Tuesday, June 17, 2025
HomeMAIN NEWSELECTION SELECTIONइधर मतदान, उधर स्नान : मोदी महाकुंभ से साधेंगे दिल्ली, कितना पड़ेगा...

इधर मतदान, उधर स्नान : मोदी महाकुंभ से साधेंगे दिल्ली, कितना पड़ेगा प्रभाव ?

Share:

मोदी ने 5 फरवरी को ही क्यों चुना ?

राजनीतिक उद्देश्य या विशेष संयोग ?

अहमदाबाद, 04 फरवरी : ऐसा पहली बार नहीं हो रहा है कि एक ओर कहीं मतदान चल रहा हो और उसी के समानांतर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी किसी अन्य स्थान पर महत्वपूर्ण कार्य के लिए पहुँचे हों। लोकसभा चुनावों के विभिन्न चरणों में मतदान के दौरान प्राय: मोदी के अन्य चरणों वाले स्थानों पर प्रचार अभियान में व्यस्त देखा गया है, तो राज्यों की विधानसभा चुनावों के दौरान भी मतदान के दिन मोदी देश के किसी अन्य हिस्से में कोई महत्वपूर्ण कार्यक्रम में पहुँचते रहे हैं।

मोदी ने इस परंपरा को दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में भी आगे बढ़ाया है। दिल्ली की जनता 5 फरवरी को जब मतदान कर रही होगी, तब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी प्रयागराज में चलरहे सनातन धर्म के सबसे बड़े उत्सव में महाकुंभ स्नान कर रहे होंगे।

राजनीतिक विश्लेषकों की मानें, तो मोदी दिल्ली में मतदान वाले दिन दिल्ली से लगभग 676 किलोमीटर दूर उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में पवित्र त्रिवेणी संगम में आस्था की डुबकी लगा रहे होंगे। अब जाहिर है कि जिस महाकुंभ की मीडिया में प्रारंभ से ही लाइव कवरेज चल रही है, वहाँ अगर प्रधानमंत्री मोदी पहुँचेंगे, तो मीडिया विशेष रूप से कवरेज करेगा और मीडिया में चल रहे मोदी के सनातनी स्वरूप का उनके समर्थकों पर प्रभाव पड़ेगा ही।

प्रश्न यह उठता है कि मोदी के महाकुंभ स्नान का दिल्ली के मतदान या मतदाताओं पर कोई प्रभाव पड़ेगा ? सामान्यत: इस तरह अंतिम क्षण में किसी घटना के घटने से मतदाताओं का रुख नहीं बदलता। हाँ, इतना अवश्य है कि किसी नेता के ऐसे उपक्रम से आलस्य करके वोट देने नहीं जाने वाले उसके समर्थकों में उत्साह जरूर भर जाता है और वे वोट करके आते हैं। तो इस लिहाज से मोदी का महाकुंभ स्नान भाजपा के मतों में कुछ हद तक वृद्धि जरूर कर सकता है।

अब दूसरा प्रश्न यह उठता है कि मोदी ने आखिर महाकुंभ में स्नान के लिए शाही स्नान वाले दिनों के स्थान पर 5 फरवरी का दिन ही क्यों चुना ? तो इसका उत्तर यह है कि तारीख के हिसाब से भले ही 5 फरवरी 4 या 6 फरवरी की तरह ही एक तारीख हो, परंतु हिन्दू पंचांग के अनुसार 5 फरवरी का दिन अत्यंत विशेष है।

हिन्दू पंचांग के अनुसार 5 फरवरी, 2025 के दिन माघ मास की गुप्त नवरात्रि की अष्टमी तिथि है। इस तिथि को धार्मिक दृष्टि से अत्यंत शुभ माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन किए जाने वाले तप, ध्यान एवं साधना बहुत ही फलदायी रहते हैं। इस दिन जो लोग तप, ध्यान और स्नान करते हैं; उनके सभी मनोरथ पूर्ण होते हैं। इतना ही नहीं; यह दिन भीष्माष्टमी के रूप में भी जाना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार द्वापर युग में महाभारत काल के दौरान बाणों की शैय्या पर लेटे हुए भीष्म पितामह को सूर्य के उत्तरायण होने और शुक्ल पक्ष की प्रतीक्षा की थी। भीष्म पितामह ने उत्तरायण के बाद शुक्ल पक्ष में ही माघ मास की अष्टमी तिथि पर भगवान श्री कृष्ण की उपस्थिति में अपने प्राण त्यागे थे, जिसके बाद उन्हें मोक्ष की प्राप्ति हुई।

क्या मोदी के मनोरथ होंगे पूरे ? प्रधानमंत्री के रूप में तीसरी बार कार्यभार संभालने वाले नरेन्द्र मोदी का सबसे बड़ा दीर्घकालीन मनोरथ तो भारत को वर्ष 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने का है, परंतु यदि तात्कालिक मनोरथ के बारे में सोचें, तो स्वाभाविक है कि मोदी 8 फरवरी को दिल्ली फतेह करना चाहते होंगे। दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी को 1993 के बाद फिर कभी बहुमत नहीं मिला। ऐसे में मोदी महाकुंभ में अपने तप, तपस्या, ध्यान और स्नान की साधना से दिल्ली में 32 वर्षों के बाद भाजपा को पूर्ण बहुमत मिलने की वांछना करेंगे ही।

Kanhaiya Koshti
Kanhaiya Koshtihttps://bhavybhaarat.com/
मेरा नाम कन्हैया कोष्टी है। मैं पिछले 30 वर्षों से पत्रकारिता से जुड़ा हुआ हूँ। मुझे धर्म, अध्यात्म, संस्कृति, राजनीति, देश-विदेश से जुड़े महत्वपूर्ण विषयों पर लिखने की रुचि रही है। इस वेबसाइट के माध्यम से मैं अपने विचारों के तथ्यों व विश्लेषण के आधार परआप सभी के साथ साझा करूंगा।
RELATED ARTICLES

Recent Post

Categories

Stay Connected

Popular Searches