Monday, April 7, 2025
HomeGUJARAT GROUNDAHMEDABADविश्व स्वास्थ्य दिवस 2025: “स्वस्थ शुरुआत, आशापूर्ण भविष्य” की थीम पर गुजरात...

विश्व स्वास्थ्य दिवस 2025: “स्वस्थ शुरुआत, आशापूर्ण भविष्य” की थीम पर गुजरात बना मातृ व बाल स्वास्थ्य का राष्ट्रीय अग्रदूत

Share:

फरवरी 2025 में दिल्ली में आयोजित SKOCH 100 समिट में बाल स्वास्थ्य क्षेत्र में उत्कृष्टता के लिए गुजरात को मिले दो स्वर्ण SKOCH पुरस्कार

गुजरात ने MMR में दर्ज की 50% की उल्लेखनीय कमी, जबकि IMR में भी आई 57.40% की महत्वपूर्ण गिरावट

गुजरात देश का एकमात्र राज्य, जो स्कूली छात्रों को जारी करता है डिजिटल हेल्थ कार्ड, अब तक 1.15 करोड़ कार्ड जारी

गुजरात ने 99.97% संस्थागत प्रसव दर हासिल कर राष्ट्रीय स्तर पर कायम की मिसाल

2019 से 2023 के बीच नवजात स्वास्थ्य जांच, जन्मजात विकारों की पहचान और प्रबंधन के क्षेत्र में गुजरात बड़े राज्यों में राष्ट्रीय स्तर पर रहा पहले स्थान पर

गांधीनकर, 7 अप्रैल: प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के “स्वस्थ भारत, समृद्ध भारत” के मंत्र को दृष्टिगत रखते हुए, मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व में गुजरात सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि राज्य की हर मां और हर बच्चे को जीवन की शुरुआत से ही गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं प्राप्त हों, जो विश्व स्वास्थ्य दिवस 2025 की थीम “स्वस्थ शुरुआत, आशावान भविष्य” के अनुरूप है।

विश्व स्वास्थ्य दिवस 2025 की यह थीम मातृ और नवजात स्वास्थ्य पर केंद्रित है, जिसका उद्देश्य महिलाओं के अधिकारों को सशक्त बनाना और मातृ व शिशु स्वास्थ्य सेवाओं में निवेश बढ़ाना है। इसी दिशा में, गुजरात सरकार ने कई नवाचारी और प्रभावशाली पहलें की हैं, जिससे वह मातृ एवं बाल स्वास्थ्य के क्षेत्र में देश की अग्रणी राज्यों में से एक बन गई है।

मातृ मृत्यु दर में 50% की उल्लेखनीय कमी के साथ मातृत्व को किया सुरक्षित

गुजरात सरकार ने मातृ स्वास्थ्य सुधार के लिए अपने केंद्रित प्रयासों से मातृ मृत्यु दर में 50% की उल्लेखनीय कमी हासिल की है। गुजरात की मातृ मृत्यु दर (MMR) जो वर्ष 2011-13 में 112 थी, यह 2020 में जारी आँकड़ों के अनुसार घटकर 57 हो गई है। आपको बता दें कि, गुजरात में हर वर्ष 14 लाख से अधिक गर्भवती महिलाओं को समय पर गुणवत्तापूर्ण जांच, टीकाकरण और पोषण सेवाएं प्रदान की जाती हैं। गुजरात ने मातृ एवं बाल स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ बनाने के लिए 121 फर्स्ट रेफरल यूनिट्स (FRUs), 153 ब्लड स्टोरेज यूनिट्स और 20 मातृ आईसीयू की स्थापना की है, जिससे आपातकालीन स्थिति में समय पर और सुरक्षित इलाज सुनिश्चित हो सके। इसके परिणामस्वरूप, राज्य ने 99.97% संस्थागत प्रसव दर हासिल की है, जो राष्ट्रीय स्तर पर एक मिसाल है।

HBNC, HBYC और SNCU कार्यक्रमों का सकारात्मक असर: शिशु मृत्यु दर (IMR) में 57.40% की उल्लेखनीय गिरावट

राज्य सरकार सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) के अनुरूप 2030 तक शिशु मृत्यु दर को एकल अंक में लाने के लक्ष्य की दिशा में कार्य कर रही है। इन प्रयासों के परिणाम स्वरूप गुजरात में शिशु मृत्यु दर (IMR) में 2005 में प्रति 1,000 जीवित जन्मों पर 54 से घटकर 2020 में 23 हो गई है, जो कि 57.40% की उल्लेखनीय गिरावट को दर्शाता है। इस उपलब्धि के पीछे होम-बेस्ड न्यूबॉर्न केयर (HBNC) और होम-बेस्ड यंग चाइल्ड केयर (HBYC) जैसी प्रमुख पहलों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। इसके अलावा, SAANS और स्टॉप डायरिया जैसे अभियानों के साथ-साथ गुजरात की मजबूत नवजात शिशु देखभाल प्रणाली जिसमें 58 विशेष नवजात देखभाल इकाइयाँ (SNCUs), 138 नवजात स्थिरीकरण इकाइयाँ (NBSUs), और 1,083 नवजात देखभाल कोने (NBCCs) शामिल हैं, ने भी इस लक्ष्य को प्राप्त करने में अहम योगदान दिया है।

