गुजरात। अब गुजरात सरकार ने राज्य में नकली दवाओं के खिलाफ देश की पहली सख़्त स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOP) लागू कर दी है, जिससे गुजरात आतंक की तरह ही ‘ज़ीरो टॉलरेंस’ नीति अपनाने वाला भारत का पहला राज्य बन गया है। इस SOP के अनुसार दवा आयात और ट्रांसपोर्टरों का पंजीकरण अनिवार्य है और बिना लाइसेंस बिकने वाली दवाओं पर सीधी एवं सख्त कार्रवाई होगी।
भारत देश में दिनों-दिन नकली दवाओं का कारोबार काफी बढ़ता जा रहा है, ऐसे में राज्य सरकार की पहल दूरदर्शिता का प्रमाण है। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री के अनुसार यह SOP राज्य में बाहर से आने वाली नकली दवाओं की आपूर्ति पर सख़्त नियंत्रण और लाइसेंस न होने पर सीधी कार्रवाई सुनिश्चित करेगी।
◾पहल की सख्त आवश्यकता थी-
वर्तमान दौर में नकली दवाएं न सिर्फ़ मानव स्वास्थ्य के लिए गंभीर ख़तरा हैं, बल्कि इलाज में विफलता, मरीज़ों की जान को खतरे और सार्वजनिक विश्वास की हानि का कारण भी हैं। हाल के वर्षों में गुजरात के विभिन्न हिस्सों से लाखों ₹ की नकली एंटीबायोटिक्स और गर्भपात की दवाएं जब्त की गई हैं, जिनमें बिना लाइसेंस और बिना बिल के दवा कारोबार सामने आया है। फिर इनकी जांच में सामने आया कि बड़ी संख्या में नकली दवाएं बाहर से लाई जाती हैं और फर्जी कंपनियों के नाम पर वितरित की जाती हैं। इसलिए यह पहल बड़े काम की है, क्योंकि अब कानून से डर कर नकलीपन पर नियंत्रण लगेगा।
◾3 नई टेस्टिंग लैब बनेगी-
गुजरात सरकार 3 नई टेस्टिंग लैब स्थापित कर रही है और त्वरित जांच के लिए आधुनिक उपकरण खरीदे जा रहे हैं। इसके अलावा फ्लाइंग स्क्वॉड और ट्रांसपोर्ट एजेंसियों की निगरानी भी बढ़ाई जा रही है। इस कानूनी पहल की सख्त आवश्यकता थी, क्योंकि नकली दवा का कारोबार समाज के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ है, जिससे समाज को भी कठोर विरोध जताना चाहिए, ताकि आम नागरिक तक केवल असली और प्रभावी दवाएं ही पहुंच सकें।
◾’जीरो टॉलरेंस’ वाला पहला राज्य-
जीवन को बचाने वाली दवाओं को बढ़ावा देने और नकली को समाप्त करने के लिए गुजरात सरकार सख्त एसओपी तैयार कर रही है। स्वास्थ्य मंत्री ऋषिकेश पटेल की मानें तो यह पहल गुजरात को ऐसा करने वाला देश का पहला राज्य बनाएगी। यह कदम राज्य के बाहर से आने वाली नकली दवाओं की आपूर्ति रोकने के लिए उठाया जा रहा है। यानी राज्य नकली दवाओं पर ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति अपनाएगा।