दिल्ली। भारत सरकार ने हाल ही में नई नेशनल टेलीकॉम पॉलिसी 2025 (NTP-25) का ड्राफ्ट जारी किया है, जिसका मुख्य लक्ष्य वर्ष 2030 तक हर घर में ब्रॉडबैंड पहुंचाना है। अगर यह योजना पूरी तरह क्रियान्वित हो गई तो भारत का ग्लोबल टेलीकॉम टेक्नोलॉजी लीडर बनना तय है। इसका सीधा मतलब है कि 90 फीसदी आबादी तक 5G नेटवर्क पहुंचाना है।
सरकार की इस पॉलिसी का विज़न ‘भारत-एक दूरसंचार उत्पाद राष्ट्र’ के तहत देश को डिजिटल रूप से सशक्त अर्थव्यवस्था में बदलना है। इसमें अगले 5 वर्षों में 10 करोड़ घरों तक फिक्स्ड ब्रॉडबैंड कनेक्शन और 90 फीसदी आबादी तक 5G नेटवर्क पहुंचाने का लक्ष्य है। इसके पीछे यह उद्देश्य है कि भारत को उभरती प्रौद्योगिकियों जैसे 6G, AI, IoT व क्वांटम कम्युनिकेशन में विश्व स्तर पर शीर्ष 10 देशों में शामिल करने की महत्वाकांक्षा को पूरा किया जाए।

◾ऐसा है पॉलिसी ड्राफ्ट-
पॉलिसी ड्राफ्ट में कुछ प्रमुख पहलुओं पर फोकस किया गया है। इसके अंतर्गत हर साल 1 लाख करोड़ रुपए का निवेश होगा। सरकार ने लक्ष्य रखा है कि टेलीकॉम सेक्टर में हर साल 1 लाख करोड़ ₹ का निवेश आए, ताकि बुनियादी ढांचे का विस्तार एवं नई तकनीकों का विकास हो सके।
◾10 लाख नई नौकरी व स्थानीय निर्माण-
सरकार ने इस पॉलिसी से यह तरकीब भी निकाली है कि रोजगार मिले। इस अनुरूप 2030 तक इस क्षेत्र में 10 लाख लोगों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने की योजना है। सरकार की यह सोच है कि भारत को दूरसंचार उत्पादों का पसंदीदा निर्माता बनाया जाए, जिससे आत्म निर्भरता और निर्यात क्षमता बढ़ सके।
◾सुरक्षित और टिकाऊ नेटवर्क-
पॉलिसी से यह लाभ भी होगा कि साइबर सुरक्षा, ग्रीन टेक्नोलॉजी और नवीकरणीय ऊर्जा के अनुप्रयोग के साथ नेटवर्क को ज्यादा सुरक्षित बनाया जाएगा। इसे पर्यावरण अनुकूल और भरोसेमंद बनाना योजना का हिस्सा है।
◾कौशल विकास-
सरकार उभरती तकनीकों के अनुरूप देश के टेलीकॉम वर्कफोर्स को अपस्किल करेगी, ताकि डिजिटल अंतर घटाया जा सके। इससे कारोबार करने में सहूलियत बढ़ेगी। यह नीति सिर्फ तकनीकी बदलाव नहीं, बल्कि समावेशी विकास, डिजिटल सशक्तिकरण और हर नागरिक को तेज़ व सुलभ इंटरनेट उपलब्ध कराने का बड़ा रोड-मैप है। सरकार की योजना अनुसार यदि सब कुछ बेहतर चला तो इस योजना से भारत आर्थिक और सामाजिक तौर पर नई ऊँचाई छुएगा।
◾ड्राफ्ट जाएगा संसद में-
योजना की व्यापक चर्चा और फीडबैक के बाद इस ड्राफ्ट को संसद में रखा जाएगा, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि देश की डिजिटल यात्रा में कोई पीछे न रहे। यहाँ अंतिम मुहर लगने के बाद जमीनी स्तर पर इसे अमली जामा पहनाया जाएगा।