Saturday, August 2, 2025
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गुजरात बन रहा फेफड़ों के कैंसर उपचार का राष्ट्रीय केंद्र, 5 सालों में 4,397 मरीजों को मिला जीवनदान

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  • 2020 से 2024 तक GCRI में फेफड़ों के कैंसर के 4,397 मरीजों का हुआ इलाज
  • PMJAY-MA योजना के तहत 3256 मरीजों ने उपचार की सुविधा ली
  • कैंसर से बचाव के लिए समय पर जांच और तंबाकू त्याग की GCRI की अपील

गांधीनगर, 31 जुलाई: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “स्वस्थ भारत-समृद्ध भारत” के विजन को साकार करने के अनुरूप मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व में गुजरात सरकार अपने राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं को नई ऊंचाई पर ले जा रही है। कैंसर जैसे घातक रोगों के खिलाफ राज्य की प्रतिबद्धता का केंद्र बना है अहमदाबाद स्थित धी गुजरात कैंसर एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट (GCRI), जहां पिछले पाँच वर्षों में फेफड़ों के कैंसर से जूझ रहे हजारों मरीजों को आधुनिकतम उपचार मिला है। गुजरात की स्वास्थ्य सेवाओं में किए जा रहे नवाचार और सशक्त पहलें न केवल राज्य, बल्कि पूरे देश को एक सुदृढ़ और स्वस्थ समाज की ओर अग्रसर कर रही हैं।

कैंसर उपचार के लिए मरीज़ों का गुजरात पर बढ़ता भरोसा

गुजरात सरकार का लक्ष्य है कि राज्य को वैश्विक स्तर पर मेडिकल सर्विसेज का सर्वश्रेष्ठ केंद्र बनाया जाए। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व और राज्य की स्वास्थ्य नीतियों के प्रभावी क्रियान्वयन का परिणाम है कि पिछले पाँच वर्षों में फेफड़ों के कैंसर के इलाज के लिए गुजरात पर मरीजों का विश्वास लगातार बढ़ा है।

2020 से 2024 के बीच अहमदाबाद स्थित गुजरात कैंसर एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट (GCRI) में फेफड़ों के कैंसर के कुल 4,397 मरीजों का उपचार हुआ। इनमें 3,597 पुरुष, 799 महिलाएँ और 1 बच्चा शामिल हैं । वर्षवार आँकड़ों की बात करें तो वर्ष 2020 में 700, 2021 में 813, 2022 में 865, 2023 में 933 और वर्ष 2024 में सबसे अधिक 1086 मरीज़ों ने राज्य में फेफड़ों के कैंसर का उपचार लिया है।

PMJAY योजना: फेफड़ों के कैंसर मरीजों के लिए जीवनरेखा

गुजरात में फेफड़ों के कैंसर के उपचार को सुलभ और सर्वसुलभ बनाने में PMJAY-MA योजना एक सच्ची जीवनरेखा साबित हुई है। बीते पाँच वर्षों में इस योजना के अंतर्गत गुजरात के मरीजों को उन्नत उपचार मिला, जिससे आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को बड़ी राहत मिली है। इस पहल ने न केवल इलाज की वित्तीय बाधाओं को कम किया, बल्कि समय पर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराकर कई जिंदगियाँ बचाईं।

वहीं, देश के अन्य राज्यों से आए 1426 फेफड़ों के कैंसर के मरीजों को भी गुजरात में उपलब्ध अत्याधुनिक चिकित्सा सुविधाओं से उन्हें नया जीवनदान मिला है। यह साबित करता है कि गुजरात न केवल राज्य के नागरिकों के लिए बल्कि देशभर के मरीजों के लिए भी भरोसेमंद चिकित्सा केंद्र के रूप में उभर रहा है।

विश्व फेफड़ा कैंसर दिवस पर GCRI की अपील: जागरूकता ही सबसे बड़ी सुरक्षा

विश्व फेफड़ा कैंसर दिवस पर GCRI ने लोगों से फेफड़ों के कैंसर की रोकथाम, समय पर जांच और उपचार के लिए सक्रिय कदम उठाने की अपील की है। संस्थान ने चेतावनी दी कि जागरूकता की कमी के कारण भारत में 40% से अधिक मामलों का पता देर से चलता है, जिससे इलाज की जटिलताएँ बढ़ जाती हैं। संस्थान ने उच्च जोखिम वाले व्यक्तियों, विशेषकर लंबे समय से धूम्रपान करने वालों और प्रदूषकों के संपर्क में रहने वालों से लो-डोज सीटी स्कैन कराने का आग्रह किया है। विशेषज्ञों का मानना है कि शुरुआती जांच और त्वरित उपचार ही इस बीमारी के खिलाफ सबसे प्रभावी कदम है।

GCRI के निदेशक डॉ. शशांक पंड्या ने इस अवसर पर कहा, “फेफड़ों के कैंसर के खिलाफ सबसे बड़ा हथियार जागरूकता है। समय पर स्क्रीनिंग, तंबाकू का त्याग और शुरुआती चेतावनी संकेतों की पहचान कई जिंदगियाँ बचा सकती है। हम हर मरीज को उन्नत निदान उपकरण और बहु-विषयक देखभाल प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”

मेडिकल टूरिज़्म का उभरता वैश्विक केंद्र: गुजरात

गुजरात अपनी तेज़ी से विकसित स्वास्थ्य सेवाओं और आधुनिक अधोसंरचना के साथ देश ही नहीं, विश्व के लिए भी मेडिकल टूरिज़्म का भरोसेमंद केंद्र बन रहा है। अहमदाबाद स्थित गुजरात कैंसर एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट (GCRI) साइबरनाइफ, ट्रू बीम लीनियर एक्सेलेरेटर, टोमोथेरेपी और रोबोटिक सर्जरी जैसी उन्नत तकनीकों और नेक्स्ट जेनरेशन सीक्वेंसिंग (NGS), PET-CT, PSMA स्कैन व 3 टेस्ला MRI जैसे हाई-रेज़ोल्यूशन उपकरणों के जरिए कैंसर उपचार में अंतरराष्ट्रीय मानकों पर खरा उतर रहा है।

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