मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र पटेल के ‘नागरिक प्रथम’ दृष्टिकोण के अनुरूप है जीएआरसी की तीसरी रिपोर्ट
जीएआरसी के अध्यक्ष डॉ. हसमुख अढिया के मार्गदर्शन में आयोग की रिपोर्ट में डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर और प्रबंधन सुधारों के माध्यम से पारदर्शी, त्वरित और नागरिक-केंद्रित शासन सुनिश्चित करने वाली सिफारिशें
तीसरी रिपोर्ट की सिफारिशें जीएआरसी की वेबसाइट https://garcguj.in/resources पर उपलब्ध
जीएआरसी रिपोर्ट की मुख्य दस सिफारिशें :
• एक विद्यार्थी-एक आईडी-एक पोर्टल
• सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारियों को पेंशन वितरण के लिए संपूर्ण स्वचालित सिस्टम विकसित किया जाएगा
• सरकार के सभी विभागों के जीआर को एकीकृत करने के लिए विशिष्ट टास्क फोर्स
• राज्य की तहसीलों और गांवों में स्थित सभी सरकारी संपत्तियों-सेवाओं की जीआईएस-आधारित सिस्टम, परियोजना निरीक्षण से लेकर यूटीसी तक, सभी विषयों का समावेश
• अधिक फुटप्रिंट वाली नागरिक सेवाओं की सरकारी प्रक्रियाओं की री-इंजीनियरिंग से नागरिकों को एसएमएस या वॉट्सऐप के माध्यम से ऑटोमेटेड अपडेट देने की सिफारिश
• सार्वजनिक परिवहन-सरकारी बस सेवाओं में टिकट खरीदी क्यूआर कोड या यूपीआई के माध्यम से करने की व्यवस्थाएं
• डिजी लॉकर के साथ प्रत्येक सरकारी सेवा वितरण प्रणाली को लिंक करने की सिफारिशें
• सरकारी कर्मचारी की सर्विस बुक का डिजिटल फॉर्मेट
• सभी सरकारी कर्मचारियों के लिए डायनेमिक, व्यापक ई-सिविल लिस्ट और स्वचालित अस्थाई वरिष्ठता सूची सिस्टम
• वर्ग 1 और 2 के अधिकारियों के कार्य वितरण और कार्यभार आकलन एवं मूल्यांकन के लिए डिजिटल सर्वेक्षण
गांधीनगर, 23 जून : मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के ‘विकसित भारत@2047’ के संकल्प में ‘विकसित गुजरात@2047’ को अग्रणी रखने के लक्ष्य के साथ राज्य शासन के प्रशासनिक ढांचे और कार्य पद्धति में आवश्यक बदलाव के लिए गुजरात प्रशासनिक सुधार आयोग (जीएआरसी) का गठन किया है।
जीएआरसी अध्यक्ष और मुख्यमंत्री के मुख्य सलाहराकार डॉ. हसमुख अढिया के मार्गदर्शन में 10 सिफारिशों के साथ तैयार की गई तीसरी सिफारिश रिपोर्ट सोमवार को गांधीनगर में आयोग के अध्यक्ष डॉ. हसमुख अढिया ने मुख्यमंत्री को सौंपी।
उल्लेखनीय है कि जीएआरसी के गठन के लिए इस वर्ष 2025-26 के बजट में की गई घोषणा के कुछ दिनों के भीतर ही मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र पटेल ने राज्य के प्रशासनिक ढांचे और कार्य पद्धति में आवश्यक बदलाव करने के लिए मुख्यमंत्री के मुख्य सलाहकार डॉ. हसमुख अढिया की अध्यक्षता में गुजरात प्रसासनिक सुधार आयोग का गठन किया है। डॉ. अढिया के मार्गदर्शन में इस आयोग ने अब तक दो सिफारिश रिपोर्ट सरकार को सौंपी हैं।
जीएआरसी द्वारा मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र पटेल को सौंपी गई आयोग की तीसरी रिपोर्ट में मुख्यमंत्री द्वारा छोटे से छोटे व्यक्ति को केंद्र में रखकर, उसे सरकारी सेवाओं का लाभ आसानी से उपलब्ध कराने के लिए अपनाया गया ‘नागरिक प्रथम’ का दृष्टिकोण भलीभांति प्रतिबिंबित होता है।
