दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अगस्त की शुरूआत में 51 वीं बार वाराणसी का दौरा किया है। इस दौरे से बनारस को 2183 करोड़ ₹ की 52 विकास परियोजनाएं और शिलान्यास तथा पीएम किसान सम्मान निधि की 20वीं किस्त का किसानों को हस्तांतरण होना एकसाथ कई स्तरों पर सामाजिक और राजनीतिक संदेश है। इससे नरेंद्र मोदी की स्पष्ट तौर पर राजनीतिक विश्वसनीयता साबित होती है, जिससे नेताओं को कुशल नेतृत्व के लिए प्रेरणा अवश्य लेनी चाहिए।
अपनी विधानसभा और लोकसभा क्षेत्र में जाना, जनता से मिलना एवं विकास करना हर जनप्रतिनिधि यानी नेतृत्व का काम होता है, पर जब नरेंद्र मोदी अपने लोकसभा क्षेत्र में जाते हैं, तो यह सिर्फ एक औपचारिक कार्यक्रम मतलब खानापूर्ति नहीं, बल्कि एक मजबूत संबंध और जिम्मेदारी दर्शाता है। इसे प्रमुख राजनीतिक, रणनीतिक और सामाजिक संदेश देने वाली बात कहना गलत नहीं होगा। क्षेत्र पर पूरा ध्यान और किए गए वादे को निभाना इनकी विशेषता है।
◾किसानों की पूरी फ़िक्र-
मोदी जी लगातार किसानों के लिए फ़िक्रमंद हैं, यह बात उनकी योजनाएँ बोलती हैं। उनके इस 51वें बनारस प्रवास के दौरान भी पीएम किसान सम्मान निधि की 20वीं किस्त का किसानों को हस्तांतरण करना बताता है कि हलधर के लिए उनके मन में सम्मान तो है ही,
जीवन स्तर ऊँचा करने की सोच, समझ और सक्रियता भी है। इसी दिशा में किसानों के खातों में सीधे पैसे डालना राजनीतिक ईमानदार छवि की मजबूती का प्रतीक भी है।
◾लक्ष्य ‘विकास मॉडल’ बनाना-
अगर इस दौरे को राजनीतिक संदेश और चश्मे से देखें तो वाराणसी पीएम नरेंद्र मोदी की संसदीय सीट है और लगातार यात्राओं से उन्होंने इसे खास ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर से जुड़े ‘विकास मॉडल’ के रूप में स्थापित करने का प्रयास किया है। वे यह दूरदर्शिता अपना रहे हैं कि इस प्रकार के दौरों से न सिर्फ स्थानीय मतदाताओं की भावनाओं को साधा जाए, वरन क्षेत्र की समस्याओं को समाप्त करके इसे राष्ट्रीय पहचान दी जाए, क्योंकि इससे देशभर में किसान, शहरी और ग्रामीण वर्ग को सरकार की नीतियों की सफलता का संदेश जाएगा।
ऐसे में वाराणसी मॉडल देश के अन्य हिस्सों के लिए भी प्रेरणा बन सकता है।
◾रोजगार बढ़ेगा, विश्वास पनपेगा-
इस बिंदु से देखेंगे कि विकास कार्यों के इस दौरे में जिन परियोजनाओं का शिलान्यास हुआ, वे बुनियादी ढांचे, शिक्षा, स्वास्थ्य, और स्मार्ट सिटी की प्राथमिता हैं, जिससे न सिर्फ क्षेत्रीय रोजगार और व्यापार में वृद्धि होगी, बल्कि डिजिटल इंडिया, आत्मनिर्भर भारत जैसे केंद्रीय अभियानों को जमीनी समर्थन भी मिलेगा। जब क्षेत्र समस्या विहीन होगा तो यह सरकार की सफलता और विश्वास में बदलेगा। यह भी कहा जा सकता है कि पीएम किसान सम्मान निधि योजना के तहत 9 करोड़ से ज्यादा किसानों को प्रत्यक्ष लाभ देकर मोदी सरकार ने किसान मतदाताओं को अपना बनाने के साथ ही ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत किया है।
◾सामाजिक भरोसे की राजनीति-
पिछले कुछ वर्षों में किसानों के मुद्दे, महंगाई और रोजगार राजनीतिक विमर्श के केंद्र में रहे हैं। ऐसे में वाराणसी दौरे से सरकार यह संदेश भी देना चाहती है कि वह स्थायी और समावेशी विकास को हमेशा शीर्ष प्राथमिकता देती है, साथ ही नीति, योजना एवं क्रियान्वयन का साफ रिकॉर्ड भी सरकार प्रभावी ढंग से प्रस्तुत करती है। एक तरह से यह कार्यक्रम मोदी सरकार के समावेशी विकास, सुशासन और किसान कल्याण के संकल्प का स्पष्ट प्रदर्शन है, जो राजनीतिक ऊँचाई के साथ सामाजिक भरोसे को और भी पुख्ता करेगा।