अहमदाबाद। कोष्टा-कोष्टी महासंघ ने देशवासियों को राष्ट्रीय हथकरघा दिवस (7 अगस्त 2025) के अवसर पर हार्दिक शुभकामनाएं प्रेषित की हैं।
हथकरघा भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का अभिन्न अंग है, जिसने भारत की वैश्विक पहचान को मजबूती दी है। कोष्टा-कोष्टी समुदाय ने इस क्षेत्र में अपनी विशिष्ट कला एवं कौशल का प्रदर्शन करते हुए भारतीय हथकरघा को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाई है। इस योगदान ने ‘आत्मनिर्भर भारत’ के निर्माण के साथ-साथ ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी सशक्त किया है।
कोष्टा-कोष्टी महासंघ, देशभर में फैले समुदाय के बीच मजबूत सहयोग और समन्वय स्थापित करने हेतु कार्यरत है। संगठन के नेतृत्व में श्री ओंकार नाथ कोष्टा जी (राष्ट्रीय अध्यक्ष), श्री शैलेन्द्र कुमार पराते जी (राष्ट्रीय महासचिव), श्री सुरेश बारापात्रे जी (कार्यकारी अध्यक्ष), श्री राजेश कोष्टा जी (संयुक्त महासचिव), श्री निर्मल कोष्टा जी (मुख्य सलाहकार), श्री महेन्द्र वर्मा जी (विधि सलाहकार) तथा अन्य केन्द्रीय कार्यकारिणी सदस्य सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं।
भारत सरकार द्वारा जाति जनगणना में ‘कोष्टा या कोष्टी’ लिखने के निर्णय का महासंघ स्वागत करता है। यह समुदाय की पहचान, अधिकारों एवं प्रतिनिधित्व को सशक्त करने की दिशा में ऐतिहासिक कदम है।
कोष्टा-कोष्टी महासंघ सभी बंधुओं से आह्वान करता है कि एकजुटता और संगठन की भावना को बनाए रखते हुए समाज के विकास और अधिकारों के लिए कार्य करें। आइए हम सब मिलकर अपनी सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित व प्रोत्साहित करें तथा एक समृद्ध और सशक्त भारत के निर्माण में योगदान दें।