वर्ष 2024-25 में गुजरात की 246 से अधिक हैंडलूम को-ऑपरेटिव सोसाइटियों ने 290 करोड़ रुपए से अधिक के हैंडलूम प्रोडक्ट्स की बिक्री की
गुजरात सरकार की पैकेज योजना अंतर्गत हैंडलूम उत्पादों की बिक्री पर हैंडलूम सहकारी मंडलियों को मिलती है 5 प्रतिशत बिक्री पर मुआवजा सहायता, महिला सहकारी मंडलियों को 15 प्रतिशत बिक्री पर मुआवजा सहायता
हथकरघा के बुनकरों को संबल देने तथा गुणवत्तायुक्त उत्पादन सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार ने परिवर्तनकारी योजनाएँ लागू की हैं
गांधीनगर, 06 अगस्त : मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व में गुजरात के हथकरघा बुनकरों की कारीगरी तथा उनकी समृद्ध विरासत को संबल-सहयोग देकर उनका आर्थिक उत्थान करने के लिए राज्य सरकार द्वारा विभिन्न योजनाएँ लागू की गई हैं। हैंडलूम सोसाइटियों के उत्थान के निरंतर प्रयासों के हिस्से के रूप में गुजरात सरकार के कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग द्वारा पैकेज स्कीम क्रियान्वित है। यह पहल सहकारिता अधिनियम अंतर्गत पंजीकृत औद्योगिक सहकारी मंडलियों को संबल-सहयोग देती है। इसके अंतर्गत हैंडलूम प्रोडक्ट्स यानी हथकरघा उत्पादों की बिक्री पर मुआवजा सहायता दी जाती है। वर्ष 2024-25 की बात करें, तो इस योजना अंतर्गत राज्य की 246 से अधिक हैंडलूम को-ऑपरेटिव सोसाइटियों (हथकरघा सहकारी मंडलियों) ने लाभ प्राप्त किया है। इसके फलस्वरूप 290 करोड़ रुपए से अधिक मूल्य के हैंडलूम प्रोडक्ट्स की बिक्री हुई है। यह दर्शाता है कि गुजरात में हैंडलूम सेक्टर का निरंतर विकास हो रहा है।
उल्लेखनीय है कि हथकरघा बुनकरों का सम्मान करने तथा भारत में हथकरघा उद्योग को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य के साथ प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार ने वर्ष 2015 से 7 अगस्त को ‘नेशनल हैंडलूम डे’ यानी ‘राष्ट्रीय हथकरघा दिवस’ के रूप में घोषित किया है। यह दिवस हथकरघा के सांस्कृतिक, परंपरागत एवं आर्थिक महत्व को उजागर करता है। प्रधानमंत्री ने कहा है, “सरकार उसके बुनकरों को विश्व का सबसे बड़ा बाजार प्रदान करने के लिए स्पष्ट रणनीति के साथ कार्य कर रही है।”
पैकेज स्कीम अंतर्गत हैंडलूम सोसाइटियों को हैंडलूम उत्पादों की बिक्री पर मिलती है मुआवजा सहायता
त्योहारों के दौरान हथकरघा पर उत्पादित होने वाली वस्तुओं की बिक्री बढ़ाने तथा उन्हें बाजार में प्रतिस्पर्धात्मक बनाने के लिए गुजरात सरकार द्वारा रिबेट (पैकेज) स्कीम लागू की गई है। हथकरघा उत्पादों की प्रतिस्पर्धात्मक एवं सुलभता बढ़ाने के लिए इस योजना अंतर्गत गुजरात सरकार हथकरघा सहकारी मंडलियों द्वारा की जाने वाली बिक्री पर मुआवजा सहायता देती है।
हथकरघा सहकारी मंडलियों को हथकरघा के उत्पादों की बिक्री पर 5 प्रतिशत मुआवजा सहायता मिलती है, जबकि महिला सहकारी मंडलियों को बिक्री पर 15 प्रतिशत मुआवजा सहायता मिलती है। इसके अतिरिक्त; महिला सहकारी मंडलियों के लिए वार्षिक 120 दिन की समयावधि के लिए बिक्री पर 15 प्रतिशत व 20 प्रतिशत की विशेष मुआवजा सहायता दी जाती है। उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार के इन प्रयासों के फलस्वरूप वर्ष 2024-25 में 246 से अधिक हथकरघा सहकारी मंडलियों ने 290 करोड़ रुपए से अधिक के हथकरघा उत्पादों की बिक्री की है। इस बिक्री पर राज्य सरकार द्वारा इन सहकारी मंडलियों को 73.82 करोड़ रुपए की मुआवजा सहायता दी गई है, जो हथकरघा बुनकरों के उत्थान की राज्य सरकार की प्रतिबद्धता दर्शाता है।
