मई महीने की शुरुआत में भारी वर्षा के कारण 7300 से अधिक गाँवों में ठप हुई विद्युत आपूर्ति 48 घण्टों में बहाल, जिसमें 88 प्रतिशत से अधिक गाँवों में 24 घण्टों में ही बिजली लौटी
भारी वर्षा तथा आंधी के कारण 11 जिलों के 5822 गाँव प्रभावित; 24 घण्टों में 4987 गाँवों में विद्युत आपूर्ति बहाल; 48 घण्टे में विद्युत आपूर्ति पूर्णतः पुनर्स्थापित
गत वर्ष गुजरात ने केवल 30 मिनट में ही 20349 फीडरों में 38 लाख से अधिक विद्युत विक्षेपों को पुनर्स्थापित किया था
गांधीनगर, 20 मई : गुजरात आज देश के ग्रोथ इंजन के रूप में निरंतर आगे बढ़ रहा है और सभी क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रगति कर रहा है। इस तेज विकास के साथ; गुजरात प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले नुकसान को टालने की अग्रिम तैयारियाँ करने एवं स्थितिस्थापकता (लचीलापन) स्थापित करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। हाल ही में; मई महीने की शुरुआत में बेमौसम बरसात तथा तेज हवाओं के साथ आए आंधी-तूफान की स्थिति के दौरान राज्य की यह प्रतिबद्धता देखी गई, जब मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र पटेल के दूरदर्शी नेतृत्व में गुजरात राज्य के ऊर्जा विभाग ने इस प्राकृतिक चुनौती का सामना करने के लिए त्वरित एवं संगठित कार्यवाही की।
उल्लेखनीय है कि राज्य में 5 मई, 2025 की शाम से 6 मई, 2025 की सुबह की अवधि के दौरान तेज वर्षा तथा आंधी-तूफान के कारण विभिन्न जिलों के 7327 गाँवों की विद्युत आपूर्ति ठप हो गई थी। हालाँकि पहले 24 घण्टों में ही 88 प्रतिशत से अधिक गाँवों तथा शेष गाँवों में 48 घण्टों के भीतर ही विद्युत आपूर्ति बहाल कर दी गई। इस प्रकार; 48 घण्टों के भीतर सभी प्रभावित गाँवों में बिजली लौट आई।
गुजरात राज्य ऊर्जा विभाग के नेतृत्व में सुदृढ़ आपदा प्रबंधन
आगामी वर्षा ऋतु को ध्यान में रखते हुए विद्युत कंपनियों ने पहले से ही एक व्यापक आपदा प्रबंधन की योजना बनाई थी। त्वरित प्रतिक्रिया (क्विक रिस्पॉन्स) सुनिश्चित करने के लिए संवेदनशील स्थलों पर आवश्यक सामग्री का पर्याप्त भंडार रखा गया था। 5 मई, 2025 की शाम जब राज्यभर में अनपेक्षित रूप से भारी वर्षा और तेज हवाएँ शुरू हुई, तब गुजरात ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड (जीयूवीएनएल) तथा उसकी सहयोगी कंपनियों के नियंत्रण कक्षों को हालात पर नजर रखने के लिए तत्काल सक्रिय किया गया। दूसरे दिन ऊर्जा एवं पेट्रोरसायन विभाग की एक समीक्षा बैठक में सभी टीमों को नागरिकों की सुरक्षा के साथ समाधान किए बिना अपने कार्यों को तेज बनाने के निर्देश दिए गए। नुकसान की मरम्मत तथा हर संभव तेजी से बिजली आपूर्ति को पुनर्स्थापित (बहाल) करने के लिए विद्युत वितरण कंपनियों की 1026 टीमों तथा ट्रांसमिशन कंपनियों की 87 टीमों, जिनमें 5426 कुशल कर्मयोगी शामिल थे, को तैनात किया गया।