SH-RBSK और “Breaking the Silence” अभियान से बाल स्वास्थ्य में बदलाव और आशा की बहाली

गुजरात की प्रमुख योजना SH-RBSK (स्कूल स्वास्थ्य – राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम) के तहत राज्य में हर वर्ष 1.61 करोड़ से अधिक बच्चों की जांच 992 मोबाइल हेल्थ टीमों और 28 जिला प्रारंभिक हस्तक्षेप केंद्रों के माध्यम से की जाती है। जनवरी 2025 तक इस पहल के अंतर्गत 206 किडनी, 37 लीवर और 211 बोन मैरो ट्रांसप्लांट सफलतापूर्वक कराए गए हैं। इसके अलावा, 20,981 बच्चों को किडनी संबंधी, 11,215 को कैंसर, और 1,67,379 बच्चों को हृदय संबंधी बीमारियों के लिए नि:शुल्क इलाज प्रदान किया गया है।

इसी तरह SH-RBSK के तहत गुजरात सरकार की “ब्रेकिंग द साइलेंस” मुहिम गंभीर श्रवण हानि से पीड़ित बच्चों को नि:शुल्क कॉक्लियर इम्प्लांट सर्जरी की सुविधा प्रदान करती है। अब तक इस अभियान के माध्यम से 3,260 बच्चों की सुनने की क्षमता वापस लाई जा चुकी है, जिसे राज्य सरकार द्वारा ₹228 करोड़ के समर्थन से संभव बनाया गया। इन प्रभावशाली उपलब्धियों की मान्यता स्वरूप, फरवरी 2025 में गुजरात के स्वास्थ्य विभाग को बाल स्वास्थ्य के क्षेत्र में उत्कृष्टता के लिए दो प्रतिष्ठित गोल्ड SKOCH अवार्ड प्रदान किए गए।

बाल स्वास्थ्य के क्षेत्र में डिजिटल क्रांति का नेतृत्व करता गुजरात

गौरतलब है कि गुजरात देश का पहला राज्य है जो स्कूली छात्रों को डिजिटल हेल्थ कार्ड रिपोर्ट जारी करता है। अब तक 1.15 करोड़ से अधिक डिजिटल हेल्थ कार्ड जारी किए जा चुके हैं। ये डिजिटल हेल्थ कार्ड प्रत्येक छात्र की स्वास्थ्य जांच और उपचार संबंधी पूरी जानकारी को सुरक्षित रूप से संचित करते हैं, जिससे बच्चों के स्वास्थ्य की निरंतर और समग्र निगरानी सुनिश्चित होती है। बाल स्वास्थ्य के क्षेत्र में अपनी अग्रणी भूमिका को और सुदृढ़ करते हुए, गुजरात ने 2019 से 2023 के बीच नवजात शिशु स्वास्थ्य जांच, जन्मजात विकारों की पहचान और उनके प्रभावी प्रबंधन में बड़े राज्यों की श्रेणी में राष्ट्रीय स्तर पर पहला स्थान भी प्राप्त किया है।

Bhavy Bhaarat News
Bhavy Bhaarat News
भव्य भारत न्यूज़’ प्राचीतनम् भारत के महान वैभव एवं गौरव को आधुनिकतम् युग में जन-जन तक पहुँचाने का महायज्ञ, महाप्रयोग, महाप्रयास तथा महाभियान है। ‘भव्य भारत न्यूज़’ की ‘राष्ट्र – धर्म सर्वोपरि’ की मूल भावना में ‘विश्व कल्याण’ की विराट भावना भी समाहित है। इस मंच से हम ‘भारत’ को ‘भारत’ के ‘अर्थ’ से अवगत कराने का सकारात्मक, सारगर्भित एवं स्वानुभूत प्रयास करेंगे। ‘राष्ट्र सर्वोपरि’ तथा राष्ट्र को ही परम् धर्म के रूप में स्वीकार करते हुए कोटि-कोटि भारतवासियों व भारतवंशियों तक आधुनिक विज्ञान के माध्यम से प्राचीनतम्, परंतु आधुनिक-वैज्ञानिक व अनुभूतिपूर्ण ज्ञान परंपरा का जन-जन में प्रचार-प्रसार करना ही हमारा उद्देश्य है।
RELATED ARTICLES

Recent Post

Categories

Stay Connected

Popular Searches