हथकरघा बुनकरों को संबल-सहयोग देने के लिए गुजरात सरकार की परिवर्तनकारी योजनाएँ
गुजरात सरकार ने हथकरघा बुनकरों को संबल-सहयोग देने, गुणवत्तायुक्त उत्पादन सुनिश्चित करने, बाजार प्रतिस्पर्धात्मकता सुधारने तथा रोजगार के नए अवसर सृजित करने के लिए परिवर्तनकारी योजनाएँ लागू की हैं। इन योजनाओं में निम्नलिखित शामिल हैं

हथकरघा की शीर्षस्थ संस्थाओं को विज्ञापन एवं प्रचार के लिए सहायता :
इस योजना अंतर्गत राज्य की शीर्षस्थ हथकरघा संस्थाओं तथा गुजरात राज्य हथकरघा एवं हस्तकला विकास निगम को गुजरात राज्य एवं राज्य से बाहर प्रदर्शनियों में भाग लेने और विज्ञापनों एवं प्रचार-प्रसार करने के लिए सहायता दी जाती है। शीर्षस्थ संस्थाओं को राज्य में प्रदर्शनियों के आयोजन के लिए 70,000 रुपए तक तथा राज्य से बाहर प्रदर्शनियों के आयोजन के लिए 1,50,000 रुपए तक की सहायता दी जाती है। इसके अतिरिक्त; उन्हें विज्ञापनों के लिए वार्षिक 1,00,000 रुपए तथा मेलों व प्रदर्शनियों में भाग लेने के लिए 25,000 रुपए की अतिरिक्त सहायता मिलती है। यह योजना हथकरघा उत्पादों प्रोत्साहन देती है और बुनकरों के रोजगार को गति देती है।
मिल गेट प्राइस स्कीम :-
यह योजना सुनिश्चित करती है कि बुनकर उच्च गुणवत्तायुक्त प्रोडक्ट्स का उत्पादन करें, बाजार मूल्य में वृद्धि करें तथा बुनकरों के लिए अधिक रोजगार का सृजन हो। इस योजना अंतर्गत राज्य के मान्यता प्राप्त डिपो के माध्यम से खरीदे गए गुणवत्तायुक्त यार्न (सूत) पर 15 प्रतिशत सब्सिडी दी जाती है।

बाजार में प्रतिस्पर्धात्मकता के लिए प्रशिक्षण एवं आधुनिकीकरण
राज्य सरकार के गुजरात राज्य हथकरघा एवं हस्तकला विकास निगम द्वारा बुनकरों के कौशल विकास के लिए बुनकरों को अल्पकालिक व दीर्घकालिक प्रशिक्षण दिया जाता है, जिसमें प्रति प्रशिक्षु 4500 रुपए मासिक स्टाइपेंड भी दिया जाता है। मूल्यवर्धित उत्पाद, डिजाइन तथा प्रोटोटाइप विकसित करने के लिए निगम द्वारा वीवर्स सर्विस सेंटर, एनआईडी तथा एनआईएफटी (निफ्ट) के साथ सहयोग किया जाता है, जिससे हथकरघा उत्पाद मिलों एवं पावरलूम्स के उत्पादों के समक्ष बाजार की प्रतिस्पर्धा में टिके रहें।
इसके अतिरिक्त; हथकरघा उत्पादों की दृश्यता बढ़ाने के लिए व्यापक विपणन (मार्केटिंग) प्रयास भी किए जाते हैं। इनमें होर्डिंग्स, कियोस्क, वॉल पेंटिंग्स, रोड शो, फैशन शो आदि द्वारा प्रचार-प्रसार शामिल हैं। हथकरघा उत्पादों की मार्केटिंग गुजरात के भीतर व बाहर ‘गरवी-गुर्जरी’ ब्रैंड द्वारा ई-कॉमर्स तथा एम्पोरिया चेन द्वारा किया जाता है। इतना ही नहीं; इंडस्ट्रियल एक्सटेंशन कॉटेज (इंडेक्स्ट-सी) द्वारा आयोजित विभिन्न प्रदर्शनियों तथा एक्सपो के माध्यम से हथकरघा उत्पादों की पहुँच को अधिक विस्तृत किया जाता है।
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