• बात निकली है, तो अब पीओके तक जाएगी
• भारत-पाकिस्तान के बीच पाँचवें युद्ध की पूरी संभावना
• मोदी के पास युद्ध के अलावा कोई विकल्प नहीं
• अब सर्जिकल-एयर स्ट्राइक से नहीं बनेगी बात
अहमदाबाद। वर्ष 2019 में धारा 370 हटने के बाद लगातार सकारात्मक बातों के लिए सुर्खियों में रहने वाला जम्मू-कश्मीर फिर एक बार आतंकवाद के लिए पूरी दुनिया में चर्चा के केन्द्र में आ गया है। कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार को हुए आतंकी हमले के बाद जहाँ एक ओर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह तथा राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित डोवल एक्शन में हैं, वहीं कश्मीर सहित पूरे देश में इस आतंकी हमले को लेकर आकंठ आक्रोश है और देश चाहता है कि इस आतंकी हमले का करारा जवाब दिया जाए।
आतंकवाद के विरुद्ध प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व उनकी सरकार की पिछले 11 वर्षों की कार्यशैली देखने के बाद देश अपेक्षा कर रहा है कि मोदी इस जघन्य नरसंहार के अपराधियों और उनके आकाओं पर घातक चोट करें, लेकिन यह चोट कैसे की जाएगी ?
मोदी सरकार के कार्यकाल में इससे पहले दो बड़े आतंकी हमले हुए थे। एक; उड़ी आतंकी हमला और दूसरा; पुलवामा आतंकी हमला और मंगलवार को तीसरा बड़ा आतंकी हमला हुआ है। उड़ी व पुलवामा; दोनों ही आतंकी हमलों में सेना के जवानों को निशाना बनाया गया था, लेकिन मंगलवार को हुए पहलगाम आतंकी हमले में पहली बार पर्यटकों को निशाना बनाकर उनका सामूहिक नरसंहार किया गया है।
देखा जाए, तो पहलगाम हमला उड़ी तथा पुलवामा हमले से भी बड़ी चोट है। मोदी सरकार ने उड़ी हमले के बाद सर्जिकल स्ट्राइक तथा पुलवामा हमले के बाद एयर स्ट्राइक की थी, लेकिन इस बार मोदी का एक्शन बहुत ही खतरनाक हो सकता है।
पुलवामा हमले को लेकर जिस प्रकार पूरे देश में गुस्सा है, उसे देखते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनकी सरकार अब केवल पहलगाम हमले के आतंकियों को ही नहीं, बल्कि ऐसे आतंकवादियों के आश्रय स्थल को ही विध्वंस करने जैसा कड़ा कदम उठा सकती है।
क्या भारत-पाकिस्तान युद्ध छेड़ेंगे मोदी ?
इस बात की पूरी संभावना है कि भारत फिर एक बार पाकिस्तान; विशषकर पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में बैठे आतंकियों के आकाओं पर कोई स्ट्राइक नहीं, बल्कि सीधी कार्रवाई का रास्ता अपनाएगा और यह सीधी कार्रवाई भारत-पाकिस्तान युद्ध के रूप में भी हो सकती है।
मोदी के पास युद्ध ही विकल्प ?
हमेशा की तरह पाकिस्तान ने पहलगाम आतंकी हमले से अपना पल्ला झाड़ लिया है, लेकिन हर बार की तरह इस बार भी वह झूठ बोल रहा है। भारत सहित पूरा विश्व जानता है कि भारत; विशेषकर जम्मू-कश्मीर में होने वाले किसी भी आतंकी हमले के पीछे पाकिस्तान, उसकी खुफिया एजेंसी आईएसआई तथा पीओके में बैठे आतंकवादियों के आकाओं की ही साजिश होती है। अब चूँकि सर्जिकल स्ट्राइक तथा एयर स्ट्राइक से केवल 200-500 आतंकियों का ही खात्मा किया जा सकता है; ऐसे में पहलगाम हमले के जरिये अगर बात निकली है, तो वह स्ट्राइक तक सीमित न रहकर पीओके तक जा सकती है और अगर भारत को पीओके में घुसकर सीधी कार्रवाई करनी है, तो मोदी के पास युद्ध की घोषणा के अलावा कोई विकल्प नहीं है।
तो भारत-पाकिस्तान के बीच पाँचवाँ युद्ध तय
यदि मोदी सरकार ने पीओके में घुस कर फुल एंड फाइनल एक्शन की ठान ली, तो भारत-पाकिस्तान के बीच पाँचवाँ युद्ध तय है। स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच हुए चारों युद्धों में पाकिस्तान को मुँह की खानी पड़ी है। दोनों देशों के बीच पहला युद्ध 1947 में कश्मीर के मुद्दे पर ही हुआ था, जिसमें भारतीय सेना ने पाकिस्तानी कबाइलियों के रूप में घुसी पाकिस्तानी सेना को मार भगाया था। भारत-पाकिस्तान के बीच दूसरा युद्ध 1965, तीसरा युद्ध 1971 और चौथा (कारगिल) युद्ध 1999 में हुआ था। हर युद्ध में पाकिस्तान को भारतीय सेना के हाथों करारी हार मिली है।
अब पीओके की बारी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने प्रधानमंत्री बनने के बाद 2015 में पहली बार लाल किले की प्राचीर से अपने संबोधन में पीओके और वहाँ के लोगों की बदहाली का उल्लेख किया था। पहलगाम हमले के बाद लगता है कि वह समय आ गया है, जब मोदी कश्मीर को अखंड बनाने का मिशन छेड़ सकते हैं। भारत हमेशा कहता रहा है कि पीओके भारत का अभिन्न अंग है। मोदी जो कहते हैं ‘यही समय है, सही समय है’, वह सही समय आ गया है, जब भारत पाकिस्तान पर आक्रमण कर अपने हिस्से के कश्मीर पीओके पर कब्जा कर ले। भारत इस कार्रवाई के जरिये एक तीर से दो निशान साध सकता है। पहला तो यह कि भारत का मस्तक अखंड हो जाएगा तथा कश्मीर समस्या हमेशा के लिए हल हो जाएगी और दूसरा यह कि आतंकवादियों का मुख्य अड्डा पीओके में ही है। पीओके पर कब्जा होते ही आतंक का समूल नाश किया जा सकेगा।