अनंत अनादि वडनगर : गुजरात सरकार की क्रांतिकारी पहल
गौप्रेमी प्रधानमंत्री का जन्मस्थल बनेगा गौसेवा का तीर्थधाम
‘गाय से गाँव’ की कायापलट करने की अभूतपूर्व दूरदर्शिता
विरासत-संस्कृति-पर्यटन-अर्थव्यवस्था का संगम
साधारण गौशाला से बढ़कर अत्याधुनिक ग्रामीण प्रयोगशाला
गांधीनगर, 1 नवम्बर : प्राचीन पौराणिक, सांस्कृतिक एवं ऐतिहासिक धरोहरों से समृद्ध और वर्तमान में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की जन्मभूमि के रूप में विश्व विख्यात वडनगर अब इंटीग्रेटेड एंड हॉलिस्टिक डेवलपमेंट से जुड़े कई प्रोजेक्ट्स के साथ आधुनिक युग का भी महत्वपूर्ण दर्शनीय-पर्यटन स्थल बनने की ओर तेजी से अग्रसर है।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में तथा मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व में राज्य सरकार पिछले कुछ वर्षों से मेहसाणा जिले के इस महत्वपूर्ण स्थल वडनगर को ‘अनंत अनादि वडनगर’ विजन के साथ वैश्विक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के अनेक प्रयास कर रही है। इन्हीं प्रयासों के अंतर्गत राज्य सरकार वडनगर में अब एक बहुत ही दूरदर्शितापूर्ण भव्य वृंदावन गौचर पार्क के निर्माण की क्रांतिकारी पहल करने जा रही है, जो अपनी तरह का देश का पहला वृंदावन गौचर पार्क होगा और देश एवं दुनिया के लिए वैश्विक मॉडल बनेगा। इतना ही नहीं; इस पार्क के निर्माण के बाद गौप्रेमी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का जन्मस्थल वडनगर गौसेवा तीर्थधाम के रूप में ख्याति प्राप्त करेगा। यद्यपि इस पार्क के नाम से प्रतीत होता है कि यह पार्क गाय से जुड़ा हुआ होगा, परंतु इसकी परिकल्पना पर दृष्टि डालने से तो पता चलता है कि यह पार्क केवल गाय से नहीं, बल्कि गाँव से जुड़ा प्रोजेक्ट है।
शासन-प्रशासन की कवायद शुरू
14.98 करोड़ रुपए यानी करीब 15 करोड़ रुपए की लागत वाले इस प्रस्तावित वृंदावन गौचर पार्क के निर्माण का पूरा प्रोजेक्ट फिलहाल प्रस्ताव के रूप में है और नगर पालिका व जिला स्तर से लेकर राज्य स्तर पर शहरी विकास विभाग की ओर से इस प्रोजेक्ट पर कवायद शुरू कर दी गई है। राज्य सरकार द्वारा वृंदावन गौचर प्रोजेक्ट को अनुमोदन दे दिया गया है। राज्य स्तर पर गुजरात शहरी विकास कंपनी (जीयूडीसी) इस प्रोजेक्ट की नोडल एजेंसी होगी, जबकि जिला स्तर व नगर पालिका स्तर पर भूमि अधिग्रहण सहित समग्र निर्माण प्रक्रिया की जाएगी।
कहाँ बनेगा वृंदावन गौचर पार्क ?
वडनगर को उसकी प्राचीन-ऐतिहासिक संस्कृति पुरातात्विक अवशेषों को भारत सहित विश्व के समक्ष प्रस्तुत करने के लिए वैश्विक पर्यटन स्थल बनाने की दिशा में सरकार ने जहाँ अनेक प्रोजेक्ट एवं कार्यक्रम चला रखे हैं, वहीं अब इस शहर की वर्तमान प्रमुख समस्याओं के निवारण को भी प्राथमिकता दी जा रही है। इसी के अंतर्गत वडनगर में आवारा/भटकती गायों (गोवंश) की समस्या को स्थायी रूप से समाप्त करने के उद्देश्य से अमरथोळ क्षेत्र में गौरीकुंड के पास भव्य वृंदावन गौचर के विकास की परिकल्पना की गई है।
पर्यटनीय स्थल के रूप में दर्शनीय स्थल बनेगा गौचर पार्क

इस पार्क के निर्माण का प्राथमिक उद्देश्य वडनगर के सड़क मार्गों को आवारा पशुओं से मुक्त बनाना है। इस पार्क में गायों के लिए चारागाह के अनुरूप घास-चारे व पानी की व्यवस्था होगी; तो इन पशुओं की स्वास्थ्य देखभाल के लिए वेटरनरी हॉस्पिटल का भी निर्माण किया जाएगा। यह पार्क सीसीटीवी कैमरा निगरानी से लैस होगा। पार्क में मिल्क प्रोसेसिंग प्लांट तथा अतिक्रमण को रोकने के लिए प्रोटेक्शन वॉल का भी निर्माण किया जाएगा। इसके साथ ही पार्क में गायों की अच्छी नस्लों के पालन-पोषण के प्रयास भी किए जाएंगे। ये सारे उपक्रम इस वृंदावन गौचर पार्क को एक पर्यटनीय स्थल के रूप में दर्शनीय स्थल भी बनाएंगे।
