28 जुलाई विश्व हेपेटाइटिस दिवस पर विशेष
अहमदाबाद। आज यानी 28 जुलाई 2025 को World Hepatitis Day 2025 दिवस है। हेपेटाइटिस यानी मानव और बंदरों के यकृत (लीवर) की सूजन एक बहुत ही खतरनाक बीमारी है, जिसका यदि समय पर उपचार न किया जाये तो यह रोगी के लिये प्राणघातक सिद्ध हो सकती है। यह बीमारी मुख्य रूप से लीवर को प्रभावित करती है और इसके कारण रोगी पीलिया और लीवर कैंसर का भी शिकार हो सकता है। दुनिया में लगभग 80 प्रतिशत लोग इस बीमारी से ग्रसित हैं, परंतु यह बहुत ही चिंताजनक पहलू है कि लगभग 326 मिलियन लोग इस बीमारी से अंजान रहते हैं और सही समय पर उपचार न होने से उनकी जान खतरे में पड़ जाती है। वैसे हेपेटाइटिस लाइलाज बीमारी नहीं है, परंतु समय पर इसका पता चलना और इलाज कराना जरूरी होता है।
कितने प्रकार की होती है यह बीमारी ?
हेपेटाइटिस पाँच प्रकार का होता है – A, B, C, D और E। इनमें B और C सबसे खतरनाक होते हैं और इन्हें क्रॉनिक हेपेटाइटिस माना जाता है। जबकि D अकेला नहीं होता है, यह उसी को होता है, जिसे हेपेटाइटिस बी और सी हुआ हो। इसके लक्षण भी बी और सी से मिलते जुलते हैं। जबकि ए और ई ज्यादा खतरनाक नहीं होते हैं।
भारत में हेपेटाइटिस एक प्रमुख हेल्थ समस्या बना हुआ है, इसमें भी हेपेटाइटिस बी सर्वाधिक प्रभावित करने वाली बीमारी है। भारत में 3 से 5 प्रतिशत लोग हेपेटाइटिस बी के संक्रमण से प्रभावित हैं। आसान शब्दों में इसे लीवर में हेपेटाइटिस वायरस (HBV) का इन्फेक्शन कहा जाता है। यह वायरस खून, असुरक्षित सेक्स, दूसरों के शरीर में उपयोग की गई सुई के अलावा माता से उसके शिशु में फैलता है। भारत में हेपेटाइटिस फैलने का मुख्य कारण माँ से बच्चे में वायरस का संचरण होना पाया गया है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की रिपोर्ट के अनुसार भारत में लगभग 4 करोड़ और विश्व भर में 36 करोड़ से भी अधिक लोग हेपेटाइटिस-बी के गंभीर वायरस से ग्रसित हैं। इस बीमारी से विश्व में हर साल लगभग 14 लाख लोगों की मृत्यु हो जाती है।
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हेपेटाइटिस दिवस कब और क्यों मनाया जाता है ?
हेपेटाइटिस-ए 26 जुलाई, हेपेटाइटिस-बी 27 जुलाई, हेपेटाइटिस-सी 28 जुलाई, हेपेटाइटिस-डी 29 जुलाई और हेपेटाइटिस-ई 30 जुलाई को मनाया जाता है। World Hepatitis Day मनाने का मुख्य उद्देश्य लोगों को इसके बारे में जागरूक करना है। World Health Organization (WHO) ने 2030 तक वैश्विक स्तर पर हेपेटाइटिस को खत्म करने का लक्ष्य रखा है। इस वर्ष यानी 2025 में हेपेटाइटिस दिवस का (थीम) विषय ‘हेपेटाइटिस : लेट्स ब्रेक इट डाउन (हेपेटाइटिस :चलो, इसे तोड़ दें’) है। यानी अब समय आ गया है कि हेपेटाइटिस से जुड़ी हर बाधा को तोड़ दिया जाए।
World Health Organization (WHO) ने मई-2010 में 63वें विश्व स्वास्थ्य सम्मेलन के दौरान एक प्रस्ताव पारित करके हेपेटाइटिस-बी वायरस के खोजकर्ता नोबेल पुरस्कार विजेता प्रो. बारूच सैमुएल ब्लूमबर्ग के जन्मदिवस को हर साल विश्व हेपेटाइटिस दिवस मनाने की घोषणा की थी। ब्लूमबर्ग को 1976 में फिजियोलॉजी या चिकित्सा में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। हेपेटाइटिस जागरूकता अभियान डब्ल्यूएचओ द्वारा चिह्नित किये गये 8 वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य अभियानों में से एक है। इससे पहले क्रॉनिक वायरस हेपेटाइटिस के प्रति जागरूकता फैलाने के लिये विश्व हेपेटाइटिस एलायंस ने वर्ष-2008 में अभियान चलाया था।