जियोऊर्जा (GeoUrja) : रियल टाइम मॉनिटरिंग के माध्यम से निर्णयों को प्राथमिकता दी गई
इस समग्र कार्यवाही में GeoUrja (भूगर्भीय ऊर्जा) सिस्टम ने मुख्य भूमिका निभाई। जियोऊर्जा सिस्टम एक जियो मैप्ड विद्युत नेटवर्क है, जो ऑनलाइन पावर सप्लाई स्टेटस मॉनिटरिंग प्लेटफॉर्म के साथ एकीकृत है। इस टेक्नोलॉजी के माध्यम से डिसीजन मेकर्स यानी निर्णयकर्ताओं को प्रभावित क्षेत्रों में प्रभावी एवं त्वरित पुनर्स्थापना कार्य को प्राथमिकता देने का निर्णय लेने में सहायता मिली। इतना ही नहीं; वर्षा ऋतु से पहले शुरू की जाने वाली विद्युत नेटवर्क की नियमित निवारक रखरखाव की प्रक्रिया ने अचानक बेमौसम बरसात एवं तेज हवाओं के कारण होने वाले नुकसान को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
हजारों गाँवों व जिलों में त्वरित विद्युत आपूर्ति बहाली
5 मई की शाम से 6 मई की सुबह के दौरान तेज बारिश और हवाओं के कारण विभिन्न जिलों के 7327 गाँवों में विद्युत आपूर्ति बाधित हो गई थी। हालाँकि प्रथम 24 घण्टों में ही 6425 से अधिक यानी 88 प्रतिशत से अधिक गाँवों में विद्युत आपूर्ति बहाल कर दी गई थी और शेष 902 गाँवों में भी 48 घण्टों में ही बिजली लौट आई थी। इस प्रकार; सभी गाँवों में केवल 48 घण्टों के भीतर ही विद्युत आपूर्ति पूर्ववत कर दी गई। पीजीवीसीएल अंतर्गत आने वाले आठ शहरों में बिजली की आपूर्ति भी ठप हो गई थी, परंतु 12 घण्टों के भीतर उन शहरों में विद्युत आपूर्ति बहाल की गई। प्रभावित क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनियों पश्चिम गुजरात वीज कंपनी लिमिटेड (पीजीवीसीएल), दक्षिण गुजरात वीज कंपनी लिमिटेड (डीजीवीसीएल), मध्य गुजरात वीज कंपनी लिमिटेड (एमजीवीसीएल) तथा उत्तर गुजरात वीज कंपनी लिमिटेड (यूजीवीसीएल) के कार्यक्षेत्र के अंतर्गत आते थे। आंधी-तूफान से सर्वाधिक प्रभावित जिलों में भरूच, आणंद, छोटा उदेपुर, दाहोद, खेडा, पंचमहाल, वडोदरा, महीसागर, सुरेन्द्रनगर तथा अरवल्ली शामिल हैं।
इन्हीं क्षेत्रों में 5822 गाँव और उनकी 12.68 लाख की आबादी प्रभावित हुए थे। इन गाँवों में से 4987 (85 प्रतिशत से अधिक) गाँवों में 24 घण्टों में बिजली आपूर्ति पुनर्स्थापित हो गई थी, जबकि शेष गाँवों में 48 घण्टों के भीतर विद्युत आपूर्ति बहाल हुई थी। इसी प्रकार; 480 पावर डिस्ट्रीब्यूशन ट्रांसफॉर्मर क्षतिग्रस्त हुए थे, जिनमें से 376 को तत्काल पुनर्स्थापित कर दिया गया तथा अन्य को भी अल्प समय में ही पुनः कार्यरत किया गया। 216 प्रभावित विद्युत सबस्टेशनों में से 215 सबस्टेशन 24 घण्टे के भीतर कार्यरत हो गए और अंतिम एक सबस्टेशन बाद के 12 घण्टे के भीतर पुनर्स्थापित कर दिया गया। 231 क्षतिग्रस्त ट्रांसमिशन लाइनों में से 210 लाइनों में 48 घण्टों के भीतर बिजली आपूर्ति बहाल कर दी गई।