डॉ. हसमुख अढिया के निरंतर मार्गदर्शन में तैयार की गई तीसरी रिपोर्ट में डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर और प्रशासनिक सुधारों के माध्यम से नागरिकों के लिए और अधिक पारदर्शी, त्वरित और नागरिक-केंद्रित शासन सुनिश्चित करने का प्रयास किया गया है।
छात्रवृत्ति योजनाओं का एकीकरण कर एक ही प्लेटफॉर्म पर छात्रवृत्तियों का वितरण, सरकारी बसों में क्यूआर कोड और यूपीआई के माध्यम से टिकट बुकिंग तथा सरकारी बसों की रियल टाइम ट्रैकिंग जैसे सुधारों के अलावा डिजी लॉकर-आधारित दस्तावेज सेवाएं, एसएमएस और वॉट्सऐप के जरिए सरकारी आवेदन की स्थिति की जानकारी जैसी सिफारिशें नागरिकों के लिए सरलता, समय की बचत और सरकारी सेवाओं के प्रति विश्वास को सुदृढ़ करेगी।
पेंशन का स्वचालित रूप से भुगतान, डिजिटल सर्विस बुक और कर्मचारी संतोष सर्वेक्षण जैसे कदमों से सरकारी तंत्र की दक्षता भी बढ़ेगी।
ये सिफारिशें गुजरात को एक प्रगतिशील और डिजिटली सशक्त राज्य बनाने की दिशा में एक मजबूत कदम साबित होंगी।
मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र पटेल को यह सिफारिश रिपोर्ट सौंपते हुए जीएआरसी अध्यक्ष डॉ. हसमुख अढिया ने कहा कि ‘सशक्त नागरिकों के लिए टेक्नोलॉजी युक्त शासन’ और ‘गुजरात के विकास में जनता केवल सहभागी नहीं, बल्कि सहयात्री बनेगी’ के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए की गई सिफारिशों के साथ यह तीसरी रिपोर्ट तैयार की गई है।
जीएआरसी की तीसरी रिपोर्ट की ये सिफारिशें जीएआरसी की वेबसाइट https://garcguj.in/resources पर अपलोड की गई हैं।
मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र पटेल को जीएआरसी की यह तीसरी रिपोर्ट सौंपने के अवसर पर मुख्य सचिव श्री पंकज जोशी, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव श्री एम.के. दास, मुख्यमंत्री के सलाहकार श्री एस.एस. राठौर, प्रशासनिक सुधार आयोग के प्रधान सचिव श्री हरीत शुक्ला, मुख्यमंत्री की अपर प्रधान सचिव श्रीमती अवंतिका सिंह और सचिव डॉ. विक्रांत पांडे के साथ ही जीएआरसी के अधिकारी उपस्थित रहे।
इस तीसरी रिपोर्ट में जीएआरसी द्वारा राज्य सरकार को की गई सिफारिशें निम्नानुसार हैं :
(1) ‘एक विद्यार्थी-एक आईडी-एक पोर्टल’ ढांचे के आधार पर, सरकार विभिन्न विभागों द्वारा ऑफर की जाने वाली सभी छात्रवृत्ति योजनाओं के प्रभावी समन्वय के लिए एक एकीकृत, पारदर्शी और टेक्नोलॉजी-आधारित छात्रवृत्ति प्लेटफॉर्म (गुजरात यूनिफाइड स्कॉलरशिप पोर्टल) विकसित करेगी। इस पोर्टल से छात्रवृत्ति से संबंधित कार्य तेजी से होंगे, काम का दोहराव रुकेगा और कर्मचारियों पर बोझ भी कम होगा।
(2) सरकार सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारियों के पेंशन वितरण के लिए एक संपूर्ण स्वचालित सिस्टम विकसित करेगी, जिसमें पेंशन पेमेंट ऑर्डर जनरेट करना, सेवा रिकॉर्ड्स का डिजिटल सत्यापन और सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति के दूसरे ही दिन बैंक खाते में पेंशन की रकम सीधे जमा करना जैसे विषय शामिल होंगे।
