बैठक में गृह राज्य मंत्री, मुख्य सचिव और वरिष्ठ सचिव मौजूद रहे
सीमावर्ती जिलों के कलेक्टरों और पुलिस प्रमुखों ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए अपने-अपने जिलों में किए गए सुरक्षा प्रबंधन का विवरण दिया
मुख्यमंत्री ने सीमावर्ती गांवों में इवैक्यूएशन प्लान, आपातकाल में नागरिक संरक्षण की गतिविधियों, स्वास्थ्य सेवाओं और कम्यूनिकेशन नेटवर्क सिस्टम को बनाए रखने सहित अन्य विषयों की समीक्षा कर मार्गदर्शन दिया
राज्य के सीमावर्ती क्षेत्रों में वायुसेना, सेना, नौसेना, कोस्ट गार्ड और बीएसएफ जैसी केंद्रीय एजेंसियों की सतर्क कार्रवाई की सराहना की
गांधीनगर, 08 मई : मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र पटेल ने गांधीनगर में एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाकर भारत-पाकिस्तान के बीच मौजूदा तनावपूर्ण माहौल में सीमावर्ती राज्य के रूप में गुजरात की सतर्कता और तैयारियों की समीक्षा की।
मुख्यमंत्री ने गुजरात में हाई अलर्ट पर रखे गए और पाकिस्तान के साथ समुद्री, जमीनी और हवाई सीमा सहित जुड़े 18 जिलों के संदर्भ में वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए प्रशासनिक तंत्र, पुलिस और अन्य जिला अधिकारियों से उनके जिलों में की जा रही सुरक्षा की अग्रिम तैयारियों की व्यवस्था की जानकारी भी प्राप्त की।
मुख्यमंत्री शुक्रवार सुबह गांधीनगर स्थित स्टेट इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर पहुंचे और गृह राज्य मंत्री श्री हर्ष संघवी एवं मुख्य सचिव श्री पंकज जोशी की उपस्थिति में सीमावर्ती क्षेत्र कच्छ, बनासकांठा, पाटण और जामनगर जिलों सहित राज्य की संपूर्ण स्थिति की बारीकी से जानकारी प्राप्त की।
उन्होंने विशेषकर मौजूदा स्थिति में सभी जिलों के कंट्रोल रूम और इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटरों को लगातार कार्यरत रखने के स्पष्ट दिशानिर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने आपातकालीन स्थिति में संपर्क सुनिश्चित करने के लिए हॉटलाइन और सैटेलाइट फोन जैसे दूरसंचार एवं संपर्क के वैकल्पिक माध्यमों की जांच करने की भी ताकीद की।
बैठक में मुख्यमंत्री ने मौजूदा तनावपूर्ण स्थिति में संबंधित जिलों के सीमावर्ती गांवों के इवैक्यूएशन प्लान कार्यरत करने के साथ ही नागरिक संरक्षण की तैयारियों, सुरक्षित स्थान-सेफ हाउस की पहचान तथा भोजन-पानी एवं अन्य संसाधनों की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने नागरिकों को आवश्यक वस्तुओं और पेट्रोल-डीजल जैसे ईंधन की आपूर्ति में कोई दिक्कत न हो, इसके लिए संबंधित जिलों और प्राधिकारियों को एहतियात के तौर पर इन चीजों का पर्याप्त भंडारण करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने समीक्षा बैठक में यह निर्देश भी दिए कि स्वास्थ्य और परिवहन विभाग भी पूरी व्यवस्थाओं तथा मैन पॉवर के साथ किसी भी विकट स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहे।
मुख्यमंत्री ने जिला प्रमुखों को यह स्पष्ट निर्देश भी दिए कि वे संवेदनशील क्षेत्रों की पहचान कर लें और मोबिलाइजेशन एवं चेतावनी की व्यवस्था (अलर्ट सिस्टम) की जांच कर लें।
उन्होंने जनजागरूकता अभियान शुरू करने का भी सुझाव दिया ताकि लोगों में गलत तरीके से भय या दहशत न फैले तथा लोग अफवाहों से गुमराह न हों। उन्होंने लोगों से भी यह अनुरोध किया कि वे सरकार के विभिन्न विभागों के अधिकृत सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर दी जाने वाली आधिकारिक सूचना और समाचारों पर ध्यान दें।
मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र पटेल ने साफ तौर पर कहा कि विशेषकर सीमावर्ती क्षेत्रों या गांवों में किसी भी संदिग्ध गतिविधियों, वस्तुओं या व्यक्तियों के बारे में जानकारी मिलते ही प्रशासन फौरन अलर्ट मोड पर रहते हुए तत्काल कार्रवाई करे।
मुख्यमंत्री ने सेना, वायुसेना, नौसेना, कोस्ट गार्ड, बीएसएफ और अन्य केंद्रीय एजेंसियों की सतर्क कार्रवाई की सराहना करते हुए यह आश्वासन दिया कि राज्य सरकार की ओर से उन्हें आवश्यकतानुसार त्वरित सहायता मिलेगी।
बैठक में मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव श्री एम.के. दास, पुलिस महानिरीक्षक श्री विकास सहाय के अलावा राजस्व और ऊर्जा विभाग के अपर मुख्य सचिव तथा शहरी विकास विभाग, उद्योग, जलापूर्ति, नागरिक आपूर्ति, परिवहन और आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव, मुख्यमंत्री की सचिव श्रीमती अवंतिका सिंह एवं केंद्रीय एजेंसियों तथा सेना एवं बीएसएफ के अधिकारी भी मौजूद रहे।