Monday, May 5, 2025
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ठंडे कलेजे से मारेंगे मोदी : सीधी ‘वॉर’ नहीं, सीधा ‘वार’ होगा ?

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मोदी या सरकार ने अभी नहीं लिया पाकिस्तान का नाम

मोदी ने आतंकियों की बात कही, तो प्रहार उन पर ही होगा

अहमदाबाद। 22 अप्रैल, 2025 मंगलवार को हुए पहलगाम आतंकी हमले को 12 दिन हो चुके हैं। पूरा देश प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, उनकी सरकार और भारतीय सेना को टकटकी लगाए देख रहा है कि भारत पहलगाम हमले के विरुद्ध कब और क्या कार्रवाई करेगा ? देश के नागरिकों को तो मोदी और उनकी सेना पर विश्वास है कि एक्शन होगा, लेकिन विपक्षी राजनीतिक दलों के कई नेता तो धैर्य खोकर मोदी पर निशाना साध रहे हैं कि देश में एक ओर इतनी बड़ी त्रासदी हुई है और मोदी कभी बिहार, कभी केरल जा रहे हैं। इतना ही नहीं; मोदी ने इस मुश्किल घड़ी में जातीय जनगणना का निर्णय कर विपक्षी दलों का पेट खराब कर दिया है।

हालाँकि प्रश्न अभी भी वही बना हुआ है कि 22 अप्रैल, 2025 की दोपहर को हुए पहलगाम आतंकी हमले के बाद उसी दिन देर शाम एक्शन में आए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री एस. जयशंकर, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल तथा तीनों सेनाओं ने 12 दिन बाद भी ऐसा कोई एक्शन क्यों नहीं लिया, जिससे पहलगाम में निर्दोष पर्यटकों की हत्या से धधक रही आक्रोश की ज्वाला ठंडी हो ?

अपेक्षित समय की तुलना में विलंब ने किया बेचैन

देश के आम नागरिकों में मोदी सरकार की ओर से अभी तक आतंकिस्तान के विरुद्ध कार्रवाई न किए जाने से बेचैनी है और इसका कारण है पिछले दो एक्शन। दरअसल; मोदी सरकार इससे पहले आतंकिस्तान के विरुद्ध सर्जिकल स्ट्राइक तथा एयर स्ट्राइक कर चुकी है। मोदी सरकार ने वह एक्शन लेने में 11-12 दिन का समय लगाया था। 18 सितंबर 2016 को उड़ी आतंकी हमला हुआ और 11 दिन के भीतर यानी 29 सितंबर को भारतीय सेना ने पाकिस्तान में घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक की थी। इसी प्रकार; 14 फरवरी 2019 को पुलवामा आतंकी हमला हुआ था और भारतीय सेना ने 12 दिन के भीतर यानी 26 फरवरी को पाकिस्तान में घुसकर एयर स्ट्राइक की थी। अब चूँकि पहलगाम हमले को भी 12 दिन का समय बीत चुका है, लेकिन अभी तक कोई एक्शन नहीं होने से आक्रोशित नागरिकों का बेचैन होना स्वाभाविक है।

सेना तैयार, फिर किसका इंतजार ?

विपक्षी दल लगातार सवाल उठा रहे हैं कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पहलगाम आतंकी हमले के बाद लगातार कई बैठकें कर ली हैं और इन बैठकों का संदेश यही है कि आतंक को जड़ से उखाड़ फेंकने के लिए तीनों सेनाएँ तैयार हैं। इतना ही नहीं; तीनों सेनाएँ युद्धाभ्यास भी जोर-शोर से कर रही हैं। ऐसे में विपक्ष मोदी पर निशाना साध रहा है कि वे कार्रवाई करने में किसका इंतजार कर रहे हैं ?

‘वॉर’ नहीं, ‘वार’ करेगा भात

वैसे पहलगाम हमले के बाद लगातार कयास लगाए जा रहे हैं कि इस बार आतंकवादियों के विरुद्ध सर्जिकल स्ट्राइक या एयर स्ट्राइक से कुछ आगे की और बहुत बड़ी कार्रवाई हो सकती है। इसके साथ ही; पिछले 12 दिनों से चल रही सभी प्रकार की भारी कवायदों को यदि ध्यान से समझने का प्रयास करें, तो स्पष्ट संदेश मिलता है कि मोदी सरकार और सेना इस बार आतंकवाद का समूल नाश करने की तैयारी में हैं। मोदी की ताबड़तोड़ सक्रियता के बाद पाकिस्तान 22 अप्रैल से ही भारत की ओर से आक्रमण कर युद्ध छेड़े जाने की आशंका व्यक्त कर रहा है और बुरी तरह भयभीत है, परंतु मोदी और सेना की खामोशी और बॉडी लैंग्वेज कुछ अलग ही संदेश दे रही है। संभव है कि पाकिस्तान की आशंकाओं के विपरीत भारत सीधी ‘वॉर’ नहीं छेड़ेगा, बल्कि सीधा ‘वार’ करेगा। अर्थात् भारत पाकिस्तान के विरुद्ध आधिकारिक रूप से किसी युद्ध की घोषणा नहीं करेगा, बल्कि आतंकवादियों, उनके आकाओं तथा उन्हें पालने-पोषने वाली पाकिस्तानी सेना पर सीधा प्रहार करेगा।

पाकिस्तान पर युद्ध थोपने की बजाए उसे युद्ध के विवश करेगा भारत

मोदी सरकार और सेना की रणनीति संभवतः ये भी हो सकती है कि भारत पाकिस्तान पर युद्ध थोपने से बचते हुए आतंकवादियों, उनके आकाओं तथा पाकिस्तानी सेना को निशाना बनाएगा। अघोषित युद्ध करते हुए भारत पाकिस्तान को युद्ध छेड़ने पर विवश कर सकता है। यदि भारत की तीनों सेनाओं ने आतंकिस्तान के विरुद्ध अघोषित युद्ध छेड़ते हुए भीषण कार्रवाई की, तो स्वाभाविक है कि पहले से ही युद्ध लड़ने को तैयार होने की बात कहने वाला पाकिस्तान भारत के विरुद्ध घोषित युद्ध छेड़ देगा।

पाकिस्तान पूरी दुनिया के सामने आतंकिस्तान के रूप में एक्सपोज होगा

भारत की रणनीति यह भी हो सकती है कि स्वयं युद्ध की उद्घोषणा न करके और पाकिस्तान को युद्ध के लिए विवश करके पाकिस्तान को पूरी दुनिया के सामने आतंकिस्तान के रूप में एक्सपोज किया जाए। यदि भारतीय कार्रवाई में बड़ी संख्या में आतंकियों का खुलासा हुआ और अगर पाकिस्तान ने इसका जवाब देने की कोशिश की, तो पूरी दुनिया के सामने स्पष्ट हो जाएगा कि पाकिस्तान आतंकिस्तान है। पाकिस्तान में आतंकवादी हैं, उनके अड्डे हैं, उनके आका हैं और उनको पालने-पोषने वाली सेना भी है।

Kanhaiya Koshti
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मेरा नाम कन्हैया कोष्टी है। मैं पिछले 30 वर्षों से पत्रकारिता से जुड़ा हुआ हूँ। मुझे धर्म, अध्यात्म, संस्कृति, राजनीति, देश-विदेश से जुड़े महत्वपूर्ण विषयों पर लिखने की रुचि रही है। इस वेबसाइट के माध्यम से मैं अपने विचारों के तथ्यों व विश्लेषण के आधार परआप सभी के साथ साझा करूंगा।
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