मप्र/दिल्ली। इंदौर एवं उज्जैन में नीट (NEET-UG) यूजी 2025 की परीक्षा के दौरान बिजली गुल होने के मामले ने अब संवैधानिक रंग ले लिया है। परीक्षा में परेशानी उठाने वाले विद्यार्थियों द्वारा पुनः परीक्षा की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई, लेकिन शीर्ष अदालत ने बुधवार को इन छात्रों को अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया। अब इस पर 25 जुलाई को फिर से सुनवाई होगी।
जानकारी के अनुसार सुप्रीम कोर्ट ने 2 अभ्यर्थियों-नव्य नायक और एस. साई प्रिया की याचिकाओं को व्यक्तिगत सुनवाई के लिए 25 जुलाई हेतु सूचीबद्ध किया है, पर काउंसलिंग प्रक्रिया को रोकने से इनकार कर दिया है।
बता दें कि याचिकाकर्ताओं ने मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के 14 जुलाई के आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने फिर से परीक्षा कराने से इंकार कर दिया था। इससे पहले हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने बिजली कटौती से प्रभावित विद्यार्थियों के लिए दुबारा परीक्षा आयोजित करने का आदेश दिया था। हाईकोर्ट द्वारा गठित विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट के अनुसार, परीक्षा केंद्रों पर बिजली अवश्य गई थी, किंतु पर्याप्त प्राकृतिक रोशनी उपलब्ध थी, जिससे परीक्षा जारी रखी जा सकी।
◾75 विद्यार्थी उम्मीद में-
उक्त परीक्षा में इंदौर में बिजली गुल होने का मुद्दा अब एनटीए और मप्र इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड यानी (MPPKVVCL) का पीछा छोड़ने वाला नहीं है, क्योंकि अब ये मुद्दा सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। इंदौर की अभिभाषक कीर्ति पटवर्धन की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को इस पर सुनवाई होगी। उल्लेखनीय है कि एमपी हाईकोर्ट की डिविजनल बेंच ने सिंगल बेंच का इंदौर के 75 विद्यार्थियों के लिए दुबारा परीक्षा करवाने का फैसला खारिज कर दिया तो अब स्टूडेंट्स सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हैं।
◾अस्थायी अनुमति नहीं मिली-
याचिकाकर्ताओं के वकील ने सुप्रीम कोर्ट से यह अनुरोध किया, कि जब तक अंतिम फैसला नहीं आता, तब तक परीक्षार्थियों को नीट-यूजी काउंसलिंग में शामिल होने की अस्थायी अनुमति दी जाए, लेकिन एनटीए (NTA) की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने दलील दी, कि यदि कुछ छात्रों को पुनः परीक्षा या काउंसलिंग की अनुमति दी जाती है तो यह लाखों परीक्षार्थियों के हितों पर असर डालेगा।
◾तब यह हुआ था…
दरअसल, कुछ समय पहले परीक्षा के समय बिजली गुल हो गई थी। विद्यार्थियों का आरोप है कि कुछ सेंटरों पर परीक्षा के दौरान छात्र टॉर्च और मोबाइल की रोशनी में पेपर हल करने को मजबूर हुए, जिससे समय और एकाग्रता-दोनों प्रभावित हुए। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा कि फिलहाल काउंसलिंग प्रक्रिया स्थगित नहीं होगी, लेकिन छात्रों की व्यक्तिगत याचिका पर 25 जुलाई को सुनवाई होगी।
◾आदेश पर बहुत कुछ निर्भर-
इस मामले पर भविष्य की दिशा सुप्रीम कोर्ट के अंतिम आदेश पर निर्भर करेगी, जिसका असर हजारों छात्रों के भविष्य पर पड़ सकता है। अगर दोबारा परीक्षा कराने का आदेश आता है तो अन्य विद्यार्थी प्रभावित होंगे, किन्तु आदेश में विद्यार्थियों के मन अनुसार राहत नहीं मिली तो कुछ विद्यार्थियों को निराशा हाथ लगेगी और अगली परीक्षा में ही मौका मिलेगा।