासित राज्यों में 5 उप राज्यपाल, 2 मुख्यमंत्री तथा 3 प्रशासक हैं। तो राज्यों में पदाधिकारियों की संख्या 66 के आसपास पहुँचती है। स्वास्थ्य मंत्रियों और सचिवों को जोड़ दें, तो यह फ़ौज 132 पर पहुँच जाती है।

अब राष्ट्रीय स्तर पर देखें, तो जहाँ एक ओर प्रधानमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री, स्वास्थ्य सचिव सहित विशाल मंत्रिमंडल, सैकड़ों वरिष्ठ अधिकारियों का काफ़िला है, तो सर्वोच्च स्तर पर राष्ट्रपति हैं, जिनके एक आदेश पर सब कुछ हो सकता है।

प्रश्न यह उठता है कि देश में शासन-प्रशासन का इतना सुदृढ़ और विराट ढाँचा होने के पश्चात् भी वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण क्यों और कैसे महासंकट बना हुआ है ? चलिए, संक्रमण को तो सावधानियों से रोकने का दायित्व सीधे नागरिक का बनता है, परंतु संक्रमितों के उपचार की अव्यवस्था के लिए उत्तरदायी कौन है ? 70 लाख से अधिक लोगों की फ़ौज आख़िर कर क्या रही है ? यदि सरपंच से लेकर राष्ट्रपति तक इतनी बड़ी तादाद में कोरोना विरोधी युद्ध में लोग जुटे हैं, तो फिर व्यवस्थाओं में सुधार में इतना विलंब क्यों हो रहा है कि लोगों को बेड, ऑक्सीजन, वेंटिलेटर जैसी स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव में जान गँवानी पड़ रही है ?

आज आवश्यकता है कि हर स्तर का नेतृत्व अपनी ज़िम्मेदारी को पूरी निष्ठा और ईमानदारी से निभाए। तभी कोरोना विरोधी इस युद्ध में भारत की विजय होगी। हर स्तर पर कोरोना संक्रमितों के उपचार में अव्यवस्था के लिए सबसे पहला उत्तर दायित्व स्थानीय पंचायत-पालिका या जिला प्रशासन का होता है। सरपंच से लेकर नगर पालिका अध्यक्ष, नगर पालिका मुख्य अधिकारी, तहसीलदार, तहसील विकास अधिकारी, तहसील पंचायत अध्यक्ष, महानगर पालिका आयुक्त और मेयर तक लाखों की संख्या में नेतृत्व करने वालों को राज्य स्तर पर कोरोना संक्रमण तथा संक्रमितों के इलाज की दुर्दशा को रोकने में जुटना होगा।

राज्यों में भी 33 राज्यपाल-उप राज्यपालों, 28 मुख्यमंत्रियों और अधिकारियों की विशाल सेना के साथ कोरोना पर टूट पड़ना होगा, तो राष्ट्रीय स्तर पर प्रधानमंत्री सहित समूची केन्द्र सरकार तथा अंतत: राष्ट्रपति को भी नेतृत्व के मामले में सक्रिय भूमिका निभाते हुए कोरोना संक्रमण, उपचार की असुविधा जैसी अव्यवस्थाओं के ख़िलाफ़ रणनीति के साथ काम करना होगा तथा पीड़ितों की जान बचाने का अभियान चलाना होगा।

RELATED ARTICLES

Recent Post

Categories

Stay Connected

Popular Searches

- Vadnagar development"गुजरात डिजिटल पहल""ग्रामीण इंटरनेट कनेक्टिविटी""ग्रामीण क्षेत्रों में इंटरनेट""फाइबर टू द होम""स्मार्ट होम्स""हर घर कनेक्टिविटी"“SHC યોજના હેઠળ તેમને માત્ર જરૂરી ખાતરોનો મર્યાદિત માત્રામાં ઉપયોગ કરવાની ભલામણ કરવામાં આવી હતી000 કરોડ રોકાણ000 જેટલા નમુનાઓનું પૃથ્થકરણ પૂર્ણ થઇ ગયેલ છે. ઉપરાંત રવિ-2025 સીઝનમાં 2000 જેટલા માટીના નમૂનાઓનું પરીક્ષણ કરવા માટે સજ્જ છે. સોઇલ હેલ્થ કાર્ડ યોજના ખેડૂતોને તેમની જમીનને અસરકારક રીતે સમજવા અને તેમાં સુધારો કરવામાં000 નમૂનાઓનું પરીક્ષણ કરવાનો છે. ગુજરાત સરકાર પણ આ લક્ષ્યાંકને સમયસર હાંસલ કરવા માટે પ્રતિબદ્ધ છે000-1112 lakh tax free181 Abhayam2025 बजट215 નમૂનાઓ રાજ્ય સરકાર દ્વારા એકત્રિત કરી લેવામાં આવ્યા છે જે પૈકી 3286 નમૂનાઓનું વિશ્લેષણ કરવામાં આવ્યું હતું. વર્ષ 2024-25માં SHC યોજના હેઠળ ગુજરાત માટે ભારત સરકારનો ખરીફ ઋતુ માટેનો લક્ષ્યાંક 335