गाय आधारित ग्रामीण विकास का आदर्श मॉडल बनेगा पार्क
वृंदावन गौचर पार्क के नाम से इतर कि इस प्रोजेक्ट के विजन में सिर्फ गाय ही नहीं, बल्कि गाँव है। इस पार्क की परिकल्पना और इसके लक्ष्यों पर दृष्टि डालने पर पता चलता है कि यह प्रोजेक्ट पूरे देश के लिए एक ‘गाय आधारित ग्रामीण विकास’ का आदर्श मॉडल बनेगा। इस प्रोजेक्ट में ‘गाय से गाँव’ की कायापलट का अभूतपूर्व विजन है, जो ग्रामीण अर्थव्यवस्था में नई क्रांति का संचार करेगा। यह केवल एक गौशाला नहीं, बल्कि एक संपूर्ण ग्रामीण प्रयोगशाला और सांस्कृतिक पर्यटन केंद्र होगी, जहाँ परंपरा और तकनीक का संगम होगा। पार्क को एक ‘रूरल इनोवेशन हब’ के रूप में विकसित किया जाएगा। राज्य सरकार की इस एक प्रोजेक्ट के जरिये गाय से लेकर गाँव-किसान-पशुपालक; तक सभी के भविष्य को उन्नत बनाने की योजना है।
डेयरी विकास, रोजगार एवं महिला सशक्तिकरण शामिल
प्रोजेक्ट के अंतर्गत पशु स्वास्थ्य में सुधार क्षेत्र में समय पर उपचार और बेहतर पोषण से गायों की उत्पादकता में वृद्धि, किसानों की आय में वृद्धि, दूध व डेयरी उत्पादों की बिक्री से पशुपालकों को सीधा आर्थिक लाभ पहुँचाने, पशु चिकित्सा, डेयरी उद्योग, परिवहन और विपणन में नए कार्यों से रोजगार के नए अवसर सृजित करने, बायोगैस तथा जैविक खाद से प्रदूषण में कमी और मिट्टी की उर्वरता में वृद्धि से पर्यावरण संरक्षण करने, आधुनिक मशीनों और वैज्ञानिक पद्धतियों के उपयोग से तकनीकी उन्नति लाने, विरासत और कृषि पर्यटन के नए गंतव्य के निर्माण से पर्यटन को बढ़ावा देने, डेयरी उत्पादन एवं सहकारी समितियों में महिलाओं की सक्रिय भागीदारी से महिला सशक्तिकरण करने, गांव में एकजुटता और आत्मनिर्भरता का भाव लाकर सामुदायिक विकास करने, जैविक खाद और प्राकृतिक संसाधनों का बेहतर उपयोग कर कृषि विकास करने जैसे विशाल लक्ष्य रखे गए हैं।
विरासत-संस्कृति-पर्यटन-अर्थव्यवस्था का संगम
यह गौचर पार्क वडनगर के प्राचीन मंदिरों, बावड़ियों, ऐतिहासिक किले और विरासत स्थलों के साथ जुड़कर एक नए पर्यटन परिपथ का निर्माण करेगा। पर्यटक यहाँ आकर ग्रामीण जीवन, पशुपालन की आधुनिक तकनीक और पर्यावरण-अनुकूल ऊर्जा उत्पादन को नजदीक से देख सकेंगे। यह स्थान ‘एग्री-टूरिज्म’ और ‘कल्चरल टूरिज्म’ का नया केन्द्र होगा। पार्क में स्थानीय कारीगरों, हस्तशिल्प और पारंपरिक व्यंजनों के लिए यहाँ बाजार और प्रदर्शनियों का आयोजन संभव होगा, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को सीधा लाभ मिलेगा।
गुजरात देगा पूरे देश को संदेश
मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के ‘ग्रामोदय से भारत उदय’ के विज़न के अनुरूप इस प्रोजेक्ट के जरिये गुजरात पूरे देश को संदेश देगा कि गाय केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक नहीं, बल्कि आर्थिक, पर्यावरणीय एवं सामाजिक परिवर्तन की प्रेरक शक्ति भी है। जब वृंदावन गौचर पार्क अपनी पूरी भव्यता में तैयार हो जाएगा, तब यह वडनगर के लिए केवल एक सुविधा नहीं, अपितु एक नई पहचान होगा। वडनगर एक ऐसा स्थान बनेगा; जहाँ इतिहास, संस्कृति, विकास और नवाचार एक साथ साँस लेंगे।