(3) सरकार प्रत्येक विभाग में सभी प्रमुख विषयों के सरकारी संकल्पों (गवर्नमेंट रेजोल्यूशन-जीआर) को एकीकृत करने के लिए एक विशिष्ट टास्ट फोर्स का गठन करेगी। इसके साथ ही उक्त संकल्पों को पोर्टल के माध्यम से विषयवार सरल फॉर्मेट में उपलब्ध कराया जाएगा। इस कदम से विभिन्न संकल्पों को समझने में होने वाली विसंगतियां दूर होंगी।
(4) सरकार, विशेषज्ञ पेशेवर एजेंसियों के सहयोग से गुजरात की तहसीलों और गांवों में स्थित सभी सरकारी संपत्तियों और सेवाओं की एक मजबूत एवं व्यापक, भौगोलिक सूचना प्रणाली (जीआईएस)-आधारित एक सिस्टम विकसित करेगी, जिसमें किसी भी परियोजना के निरीक्षण से लेकर यूटीसी तक, सभी विषयों का समावेश होगा। इस सिस्टम के कारण बजट का आवंटन अधिक योग्य एवं कुशल तरीके से संभव होगा तथा कार्य के दोहराव की संभावनाएं भी कम हो जाएंगी।
(5) सरकार विशेषज्ञ पेशेवर एजेंसियों के सहयोग से अधिक फुटप्रिंट वाली नागरिक सेवाओं की सरकारी प्रक्रियाओं को री-इंजीनियरिंग करेगी और ऐसी व्यवस्थाएं विकसित करेगी जिसमें नागरिकों को ‘आवेदन पर कार्य शुरू हो गया’, ‘आवेदन सबमिट हो गया’, ‘दस्तावेजों का सत्यापन हो गया’, ‘आवेदन प्रक्रियाधीन’, ‘मंजूरी के अधीन’ और ‘आवेदन सफलतापूर्वक पूर्ण हो गया’ जैसे विभिन्न स्तरों पर एसएमएस या वॉट्सऐप के माध्यम से ऑटोमेटेड अपडेट मिलता रहे। इतना ही नहीं, नागरिकों को सरकारी दस्तावेज सुरक्षित रूप से प्राप्त हो सके, इसके लिए विश्वसनीय कूरियर सेवाओं के साथ साझेदारी करेगी।
(6) सार्वजनिक परिवहन में यात्रियों के अनुभव को और बेहतर बनाने के लिए ऐसी व्यवस्थाएं विकसित की जाएंगी जिसमें सभी सरकारी बसों में टिकट की खरीदी एडवांस या आवश्यकता के अनुसार क्यूआर कोड एवं यूपीआई के माध्यम से हो सके और बस की समय सारिणी और स्थान (सीट) की उपलब्धता के साथ ही बस की लोकेशन रीयल टाइम के आधार पर उपलब्ध हो सके। इसके अलावा, सेवा में निरंतर सुधार के लिए क्यूआर कोड-आधारित यात्रियों की प्रतिक्रिया प्राप्त करने की व्यवस्था भी विकसित की जाएगी।
(7) नागरिकों को उनके सरकारी दस्तावेजों को आसानी से उपलब्ध कराने के लिए सरकार विशेषज्ञ पेशेवर एजेंसियों की मदद से सभी सरकारी सेवा वितरण प्रणाली (सभी आवेदन, फॉर्म्स और सेवाएं) को डिजी लॉकर के साथ लिंक करेगी। इससे सरकार द्वारा जारी किए जाने वाले महत्वपूर्ण अधिकृत दस्तावेज या प्रमाण पत्र सीधे नागरिकों के डिजी लॉकर में उपलब्ध हों जाएंगे।
(8) सरकार मानव संसाधन प्रबंधन प्रणाली (एचआरएमएस) में सभी कर्मचारियों की सर्विस बुक या सर्विस रिकॉर्ड को डिजिटल फॉर्मेट में उपलब्ध कराएगी। इसके साथ ही, वर्तमान सर्विस बुक या सर्विस रिकॉर्ड का डिजिलीकरण भी किया जाएगा, जिसमें कर्मचारियों की शिक्षा, कौन सा प्रशिक्षण प्राप्त किया है और कहां-कहां पोस्टिंग हुई है जैसे पुराने ब्यौरे शामिल किए जाएंगे।
(9) सरकार राज्य के सभी सरकारी कर्मचारियों के लिए एक डायनेमिक, व्यापक ई-सिविल लिस्ट और स्वचालित अस्थायी वरिष्ठता लिस्ट (प्रवरता सूची) प्रकाशित करने के लिए सिस्टम विकसित करेगी।
(10) सरकार डिजिटल सर्वेक्षण कर गुजरात सरकार के वर्ग 1 और 2 के अधिकारियों में कार्य वितरण और कार्यभार के आकलन और संतोष का व्यापक मूल्यांकन करेगी।