4 अगस्त 2025 को लंदन के ओवल क्रिकेट ग्राउंड पर भारत ने इतिहास रच दिया। टीम इंडिया ने 5वें और निर्णायक टेस्ट मैच में इंग्लैंड को मात्र 6 रन से हराकर रोमांचक जीत दर्ज की और 5 मैचों की सीरीज 2-2 से ड्रॉ करा दी।
मैच का आखिरी दिन बेहद रोमांचक रहा, जब इंग्लैंड को जीत के लिए सिर्फ 35 रन और बनाने थे और उसके 4 विकेट शेष थे। लेकिन मोहम्मद सिराज की घातक गेंदबाज़ी ने खेल की तस्वीर पलट दी।
मैच का पूरा हाल
भारत ने पहली पारी में केवल 224 रन बनाए थे, जिसके जवाब में इंग्लैंड ने 247 रन बनाकर 23 रनों की बढ़त हासिल की। लेकिन दूसरी पारी में टीम इंडिया ने शुभमन गिल की शानदार कप्तानी पारी (161 रन) और निचले क्रम के सहयोग से 396 रन बनाए और इंग्लैंड को जीत के लिए 374 रनों का लक्ष्य दिया।
चौथे दिन तक इंग्लैंड ने 339/6 रन बना लिए थे और जीत के बेहद करीब था। अंतिम दिन उन्हें सिर्फ 35 रन की जरूरत थी लेकिन मोहम्मद सिराज और प्रसिद्ध कृष्णा की कातिलाना गेंदबाज़ी ने मैच पलट दिया।
भारत की ऐतिहासिक जीत में ये बने हीरो
मोहम्मद सिराज (5 विकेट)
सिराज ने आखिरी दिन इंग्लैंड के निचले क्रम को ध्वस्त कर दिया।
जेमी स्मिथ, जेमी ओवर्टन, जॉश टंग और अंत में एटकिंसन को आउट कर भारत को जीत दिलाई।
सिराज ने मैच में कुल 5 विकेट झटके और सीरीज में 23 विकेट लेकर बुमराह के रिकॉर्ड की बराबरी की।
प्रसिद्ध कृष्णा (4 विकेट)
इंग्लैंड की दूसरी पारी में प्रमुख विकेट चटकाकर मैच को रोमांचक बनाया।
विशेषकर जॉश टंग को यॉर्कर से बोल्ड कर भारत को जीत के दरवाजे तक पहुंचाया।
कप्तान शुभमन गिल: एक नई सोच, एक नई शुरुआत

ओवल टेस्ट सिर्फ भारत की जीत की कहानी नहीं थी, यह शुभमन गिल के नेतृत्व में भारतीय क्रिकेट के एक नए युग की दस्तक भी थी। एक ऐसा कप्तान, जो शांत है, संयमी है लेकिन मैदान पर उसका बल्ला बोलता है।
कप्तानी की शुरुआत और इतिहास में नाम
शुभमन गिल ने इंग्लैंड के खिलाफ इस सीरीज में बतौर टेस्ट कप्तान अपने करियर की शुरुआत की और पहली ही सीरीज में उन्होंने ऐसा कारनामा कर दिखाया, जिसे इतिहास में दर्ज किया जाएगा।
उन्होंने अपने कप्तानी डेब्यू पर शतक जड़ा और विजय हजारे, सुनील गावस्कर, मोहम्मद अज़हरुद्दीन और विराट कोहली जैसे दिग्गज कप्तानों की लिस्ट में अपना नाम दर्ज कराया।
यही नहीं, विराट कोहली के बाद वह दूसरे भारतीय कप्तान बने जिन्होंने लगातार दो विदेशी पारियों में शतक लगाया।
कप्तान की सोच: नई पीढ़ी का प्रतिनिधि
शुभमन गिल सिर्फ एक बेहतरीन बल्लेबाज़ नहीं, बल्कि नई पीढ़ी का वह कप्तान है जो शांत होकर बड़े फैसले लेता है, मैदान पर तेजी से मूव करता है, और अपने खिलाड़ियों को पूरी स्वतंत्रता देता है।
सिराज और कृष्णा जैसे गेंदबाज़ों को जिस तरह से उन्होंने बॉलिंग में रोटेट किया, और फील्डिंग में बदलाव किए, उससे यह साफ हो गया कि गिल में रणनीति की गहराई भी है।
गिल ने क्या कहा मैच के बाद?
“ये जीत सिर्फ मेरी नहीं, पूरी टीम की मेहनत का नतीजा है। कप्तान के तौर पर मैं बस सभी को सही दिशा देने की कोशिश करता हूं। जब सिराज और कृष्णा जैसे खिलाड़ी आपके पास हों, तो कोई भी मैच जीता जा सकता है।”
रिकॉर्ड्स और आंकड़े

यह भारत की सबसे करीबी टेस्ट जीत (रन के अंतर से) है।
शुभमन गिल ने कप्तान के रूप में शानदार प्रदर्शन करते हुए सीरीज में 754 रन बनाए और “प्लेयर ऑफ द सीरीज” बने।
गिल की पारी (269 और 161) इंग्लैंड में किसी भी भारतीय कप्तान का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है।
यह टेस्ट सीरीज “एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी” के अंतर्गत खेली गई — जो अब भारत-इंग्लैंड के बीच इंग्लैंड में खेली जाने वाली टेस्ट सीरीज का नया नाम है।
यह पहली बार है जब भारत और इंग्लैंड की कोई टेस्ट सीरीज 2-2 से ड्रॉ रही।
क्यों ऐतिहासिक थी ये जीत?
सीरीज की बराबरी: भारत ने 0-2 से पिछड़ने के बाद वापसी की और सीरीज को 2-2 से ड्रॉ कराया।
गेंदबाजों का कमाल: विदेशी धरती पर भारतीय तेज गेंदबाजों ने इंग्लैंड की मजबूत बल्लेबाजी को धराशायी कर दिया।
क्रिकेट का रोमांच: अंतिम दिन का हर ओवर दर्शकों की सांसें रोकने वाला था — और यही टेस्ट क्रिकेट की खूबसूरती है।
भारत की ये जीत न सिर्फ स्कोरकार्ड में ऐतिहासिक रही बल्कि मानसिक रूप से भी एक बड़ी जीत मानी जा रही है। ओवल टेस्ट ने दिखा दिया कि भारतीय क्रिकेट अब विदेशी ज़मीन पर भी उतना ही दमदार है जितना घरेलू पिचों पर।
टीम इंडिया ने न सिर्फ मैच, बल्कि फैंस का दिल भी जीत लिया।