एमजीवीसीएल ने वडोदरा में त्वरित विद्युत आपूर्ति बहाली सुनिश्चित की
बेमौसम बरसात तथा आंधी-तूफान का वडोदरा शहर विशेष रूप से प्रभावित हुआ, जिसमें तेज हवाओं के कारण 11 केवी के लगभग 150 फीडर बंद हो गए। बिजली विभाग ने तुरंत कार्यवाई करते हुए गिरे हुए खंभों की मरम्मत करने तथा निर्बाध बिजली बहाल करने के लिए टीमें तैनात कर दीं। एमजीवीसीएल ने विद्युत आपूर्ति पुनः बहाल करने के प्रयासों की सूक्ष्मतापूर्वक निगरानी और समन्वय के लिए सर्किल कार्यालय में एक नियंत्रण कक्ष भी स्थापित किया।
वडोदरा शहर में भारी वर्षा तथा आंधी-तूफान के कारण पेड़ तथा होर्डिंग्स धराशायी हुए, जिसके कारण समग्र शहर में बिजली लाइनों को नुकसान हुआ। 11 केवी के लगभग 150 फीडर प्रभावित हुए, परंतु तूफान थमते ही देर रात तक सभी फीडर पुनः स्थापित किए गए। मरम्मत एवं लाइनों के निर्माण के लिए 100 से अधिक विभागीय टीमों तथा 20 से अधिक अनुबंधीय टीमों को तैनात किया गया था। ट्रांसफॉर्मर मरम्मत के लिए तीन समर्पित टीमें नियुक्त की गई थीं तथा रिंग मेन यूनिट (आरएमएयू) टीम और एक अंडरग्राउंड फॉल्ड डिटेक्शन टीम को तेजी से पुनर्स्थापन सुनिश्चित करने के लिए नियुक्त किया गया था।
एमजीवीसीएल ने चौबीस घण्टे निगरानी एवं समन्वय के लिए सर्किल ऑफिस में तत्काल एक नियंत्रण कक्ष स्थापित किया। दूसरे दिन शाम तक समग्र शहर में बिजली की आपूर्ति बहाल हो गई। मुख्य नुकसान उखड़ गए पेड़ों तथा धराशायी हुए होर्डिंग्सकेकारण हुआ था, जिसके चलते 76 खंभे और 7 ट्रांसफॉर्मर टूट गए थे। एमजीवीसीएल ने अवरोधों को दूर करने तथा मरम्मत कार्य के लिए केबल फॉल्ट डिटेक्शन वैन, लेडर वैन एवं क्रेन भी तैनात किए थे। व्यापक नुकसान के बावजूद एमजीवीसीएल की टीम ने रातभर अथक परिस्रम किया। केन्द्रीयकृत शिकायत केन्द्र को उसी दिन 5360 से अधिक शिकायतें मिली थीं, जिनमें 4700 का तेजी से समाधान किया गया और शेष शिकायतों का निवारण इस सक्रिय आयोजन के बाद तुरंत ही किया गया।
20,349 फीडर पर 38 लाख विद्युत विक्षेपों का 30 मिनट में ही समाधान
गुजरात राज्य के ऊर्जा विभाग द्वारा गत वर्ष भी विद्युत आपर्ति पुनर्स्थापना के लिए उल्लेखनीय कार्य किया गया था। 20349 फीडर पर 38 लाख विद्युत विक्षेप होने के बावजूद राज्य ने सभी फीडर पर दैनिक औसत 23 घण्टे 30 मिनट की विद्युत आपूर्ति बनाए रखी थी। अधिकांश विक्षेप 30 मिनट में ही पुनर्स्थापित कर दिए गए थे।
देश के ग्रोथ इंजन के रूप में गुजरात ने सिद्ध किया है कि वह सक्रिय आयोजन, त्वरित प्रतिक्रिया एवं टेक्नोलॉजी के समन्वय द्वारा प्राकृतिक आपदाओं का सामना करने के लिए सदैव तैयार है। मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व में गुजरात विकास पर ध्यान केन्द्रित करने के अतिरिक्त; ऐसे सुदृढ़ भविष्य का निर्माण कर रहा है, जो किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए तैयार हो।