दिल्ली। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी को चीन-भारत सीमा विवाद पर उनके पुराने विवादास्पद बयान को लेकर कड़ी फटकार लगाई है। कोर्ट ने राहुल गांधी द्वारा ‘चीन ने 2000 किमी भारतीय भूमि पर कब्जा कर लिया’ और ‘अरुणाचल प्रदेश में भारतीय सैनिकों की पिटाई हो रही है’ जैसे दावों पर सवाल उठाया है। इसके बाद भी गजब यह है कि मतिभ्रष्टता में ‘भाई’ अब भी आत्म चिंतन की बजाए शेर बने हुए हैं तो ‘बहन’ सवा शेरनी! प्रियंका गांधी ने राहुल गांधी के बचाव में जज को ही कटघरे में खड़ा कर दिया है।
कांग्रेस के अघोषित अध्यक्ष और युवराज राहुल गाँधी राजनीति में लगातार पराजय झेलने एवं गच्चे खाने के बाद भी नरेन्द्र मोदी, केन्द्र सरकार और भाजपा के सामने गंभीर नहीं बन पा रहे हैं। पहले की तरह आए दिन इनका कुछ तो भी बोलना जारी है। ऐसे ही मामले में कोर्ट ने इनको स्पष्ट किया कि “अगर आप सच्चे भारतीय हैं तो ये बातें नहीं कहेंगे”।
◾कोर्ट ने दी सलाह-
कोर्ट ने इनसे पूछा, “आपको कैसे पता चला कि चीन ने 2,000 किमी क्षेत्र पर कब्जा कर लिया ?” और सलाह दी कि संसद में ऐसी बातें उठाएं, सोशल मीडिया पर इस तरह बयानबाज़ी न करें।
◾कोर्ट पर पलटवार-
इस मुद्दे पर राहुल गांधी के समर्थन में उनकी बहन और कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा खुलकर सामने आईं हैं। प्रियंका गांधी ने सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी पर पलटवार करते हुए कहा,- “सम्माननीय जज तय नहीं करते कि सच्चा भारतीय कौन है। विपक्षी नेता का कर्तव्य है सरकार से सवाल पूछना… मेरा भाई कभी सेना का अनादर नहीं करेगा, वह सेना का हमेशा सम्मान करता है। यह बयान का गलत अर्थ निकाला गया है।”
◾सीमाओं को दी चुनौती-
अगर राहुल गांधी की बात पर इनकी ‘मति’ यानी सोच बदलने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी की है तो यह कई मायनों में अहम है।
सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी पर प्रियंका गांधी ने भाई के बचाव में जजों के अधिकार की सीमाओं को चुनौती दी है। इनका यह कहना कि “जज तय नहीं करते कि कौन सच्चा भारतीय है” न्यायपालिका और विपक्ष के अधिकार क्षेत्र की बहस को सामने ले आई है। प्रियंका गांधी ने भाई को कोई सलाह देने की बजाए कोर्ट पर ही ‘मति-भ्रष्टता’ (मतिभ्रम अथवा विचारों में भटकाव) दिखाते हुए प्रत्यारोप जड़ दिया है। ईश्वर भला करे दोनों का।